पर्सनल लोन न चुकाने पर ग्राहक के क्रेडिट इतिहास पर भी असर पड़ता है। भविष्य में लोन मिलने में मुश्किलें आ सकती हैं। साथ ही साथ ग्राहक पर भारतीय दंड संहिता की धारा 420 के तहत भी मामला दर्ज किया जा सकता है, जिसमें कारावास शामिल है।
पर्सनल लोन के लिए अफ्लाई करने से पहले आपको जरूरी लोन राशि तय कर लेना चाहिए। एक बार जब आप लोन राशि निर्धारित कर लेते हैं, तो आप लोन राशि और अवधि के आधार पर मासिक किस्त के दायित्वों को कैलकुलेट कर सकते हैं।
लोन की अवधि चुनने में अपनी मासिक आय और व्यय का आकलन करें। कम अवधि के लोन के परिणामस्वरूप मासिक भुगतान अधिक होता है, जो आपके बजट को काफ़ी हद तक प्रभावित कर सकता है।
पर्सनल लोन एक तरह से असुरक्षित लोन होते हैं। ऐसे में बैंक सही मूल्यांकन के बाद ही इसे ऑफर करते हैं। हर बैंक या संस्थान के अपने मानदंड होते हैं, और जो उन्हें पूरा कर सकते हैं उन्हें पर्सनल लोन दिया जाता है।
अगर आपके पास कुछ चेक के पेज हैं जिनका इस्तेमाल नहीं किया गया है, तो आपको उन्हें भी कलेक्ट करना चाहिए। नो ड्यूज सर्टिफिकेट और बिना इस्तेमाल किए चेक के पन्ने, आमतौर पर, लोन को बंद करने की प्रक्रिया के आखिरी स्टेप का प्रतीक है।
Personal Loan: पर्सनल लोन लेते समय ये काफी अहम फेक्टर होता है कि आपको कितने तक का लोन मिल सकता है। आज हम इस आर्टिकल में इसके बारे में विस्तार से बताने जा रहे हैं।
अगस्त 2023 में पर्सनल लोन सेगमेंट का कुल लोन 47.70 लाख करोड़ रुपये था, जबकि एक साल पहले समान अवधि यानी अगस्त 2022 में यह 36.47 लाख करोड़ रुपये था।
एसबीआई (SBI) के मुताबिक, आप कम से कम 24000 और मैक्सिमम 20 लाख रुपये तक का पर्सनल लोन (personal loan) ले सकते हैं।
जब आप पर्सनल लोन के लिए अप्लाई करते हैं, तो बैंक सबसे पहले आपका क्रेडिट स्कोर चेक करता है। ज्यादातर बैंक 750 से ज़्यादा क्रेडिट स्कोर वाले लोगों को लोन देना पसंद करते हैं।
पर्सनल लोन पर कई तरह के शुल्क लगते हैं। वहीं, अलग-अलग बैंकों और एनबीएफसी में पर्सनल लोन पर अलग-अलग चार्ज लग सकते हैं।
यदि आप किसी नामचीन संस्थान से जुड़े हुए हैं तो आपके पास पर्सनल लोन के लिए आफर आते होंगे। कई बार लोग खास जरूरत न होने पर भी लोन ले लेते हैं लेकिन इसकी ईएमआई
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