ये लगातार 7वां दिन है जब पेट्रोल और डीजल की कीमतों कोई बदलाव नहीं किया गया। सितंबर के दौरान दो बार में ईंधन कीमतें 30 पैसे कम हुई हैं
रविवार को पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 15-15 पैसे प्रति लीटर की कटौती की गयी थी। वहीं 3 सप्ताह से कम वक्त में डीजल 1 रुपये प्रति लीटर से ज्यादा सस्ता हो चुका है।
पिछले करीब एक पखवाड़े में अब तक डीजल 1.25 रुपये प्रति लीटर सस्ता हो चुका है। वहीं 17 जुलाई के बाद से पेट्रोल के दाम नहीं बढ़े हैं।
10 से 15 साल पुराने वाहनों के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त किया जा सकता है ताकि उन्हें उन राज्यों में पंजीकृत किया जा सके, जहां इसकी अनुमति है।
जानकार मान रहे हैं कि तेल की सप्लाई में बढ़त, कोरोना के बढ़ते मामले और अमेरिका और चीन के सुस्त आर्थिक आंकड़ों की वजह से क्रूड कीमतों में फिर दबाव देखने को मिल सकता है।
ब्रेंट क्रूड वापस 71 के स्तर पर पहुंच गया है, जो कि एक हफ्ते पहले 67 के स्तर से नीचे आ गया था। फिलहाल देश के कई राज्यों में पेट्रोल 100 रुपये प्रति लीटर के पार है।
बीते हफ्ते कच्चे तेल में पिछले 9 महीने की सबसे लंबी अवधि की गिरावट देखने को मिली है। ब्रेंट क्रूड फिलहाल 66 डॉलर प्रति बैरल से नीचे आ गया है
हफ्ते के दौरान कच्चे तेल की कीमतें करीब 7 प्रतिशत घटी हैं। कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट से ही तेल कीमतों में कटौती का रास्ता साफ हुआ।
ब्रेंट की कीमत फिलहाल करीब 3 महीने के निचले स्तरों पर पहुंच गयी हैं। ये लगातार छठा दिन रहा है, जब कीमतों में गिरावट देखने को मिली है। इस दौरान ब्रेंट करीब 6 प्रतिशत टूट गया है।
सीतारमण ने कहा कि पिछले सात सालों के दौरान तेल बॉन्ड पर कुल मिलाकर 70,195.72 करोड़ रुपये के ब्याज का भुगतान किया गया है।
लगातार तेल की कीमतों में बढ़ोतरी के चलते राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, ओडिशा, केरल, बिहार और पंजाब सहित 15 राज्यों में पेट्रोल के दाम 100 रुपये प्रति लीटर से ऊपर चले गए हैं।
लगातार तेल की कीमतों में बढ़ोतरी के चलते राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, ओडिशा, केरल, बिहार और पंजाब सहित 15 राज्यों में पेट्रोल के दाम 100 रुपये प्रति लीटर से ऊपर चले गए हैं।
DMK ने दरअसल विधानसभा चुनावों के दौरान उनकी सरकार बनने पर पेट्रोल पर पांच रुपये और डीजल पर चार रुपये प्रति लीटर की कटौती करने का वादा किया था।
कोविड की तीसरी लहर की आशंका से कच्चे तेल में नरमी देखने को मिल रही है। हालांकि गिरावट के बावजूद ब्रेंट 70 डॉलर प्रति बैरल के करीब बना हुआ है।
कोविड की तीसरी लहर की आशंका से कच्चे तेल में नरमी देखने को मिल रही है। हालांकि गिरावट के बावजूद ब्रेंट 70 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर बना हुआ है।
13 हफ्ते से कम के वक्त में पेट्रोल में 11.44 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि हुई है। वहीं डीजल की कीमत भी पिछले दो महीनों में 9.14 रुपये प्रति लीटर बढ़ी है।
राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, ओडिशा, तमिलनाडु, केरल, बिहार और पंजाब सहित 15 राज्यों में पेट्रोल के दाम 100 रुपये प्रति लीटर से ऊपर चले गए हैं।
12 हफ्ते से कम के वक्त में पेट्रोल में 11.44 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि हुई है। इसी तरह, राजधानी में डीजल की कीमत भी पिछले दो महीनों में 9.14 रुपये प्रति लीटर बढ़ी है।
प्राप्त राजस्व का उपयोग सरकार की विभिन्न विकास संबंधी योजनाओं जैसे प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, प्रधानमंत्री उज्जवला योजना, आयुष्मान भारत, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना में किया जाता है।
पेट्रोलियम मंत्री के मुताबिक फिलहाल सरकार पेट्रोल और डीजल कीमतों को एक समान बनाने की किसी योजना पर कोई विचार नहीं कर रही है।
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