शुक्रवार की वृद्धि के साथ राष्ट्रीय राजधानी में पेट्रोल अब 91.27 रुपये लीटर और डीजल 81.73 रुपये लीटर पर बेचा जा रहा है।
2020 की दूसरी तिमाही में लगाए गए राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन की तरह इस बार लॉकडाउन न लगाए जाने की वजह से ऊर्जा की मांग अब तक अपेक्षाकृत रूप से मजबूत साबित हुई है
लॉकडाउन के लागू रहने की वजह से अप्रैल 2020 में ईंधन की बिक्री बेहद कम रही थी इसलिए इस वर्ष अप्रैल माह में ईंधन बिक्री की तुलना वर्ष 2019 से की गई है।
तेल कंपनियों ने सोमवार को लगातार चौथे दिन पेट्रोल-डीज़ल की कीमत में कोई बदलाव नहीं किया है। इसके पहले रविवार को पेट्रोल और डीज़ल का भाव स्थिर था।
पेट्रोल के दाम में 20.82 रुपए की बहुत बड़ी बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है। कोरोना वायरस के इस दौर में लोग पेट्रोल की बढ़ी कीमतों से परेशान है। ऐसे में 25 मार्च 2020 से आज की तारीख में पेट्रोल के दाम में 20.82 रुपए की बढ़ोत्तरी हो चुकी है।
वर्तमान में राष्ट्रीय राजधानी में पेट्रोल 90.40 रुपये प्रति लीटर और डीजल 80.73 रुपये प्रति लीटर बिक रहा है।
विदेशी बाजारों में कच्चे तेल में एक बार फिर बढ़त देखने को मिल रही है। ब्रेंट क्रूड के लिए जून 2021 कॉन्ट्रैक्ट एक बार फिर बढ़त के साथ 63 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर निकल गया है।
पेट्रोल डीजल को लेकर बड़ी खबर आई है। जनता पहले ही तेल की कीमत बढ़ने से परेशान है। भारत सरकार अबतक तेल के बड़े हुए दाम से लोगों को बहुत ज्यादा राहत नही दे पाई है।
विदेशी बाजारों में क्रूड की कीमतें में गिरावट देखने को मिल रही है। ब्रेंट क्रूड 17 मार्च के बाद से 65 डॉलर प्रति बैरल से नीचे चल रहा है। फिलहाल कीमतें 63 डॉलर प्रति बैरल के स्तर से नीचे आ गई है।
भारत में पेट्रोल डीजल को लेकर आई फिर बड़ी खबर आई है। भारत में पिछले वित्त वर्ष में कुछ ऐसा हुआ है जो पिछले 21 सालों में पहली बार है।
राजस्थान पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन ने राजस्थान सरकार द्वारा पेट्रोल-डीजल पर की गई अप्रत्याशित वैट वृद्धि के विरोध में शनिवार, 10 अप्रैल को एक दिन की हड़ताल करने की घोषणा की है।
ईरान से तेल खरीदाना रिफाइनरियों के लिए फायदेमंद होता है क्योंकि ईरान 60 दिन की उधारी पर तेल देता है।
गुरुवार के कारोबार में ब्रेंट क्रूड 62.52 के निचले स्तरों तक पहुंच गया। बुधवार को ब्रेंट 63.16 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर बंद हुआ था। 17 मार्च से ब्रेंट क्रूड 65 डॉलर प्रति बैरल के स्तर से नीचे बना हुआ है।
पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने रविवार को कहा कि पेट्रोल डीजल और रसोई गैस की कीमतों में अब कटौती की शुरुआत हो चुकी है। आने वाले समय में इसमें और कटौती होगी।
बीते 10 दिनों से ब्रेंट क्रूड की कीमतें 65 डॉलर प्रति बैरल के स्तर से नीचे चल रही हैं। हालांकि बीते महीने कीमतें 71 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गई थीं। आने वाले समय में उत्पादन बढ़ने से कीमतों में और गिरावट दर्ज हो सकती है।
पेट्रोल डीजल के दाम जल्द कम हो सकते है। तेल को लेकर बड़ी खबर आई है। ओपेक (Organization of the Petroleum Exporting Countries (OPEC) पेट्रोलियम उत्पादक 13 देशों के संगठन ने गुरुवार को कहा कि उन्होंने मई से जुलाई तक धीरे-धीरे तेल उत्पादन प्रति दिन 2 मिलियन बैरल प्रति बैरल करने का फैसला लिया है।
गुरुवार को घरेलू रसोई गैस एलपीजी की कीमत में भी 10 रुपये की कटौती प्रभावी हो गई है। एलपीजी के दाम में भी यह कटौती चार बार की मूल्यवृद्धि के बाद की गई है।
अंतरराष्ट्रीय कच्चे तेल के दाम, जिसके आधार पर रिटेल कीमत तय की जाती है, पिछले कुछ दिनों से नरम बने हुए हैं।
कच्चा तेल फिलहाल 65 डॉलर प्रति बैरल के स्तर से नीचे कारोबार कर रहा है। 3 मार्च को कीमत 70 डॉलर प्रति बैरल के करीब पहुंच गई थी, वहीं बीते हफ्ते कीमत 60 डॉलर प्रति बैरल के करीब आ गई थी।
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