प्री-अप्रूव्ड लोन के लिए क्रेडिट हिस्ट्री सही होना चाहिए। डिफॉल्टर या समय पर EMI नहीं देने वाले लोग इसके पात्र नहीं है। जानिए प्री-अप्रूव्ड लोन लेने की प्रक्रिया और इसकी खासियत।
तमाम जानकार पर्सनल लोन की तुलना में गोल्ड लोन को बेहतर मानते हैं। अगर आप पर्सनल लोन ले रहे हैं तो आपको कुछ गिरवी नहीं रखना पड़ता है।
अगर आप नौकरी करते हैं तो पर्सनल लोन लेने के लिए अपने सैलरी अकाउंट का इस्तेमाल करें। बैंक सैलरीड एम्पलाई को कम ब्याज पर पर्सनल लोन ऑफर करते हैं।
पर्सनल लोन पर कई तरह के शुल्क लगते हैं। वहीं, अलग-अलग बैंकों और एनबीएफसी में पर्सनल लोन पर अलग-अलग चार्ज लग सकते हैं।
बीते 1 साल से रिजर्व बैंक रेपो रेट में लगातार वृद्धि कर रहा है। इससे पर्सनल लोन (Personal Loan) की दरें 18 से 25 प्रतिशत तक पहुंच चुकी हैं।
सिबिल स्कोर आपके क्रेडिट योग्यता को दर्शाता है, जिससे बैंक को ये पता लग पाता है कि आपको कितने रुपये तक का लोन दिया जा सकता है।
LIC पॉलिसी एक तरह से वस्तु गिरवी रखकर मिलने वाला लोन होता है। यहां आप मकान या सोना गिरवी रखने की बजाए बीमा पॉलिसी गिरवी रखते हैं।
कर्ज में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की हिस्सेदारी मार्च 2022 में 54.8 प्रतिशत रही। यह पांच साल पहले 65.8 प्रतिशत और 10 साल पहले 74.2 प्रतिशत थी।
तमाम जानकार पर्सनल लोन की तुलना में गोल्ड लोन को बेहतर मानते हैं। अगर आप पर्सनल लोन ले रहे हैं तो आपको कुछ गिरवी नहीं रखना पड़ता है।
पर्सनल लोन और क्रेडिट कार्ड लोन के बीच तुलना की जाए तो दोनों में ही निश्चित प्रक्रिया का पालन किया जाता है। लेकिन फिर भी क्रेडिट कार्ड का लोन आसानी से और जल्दी प्राप्त हो जाता है।
SBI जैसे सरकारी बैंक हो या कोई भी प्राइवेट बैंक, सभी बैंक पर्सनल लोन के मामले में बहुत ही सतर्क हो गए हैं। बैंक प्रचार में पर्सनल लोन की प्रक्रिया को जितना इंस्टैंट बताएं, लेकिन यह उतनी सुविधाजनक है नहीं।
Personal Loan लेने की योजना बना रहे हों तो सबसे पहले विभिन्न बैंकों के ब्याज दरों की तुलना करें।
आर्थिक स्थिति भी अच्छी न हो और आपकी क्रेडिट रिपोर्ट भी डांवाडोल हो तो बैंक आपसे कर्ज के बदले गारंटर मांगता है।
क्रेडिट कार्ड कंपनियां आपसे कमरतोड़ ब्याज वसूलती हैं। दूसरी ओर बैंक भी आपसे तमाम दस्तावेज मांगते हैं और आपके उब जाने जितना वक्त भी लेते हैं।
म्यूचुअल फंड यूनिट्स के बदले लोन लेने के लिए आपको बैंक या एनबीएफसी के साथ लोन एग्रीमेंट करना होता है। लोन की रकम के बदले आपकी म्यूचुअल फंड की यूनिट गिरवी रखी जाती हैं।
मोबाइल ऐप के जरिये छोटी अवधि के लिये ऊंचे ब्याज पर व्यक्तिगत कर्ज देने वाले मंचों के नियमन का आग्रह किया गया है
पर्सनल लोन पर कई तरह के शुल्क लगते हैं। वहीं, अलग-अलग बैंकों और एनबीएफसी में पर्सनल लोन पर अलग-अलग चार्ज लग सकते हैं। तो आइए जानते हैं कि पर्सनल लोन लेने पर कितना खर्च आता है।
इंडिया टीवी पैसा की टीम बता रही है, क्रेडिट कार्ड और पर्सनल लोन से जुड़े पहलुओं के बारे में। जिनके आधार पर आप अपने अंतिम फैसले पर आसानी से पहुंच सकते हैं।
कार लोन या होम लोन के विपरीत पर्सनल लोन को हम किसी भी जरूरत के लिए उपयोग में ला सकते हैं। क्योंकि देनदार को इससे कुछ भी लेना-देना नहीं होता है कि आप उस पैसे का उपयोग कैसे और कहां करते हैं।
यदि आप वित्तीय रूप से इन सभी परिस्थितियों के लिए तैयार नहीं हैं, तब आपकी पूरी बचत खत्म हो सकती है या आपकी वित्तीय स्वास्थ्य को बहुत अधिक बड़ा झटका लग सकता है।
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