सर्वे के अनुसार, “5 में से 3 लोग (63 प्रतिशत) मानते हैं कि लोन के लिए आवेदनों में अपनी आय को बढ़ा-चढ़ाकर बताना ठीक या सामान्य बात है, जो वैश्विक औसत 39 प्रतिशत से काफी ज्यादा है।”
बजट एक बड़ी भूमिका निभाता है, जिसमें यह आपको बताता है कि पैसे कैसे बचाएं। अगर आप बचत शुरू करने से पहले पर्याप्त इनकम अर्जित करने का इंतजार करते हैं, तो वह दिन कभी नहीं आ सकता है।
बड़ी राशि को बेकार रखने के बजाय, इसे लंबी अवधि के लिए निवेश करने पर विचार करें। समझदारी इसी में है कि टर्म इंश्योरेंस के पैसे से फिजूलखर्ची नहीं करें। अधिक पैसे खर्च करने से लंबे समय में वित्तीय अस्थिरता हो सकती है।
अगर आप भी लोगों के बीच में बेइज्जत नहीं होना चाहते हैं, तो आपको चाणक्य की कुछ बातों को हमेशा ध्यान रखना चाहिए।
देश के कई बैंक म्यूचुअल फंड के बदले 10 से 15 प्रतिशत की ब्याज दरों पर लोन मुहैया कराते हैं। बताते चलें कि अगर आपके पास इक्विटी म्यूचुअल फंड है तो आप उसकी वैल्यू का 50 प्रतिशत मार्जिन गिरवी रखना पड़ेगा।
NBFC यानी नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियां और फिनटेक कंपनियां जरूरतमंद लोगों को पर्सनल लोन मुहैया कराती हैं। लेकिन अगर आप किसी फिनटेक कंपनी के मोबाइल ऐप से पर्सनल लोन लेने का प्लान बना रहे हैं तो यहां आपको बहुत सावधान रहना होगा।
एक अच्छी स्ट्रैटेजी आपको आकर्षक निवेश अवसरों की पहचान करने और अनावश्यक जोखिमों के खिलाफ निवेश की गई राशि की सुरक्षा करते हुए उच्चतम संभव रिटर्न देने के लिए विविध पोर्टफोलियो बनाने में सक्षम बनाती है।
घर में नए कमरे बनवाना, बाथरूम की संख्या बढ़ाना या फर्नीचर के काम में मोटा खर्च आता है। इतना ही नहीं, पर्सनल लोन सबसे महंगा लोन होता है। जिसके लिए आपको 13 से 15 प्रतिशत तक का ब्याज चुकाना पड़ता है।
कॉर्पोरेट फिक्स्ड डिपॉज़िट में निवेश करने से पहले, कंपनी की क्रेडिट रेटिंग का आकलन करें। AAA रेटिंग उच्चतम संभव रेटिंग है जिसे किसी भी प्रमुख क्रेडिट-रेटिंग एजेंसी द्वारा असाइन किया जा सकता है। आपकी फाइनेंशियल प्लानिंग के संदर्भ को समझना जरूरी है।
ऑल इंडिया पर्सनल लॉ बोर्ड का कहना है कि मुसलमानों को सेक्यूलर सिविल कोड या यूनिफॉर्म सिविल कोड मंजूर नहीं है। देश का मुसलमान शरिया कानून से कोई समझौता नहीं करेगा।
अगर आप भी अपनी पर्सनालिटी को कॉन्फिडेंट और आकर्षक बनाना चाहते हैं तो आपको कुछ टिप्स को फॉलो करना शुरू कर देना चाहिए। यकीन मानिए इन टिप्स को फॉलो करने के बाद लोग आपको सीरियसली लेना शुरू कर देंगे।
नियमों के मुताबिक, पीपीएफ में अकाउंट होल्डर को साल में कम से कम 500 रुपये जरूर डिपोजिट करना चाहिए। जब कस्टमर यह मिनिमम अमाउंट भी उस साल जमा नहीं किया जाता है तो पीपीएफ अकाउंट इनएक्टिव कैटेगरी में शामिल कर लिया जाता है।
क्या आप जानते हैं कि मतलबी लोगों के अंदर किस तरह की आदतें होती हैं? अगर नहीं, तो आज हम आपको मतलबी लोगों को पहचानने के कुछ तरीकों के बारे में बताएंगे।
म्यूचुअल फंड यूनिट्स को दो तरीकों से रखा जा सकता है, या तो फिजिकल फॉर्म में या डीमैटरियलाइज्ड फॉर्म में। डीमैट अकाउंट आपके शेयरों और दूसरी सिक्योरीटिज को इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में रखने के लिए एक खाता होता है।
स्कीम में तीन वयस्क मिलकर भी ज्वाइंट अकाउंट चला सकते हैं। इतना ही नहीं आप इस स्कीम में जरूरत पड़ने पर लोन भी ले सकते हैं। इसमें छोटी पूंजी से निवेश करेंगे तो आपके पास एक अच्छी खासी रकम जमा हो सकती है।
पर्सनल लोन एक तरह से असुरक्षित लोन होते हैं। ऐसे में बैंक सही मूल्यांकन के बाद ही इसे ऑफर करते हैं। हर बैंक या संस्थान के अपने मानदंड होते हैं, और जो उन्हें पूरा कर सकते हैं उन्हें पर्सनल लोन दिया जाता है।
अगर आप अपने होम लोन को किसी दूसरे बैंक को ट्रांसफर करने के बारे में सोच रहे हैं, तो आपको प्रोसेसिंग फीस, एप्लीकेशन चार्ज, एडमिनिस्ट्रेशन फीस, रिव्यू फीस, और बहुत कुछ सहित विभिन्न शुल्कों का सामना करना पड़ सकता है।
टैक्स की बचत करने के कई ऑप्शन हैं। कुछ निवेश कर तो कुछ साधन ऐसे हैं जिसमें बिना निवेश किए टैक्स बचाने के अवसर देते हैं। आप अपनी सहूलियत और क्षमता के हिसाब से टैक्स बचाने का अपना फैसला कर सकते हैं।
नेशनल पेंशन सिस्टम यानी एनपीएस, एक स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना है, जिसे पेंशन फंड विनियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) की तरफ से डिज़ाइन किया गया है, ताकि आपको रिटायरमेंट कॉर्पस बनाने में मदद मिल सके। पीएफआरडीए ही इसे रेगुलेट भी करता है।
म्यूचुअल फंड/आरटीए से मिले कम्यूनिकेशन/अलर्ट की समीक्षा करें। जरूरतों के मुताबिक कार्य करें, अगर आपके फोलियो में कोई संदेहजनक लेनदेन/परिवर्तन हुआ है तो रिपोर्ट करें।
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