बड़े लोन में डिफ़ॉल्ट का खतरा रहता है। इसके चलते इंश्योरेंस कंपनी बड़े लोन के इंश्योरेंस पर अधिक प्रीमियम वसूलती है।
अधिक ब्याज वाले लोन जल्द चुकाने से आपको अच्छी बचत हो जाएगी। यह आप पर वित्तीय बोझ को कम करेगा। होम लोन पर ब्याज की दर कम होती है। इसएि उसे जल्द चुकाने की कोशिश नहीं करें।
पोस्ट ऑफिस मंथली इनकम स्कीम में आप चाहें तो हर महीने ब्याज की राशि अपने अकाउंट में हासिल कर सकते हैं। इसमें सिंगल अकाउंट के अलावा तीन वयस्क मिलकर ज्वाइंट अकाउंट भी खोल सकते हैं।
Personal Loan Hidden Charge: पर्सनल लोन में बैंकों और एनबीएफसी कंपनियों की ओर से कई ऐसे चार्जेस वसूले जाते हैं। जो कि ग्राहकों पर अधिक आर्थिक बोझ डालते हैं।
जीवन अनिश्चितताओं से भरा है। हमें किसी भी वक्त अपनी क्षमता से अधिक पैसों की जरूरत पड़ सकती है। इस काम में हमारी मदद करता है पर्सनल लोन। देश की बैंकिंग प्रणाली में पर्सनल लोन सबसे अधिक उपयोग किया जाने वाला टूल है।
एसआईपी निवेश की खास बात यह है कि आप छोटी बचत राशि के साथ शुरुआत कर सकते हैं। यह बाजार की अस्थिरता और बाजार के समय के बारे में चिंता किए बिना अनुशासित तरीके से निवेश करने में मदद करता है।
जब पीपीएफ या ईएलएसएस दोनों ही निवेश विकल्पों में फायदे और नुकसान हैं, इसलिए आप वह विकल्प चुन सकते हैं जो आपके वित्तीय लक्ष्यों के अनुकूल हो। अपनी वित्तीय ज़रूरतों का मूल्यांकन करें और उसके अनुसार सोच-समझकर निर्णय लें।
आरडी का कार्यकाल 6 महीने से 10 साल तक हो सकता है। जबकि, म्यूचुअल फंड एसआईपी के मामले में, ईएलएसएस के अलावा कोई लॉक-इन अवधि नहीं है
अगर आप आज से ही बचत की शुरुआत कर देती हैं तो कल आप अपनी जिम्मेदारियों और जरूरतों को आसानी से पूरा कर सकेंगी। जानकारों का मानना है कि सेविंग जितनी जल्दी शुरू कर दी जाए उतना अच्छा।
आप इस स्कीम में 100 के मल्टीपल में चाहे जितनी रकम हो, निवेश कर सकते हैं। इसमें कोई मैक्सिमम लिमिट नहीं है। इस स्कीम के तहत कितने भी अकाउंट खोले जा सकते हैं।
जब हम कई लोन को एक साथ चुकाने के बारे में सोच रहे हैं तो यह आवश्यक है कि आपको अपने लोन की पूरी समझ हो। यह भी जानकारी हो कि आप एक साथ इसे कैसे मैनेज करेंगे। कई लोन को एक साथ करने में सभी मौजूदा लोन की ईएमआई के साथ एक चुकाना होता है। यह रीपेमेंट प्रक्रिया को सरल बनाता है और कई लाभ भी प्रदान करता है।
Personal Loan: पर्सनल लोन लेते समय ये काफी अहम फेक्टर होता है कि आपको कितने तक का लोन मिल सकता है। आज हम इस आर्टिकल में इसके बारे में विस्तार से बताने जा रहे हैं।
प्रीमियम के भुगतान में चूक करना लाइफ इंश्योरेंस क्लेम के रिजेक्ट होने की एक बड़ी वजह है। किसी आवेदक द्वारा दी गई मेडिकल जानकारी को वेरिफाई करने के लिए बीमा कंपनियां अक्सर मेडिकल टेस्ट करती हैं।
अप्रैल-दिसंबर, 2023 के दौरान कुल जमाओं में जो बढ़ोतरी हुई, उसमें सावधि जमाओं की हिस्सेदारी लगभग 97.6 प्रतिशत थी। आरबीआई ने आगे कहा कि ज्यादा ब्याज दर वाली कैटेगरी में धनराशि जमा की जा रही है।
अगर आप कार्यकाल से पहले एफडी राशि को निकालते हैं तो बैंकों द्वारा लगाए गए जुर्माने के चलते आपको अपना पैसों का नुकसान होना तय है।
मुश्किल समय में जब पैसों की जरूरत होती है तो तब पर्सनल लोन (Personal Loan) आसानी से विकल्प बन जाता है। बदलते दौर में पर्सनल लोन लेने वाले तेजी से बढ़े हैं। हालांकि, कुछ बातों का ख्याल रखकर सस्ता पर्सनल लोन लिया जा सकता है।
एनपीएस को पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) द्वारा विनियमित किया जाता है, म्यूचुअल फंड को भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) द्वारा विनियमित किया जाता है।
नया कारोबार या नौकरी शुरू करने के दौरान हमें कुछ फाइनेंसियल बातों का ध्यान रखना चाहिए, जिससे कि आपको बाद में किसी वित्तीय परेशानी का सामना न करना पड़े।
Interview anxiety tips: इंटरव्यू देने से पहले या देने के दौरान भी लोग अक्सर एंग्जायटी में रहते हैं। ऐसे में आप इन टिप्स की मदद से इस डर और तनाव को कम कर सकते हैं।
म्यूचुअल फंड लचीले भी होते हैं, जिससे प्रवेश और निकास बहुत आसान होता है। यहां तक कि 500 रुपये प्रति माह बचाने वाला व्यक्ति भी एकमुश्त या एसआईपी के जरिये म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकता है।
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