अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चा तेल 130 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया है। अब ईंधन की कीमत में बढ़ोतरी के कयास लगाए जा रहे हैं।
पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच देश में कच्चे तेल की कमी नहीं होने देने का भरोसा दिलाते हुए मंगलवार को कहा कि पेट्रोलियम कंपनियां ही ईंधन कीमतों पर कोई निर्णय करेंगी।
रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध का असर घरेलू बाजार में अब ईंधन की कीमतों पर दिखाई देना शुरू हो गया है। क्रूड ऑयल और बहुमूल्य धातुओं की कीमत में तेजी के बाद अब सीएनजी की कीमत में इजाफा हो गया है।
पांच राज्यों में चुनाव के चलते देश में 4 नवंबर 2021 के बाद से पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बदलाव नहीं हुआ है। वहीं, ब्रेंट क्रूड इस दौरान 81 डॉलर प्रति बैरल से बढ़कर 130 डॉलर के पार पहुंच गया है।
आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज ने एक रिपोर्ट में कहा कि बीते दो महीनों में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तेल के दाम बढ़ने से सरकारी स्वामित्व वाले खुदरा तेल विक्रेताओं को लागत वसूली के लिए 16 मार्च 2022 या उससे पहले ईंधन के दामों में 12.1 प्रति लीटर की वृद्धि करनी होगी।
कमोडिटी एक्सपर्ट और केडिया कमोडिटी के डायरेक्टर अजय केडिया ने इंडिया टीवी को बताया कि बीते 90 दिन में कच्चा तेल 90% महंगा हो गया है।
आने वाले दिनों में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में 25 रुपये तक की बढ़ोतरी हो सकती है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, कच्चा तेल 1 डॉलर प्रति बैरल महंगा होने पर देश में पेट्रोल-डीजल के दाम औसतन 55-60 पैसे प्रति लीटर बढ़ जाते हैं।
ऐसी संभावना जताई जा रही है कि उत्तर प्रदेश, पंजाब और उत्तराखंड समेत पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव खत्म होने के साथ ही पेट्रोल एवं डीजल की कीमतों में तीव्र वृद्धि हो सकती है
पेट्रोलियम मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले पेट्रोलियम योजना और विश्लेषण प्रकोष्ठ (पीपीएसी) के अनुसार 2022-23 में ईंधन खपत बढ़कर 21.45 करोड़ टन हो जाने का अनुमान है।
उत्तर प्रदेश सहित 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव के नतीजे 10 मार्च को आने हैं। उसके बाद आप पर महंगाई का बड़ा प्रहार हो सकता है।
यह बजट समावेशी विकास को बेहतर ढंग से अंजाम देने और व्यवस्था के निचले स्तर पर मौजूद लोगों को भी इस प्रक्रिया में शामिल करने की बात करता है।
आने वाले दिनों में घरेलू बाजार में पेट्रोल-डीजल समेत तमाम पेट्रोलियम उत्पाद महंगे होंगे। यह जरूरी सामान की कीमत में बढ़ोतरी करने का भी काम करेंगे। इससे आम लोगों पर घर के बजट का बोझ बढ़ना तय है।
ऊर्जा विशेष, नरेंद्र तनेजा ने इंडिया टीवी को बताया कि सरकार ने बजट में सिर्फ 'प्योर पेट्रोल-डीजल' पर ही एक्साइज ड्यूटी बढ़ाने का ऐलान किया है।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल के दाम बढ़ रहे हैं। ब्रेंट कच्चा तेल पांच नवंबर, 2021 को 82.74 डॉलर प्रति बैरल पर था। उसके बाद से इसके दाम बढ़ रहे हैं और यह 85 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया है।
इंडिया इंफोलाइन के वाइस प्रेसिडेंट (कमोडिटी और करेंसी) अनुज गुप्ता ने इंडिया टीवी को बताया कि कच्चे तेल की कीमतों में बीते दो महीने से लगातार तेजी है।
देश के पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं, जिसकी आचार संहिता बीते शनिवार को ही लागू हुई है। लेकिन तेल के दाम करीब ढाई महीने से स्थिर हैं।
सरकार राज्य स्तर से दोपहिया वाहन के लिए पेट्रोल पर प्रति लीटर 25 रुपये की राहत देगी। इसका लाभ 26 जनवरी, 2022 से मिलना शुरू होगा।
झारखंड में पेट्रोल और डीजल 25 रुपए सस्ता हो गया है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है।
तेल और प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी) ने पश्चिमी अपतटीय क्षेत्रों में उपकरण जुटाने में देरी के कारण नवंबर में 16 लाख टन कच्चे तेल का उत्पादन किया
ताजा फैसले में सीपीसी ने पेट्रोल की कीमत में 20 रुपये और डीजल की कीमत में 10 रुपये की बढ़ोतरी की है।
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