फिक्स्ड डिपोजिट में निवेश आपको गारंटीड रिटर्न देता है। आप चाहें तो बैंक, पोस्ट ऑफिस या एनबीएफसी में से कहीं भी एफडी में पैसा जमा कर सकते हैं। फिलहाल कुछ बड़े बैंक काफी आकर्षक ब्याजज ऑफर कर रहे हैं।
ज्वाइंट होम लोन लेना आपके लिए फायदेमंद हो सकता है। हां, इसके लिए अप्लाई करने से पहले की बातों पर गौर करना जरूरी है। होम लोन का समय पर पुनर्भुगतान सभी सह-आवेदकों की सामूहिक और व्यक्तिगत जिम्मेदारी है।
Personal Loan: पर्सनल लोन बैंक और व्यक्ति के बीच एग्रीमेंट के आधार पर दिया जाता है। इस कारण आमतौर पर इसे ट्रांसफर नहीं किया जा सकता है।
सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम में कम से कम 1000 रुपये निवेश कर सकते हैं। साथ ही 1000 के मल्टीपल में आप मैक्सिमम 30 लाख रुपये इस स्कीम में जमा कर सकते हैं।
Personal Loan एक अनसिक्योर्ड लोन होता है और 720 से लेकर 750 के क्रेडिट स्कोर पर आसानी से पर्सनल लोन मिल जाता है।
यह भारत सरकार की सेविंग स्कीम है। यानी आपको अपने पैसों की कोई चिंता नहीं करनी है, वह पूरी तरह सुरक्षित भी रहेंगे। स्कीम पर ब्याज दर भारत सरकार (वित्त मंत्रालय) ही समय-समय पर तय करती है। कम से कम 1000 रुपये निवेश कर सकते हैं और 100 के मल्टीपल में चाहे आप जितनी रकम हो, निवेश कर सकते हैं।
नेशनल पेंशन सिस्टम एक सरकार द्वारा प्रायोजित और बाजार से जुड़ी पेंशन योजना है। पब्लिक प्रोविडेंट फंड सरकार द्वारा वित्त पोषित योजना है जो चक्रवृद्धि ब्याज के जरिये आपके निवेश पर गारंटीकृत रिटर्न प्रदान करती है।
अगर आपके पास कुछ चेक के पेज हैं जिनका इस्तेमाल नहीं किया गया है, तो आपको उन्हें भी कलेक्ट करना चाहिए। नो ड्यूज सर्टिफिकेट और बिना इस्तेमाल किए चेक के पन्ने, आमतौर पर, लोन को बंद करने की प्रक्रिया के आखिरी स्टेप का प्रतीक है।
वैसे भारतीय जो 18-50 साल की आयु वर्ग के हैं और उनका बैंक में या पोस्ट ऑफिस में बचत खाता है, इस योजना का लाभ ले सकते हैं। सालाना प्रीमियम के भुगतान के आधार पर 1 जून से 31 मई तक कवरेज वैलिड रहता है।
पोस्ट ऑफिस मंथली इनकम स्कीम में आप चाहें तो हर महीने ब्याज की राशि अपने अकाउंट में हासिल कर सकते हैं। इसमें सिंगल अकाउंट के अलावा तीन वयस्क मिलकर ज्वाइंट अकाउंट भी खोल सकते हैं।
एसआईपी निवेश की खास बात यह है कि आप छोटी बचत राशि के साथ शुरुआत कर सकते हैं। यह बाजार की अस्थिरता और बाजार के समय के बारे में चिंता किए बिना अनुशासित तरीके से निवेश करने में मदद करता है।
जब पीपीएफ या ईएलएसएस दोनों ही निवेश विकल्पों में फायदे और नुकसान हैं, इसलिए आप वह विकल्प चुन सकते हैं जो आपके वित्तीय लक्ष्यों के अनुकूल हो। अपनी वित्तीय ज़रूरतों का मूल्यांकन करें और उसके अनुसार सोच-समझकर निर्णय लें।
आरडी का कार्यकाल 6 महीने से 10 साल तक हो सकता है। जबकि, म्यूचुअल फंड एसआईपी के मामले में, ईएलएसएस के अलावा कोई लॉक-इन अवधि नहीं है
अगर आप आज से ही बचत की शुरुआत कर देती हैं तो कल आप अपनी जिम्मेदारियों और जरूरतों को आसानी से पूरा कर सकेंगी। जानकारों का मानना है कि सेविंग जितनी जल्दी शुरू कर दी जाए उतना अच्छा।
आप इस स्कीम में 100 के मल्टीपल में चाहे जितनी रकम हो, निवेश कर सकते हैं। इसमें कोई मैक्सिमम लिमिट नहीं है। इस स्कीम के तहत कितने भी अकाउंट खोले जा सकते हैं।
प्रीमियम के भुगतान में चूक करना लाइफ इंश्योरेंस क्लेम के रिजेक्ट होने की एक बड़ी वजह है। किसी आवेदक द्वारा दी गई मेडिकल जानकारी को वेरिफाई करने के लिए बीमा कंपनियां अक्सर मेडिकल टेस्ट करती हैं।
अप्रैल-दिसंबर, 2023 के दौरान कुल जमाओं में जो बढ़ोतरी हुई, उसमें सावधि जमाओं की हिस्सेदारी लगभग 97.6 प्रतिशत थी। आरबीआई ने आगे कहा कि ज्यादा ब्याज दर वाली कैटेगरी में धनराशि जमा की जा रही है।
अगर आप कार्यकाल से पहले एफडी राशि को निकालते हैं तो बैंकों द्वारा लगाए गए जुर्माने के चलते आपको अपना पैसों का नुकसान होना तय है।
एनपीएस को पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) द्वारा विनियमित किया जाता है, म्यूचुअल फंड को भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) द्वारा विनियमित किया जाता है।
नया कारोबार या नौकरी शुरू करने के दौरान हमें कुछ फाइनेंसियल बातों का ध्यान रखना चाहिए, जिससे कि आपको बाद में किसी वित्तीय परेशानी का सामना न करना पड़े।
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