जम्मू-कश्मीर में विपक्षी दलों ने शनिवार को परिसीमन आयोग की रिपोर्ट को ''बेहद आपत्तिजनक, भेदभावपूर्ण और राजनीतिक रूप से प्रेरित'' करार देकर संयुक्त रूप से खारिज किया और सोमवार को यहां एक आपात बैठक का आह्वान किया।
परिसीमन आयोग ने केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के विधानसभा क्षेत्रों के परिसीमन पर अंतिम रिपोर्ट जारी कर दी है। गुरुवार को नई दिल्ली में जम्मू कश्मीर परिसीमन आयोग ने एक बैठक के बाद रिपोर्ट को जारी किया।
बीजेपी की जम्मू-कश्मीर इकाई के प्रमुख रविंदर रैना और पूर्व उपमुख्यमंत्री कवींद्र गुप्ता और देवेंद्र सिंह राणा सहित अन्य प्रमुख नेता इस मौके पर मौजूद थे।
महबूबा मुफ्ती ने बुधवार को आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी धर्म के आधार पर लोगों को उकसाने के लिए विस्थापित कश्मीरी पंडितों की दशा पर बनी फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ का प्रचार कर रही है।
जुलाई 2018 में महबूबा नीत गठबंधन सरकार से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा समर्थन वापस लिए जाने के बाद कुछ पूर्व मंत्रियों और विधायकों समेत बड़ी संख्या में पीडीपी के वरिष्ठ नेताओं ने पार्टी छोड़ दी थी।
पुलिस ने बताया कि हैदरपुरा इलाके में हुई मुठभेड़ में एक पाकिस्तानी आतंकवादी और उसके स्थानीय साथी मोहम्मद आमिर के साथ दो आम नागरिक- अल्ताफ भट और मुदस्सिर गुल मारे गये। इस इलाके में कथित रूप से एक अवैध कॉल सेंटर और आतंकी ठिकाना था।
गौरतलब है कि परवेज अहमद की मौत सीआरपीएफ कर्मियों की गोलियों से उस वक्त हुई थी, जब सुरक्षाकर्मियों ने उसे एक सीमा चौकी के पास रुकने का संकेत दिया था, लेकिन वह अपना वाहन रोकने में विफल रहा था।
PDP की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने दावा किया कि उन्हें फिर से नजरबंद कर दिया गया क्योंकि उनकी जम्मू कश्मीर के पुलवामा जिले में जाने की योजना थी।
बता दें कि बीजेपी ने वर्ष 2018 में पीडीपी नीत गठबंधन सरकार से तीन साल के बाद समर्थन वापस ले लिया था। महबूबा ने एक बार फिर स्पष्ट किया कि वह चुनाव नहीं लड़ेंगी क्योंकि उनका उद्देश्य संविधान के अनुच्छेद-370 को बहाल करना है।
‘‘ मुझे आज नजरबंद कर दिया गया क्योंकि प्रशासन के अनुसार कश्मीर में स्थिति अभी तक सामान्य है। स्थिति सामान्य होने के दावों की सच्चाई सामने आ गई है।’’
पार्टी ने कहा, ‘‘ईडी का समन जम्मू-कश्मीर के लोगों और नेतृत्व के साथ जोर-जबर्दस्ती करने का एक और षड्यंत्र है ताकि क्षेत्र में असहमति को कुचला जा सके और जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जा और राज्य की पुनर्बहाली की मांग को दबाया जा सके।’’
पीपल्स डेमोक्रेटिव पार्टी (PDP) के सांसद मीर मोहम्मद फैयाज ने जम्मू-कश्मीर के संदर्भ में केंद्र सरकार की तारीफ की।
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि एक समय था, हम जम्मू और कश्मीर सरकार का हिस्सा थे लेकिन हमने गठबंधन तोड़ दिया। हमारा मुद्दा यह था कि जम्मू-कश्मीर में पंचायत चुनाव होने चाहिए और लोगों को अपने प्रतिनिधि चुनने के लिए उचित अधिकार दिए जाने चाहिए।
गुपकर गठबंधन (पीएजीडी) प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने मांग की है कि सरकार यदि चाहती है कि लोकतंत्र जीवित रहे तो पीडीपी के उन नेताओं को फौरन रिहा कर दिया जाए, जिन्हें जिला विकास परिषद (डीडीसी) चुनाव नतीजों की घोषणा से पहले हिरासत में ले लिया गया था।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने सोमवार को जम्मू-कश्मीर में अलगाववाद से संबंधित एक मामले के सिलसिले में पीडीपी के युवा प्रकोष्ठ के अध्यक्ष वहीद पर्रा से पूछताछ की।
नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने बुधवार को आरोप लगाया कि इस महीने के आखिर में जम्मू-कश्मीर में होने वाले DDC के चुनाव में प्रत्याशियों को प्रचार करने से रोका जा रहा है।
पीडीपी के संस्थापक सदस्य मुजफ्फर हुसैन बेग ने शनिवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया।
पीडीपी के तीन नेताओं ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। इस्तीफा देने वाले नेताओं में टीएस बाजवा, वेद महाजन और हुसैन-ए-वफा के नाम शामिल है। पार्टी से इस्तीफा देते हुए उन्होनें पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती को लिखे पत्र में उनपर आरोप लगाते हुए कहा, '' हम उनके द्वारा कुछ कार्यों और उनके बयानों से असहज महसूस कर रहे है जिसने देशभक्ति की भावनाओं को चोट पहुंचाई है।
अधिकारियों ने बताया कि हालांकि पीडीपी कार्यालय में तैनात पुलिसकर्मियों ने उन्हें ऐसा करने से रोक दिया और बाद में प्रदर्शनकारियों को शांतिपूर्वक तितर-बितर कर दिया गया।
करीब 14 महीने की हिरासत के बाद रिहा हुईं जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष और जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने एक बार फिर देशविरोधी बयान दिया है। महबूबा मुफ्ती ने आर्टिकल 370 की बहाली तक तिरंगा हाथ में ना लेने का विवादित बयान दिया है।
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