प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में भारत ने विकास की नई बुलंदी को छूने में सफलता पाई है। मोदी सरकार के विकास कार्यों पर अब संयुक्त राष्ट्र की भी मुहर लग गई है। यूएन की रिपोर्ट के अनुसार भारत में जीवन प्रत्याशा और लैंगिक असमानता सूचकांक में शानदार सुधार हुआ है। प्रति व्यक्ति आय बढ़ी है।
दिल्ली सरकार ने शनिवार को कहा कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की प्रति व्यक्ति आय चालू वित्त वर्ष में लगभग 14 प्रतिशत बढ़कर 4,44,768 रुपये प्रति वर्ष हो गई है जो राष्ट्रीय औसत से 158 प्रतिशत अधिक है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी मंगलवार को 77वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लालकिले की प्राचीर से कहा था कि साल 2028 तक भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगी।
केन्द्रीय सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय के द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक 2018-19 के दौरान प्रति व्यक्ति सालाना आय (Per capita income) में इजाफा हुआ है।
दिल्ली की प्रति व्यक्ति आय वित्त वर्ष 2018-19 में 3,65,529 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है। यह राष्ट्रीय औसत आय के मुकाबले तीन गुणा अधिक है।
आंकड़ों के मुताबिक पिछले 4 वित्त वर्षों में देश की प्रति व्यक्ति आय औसतन बढ़कर सालाना 79882 रुपए हुई है
देश की प्रति व्यक्ति आय की वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष 2017-18 में घटकर 8.3 प्रतिशत यानी 1,11,782 रुपए रहने का अनुमान है।
देश में प्रति व्यक्ति आय 2016-17 में 9.7 प्रतिशत बढ़कर 1,03,219 रुपए पर पहुंच गई, जो इससे पिछले साल 94,130 रुपए थी।
जीवन स्तर को मापने में मदद करने वाली देश की प्रति व्यक्ति आय 2016-17 में एक लाख रुपए के स्तर को पार कर जाने की उम्मीद है। पिछले वर्ष यह 93,293 रुपए थी।
वर्ष 2015-16 के दौरान दिल्ली की प्रति व्यक्ति आय 2.8 लाख रुपए रहने का अनुमान है जो कि इससे पिछले वर्ष 2.5 लाख रुपए थी।
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