राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने जम्मू-कश्मीर विधानसभा को भंग कर दिया है। इससे पहले महबूबा मुफ्ती की तरफ से नेशनल कांफ्रेस और कांग्रेस की मदद से सरकार बनाने के लिए राज्यपाल को चिट्ठी भेजी गई थी।
सरकार गिरने के बाद से राज्य में राज्यपाल शासन लागू है। 19 दिसंबर को राज्यपाल शासन के छह महीने पूरे हो जाएंगे और नियमों के मुताबिक, इसे दोबारा बढ़ाया नहीं जा सकता है।
अलगाववादियों ने चुनाव के बहिष्कार की अपील की है जबकि आतंकवादियों ने चुनाव में हिस्सा लेने वालों को निशाना बनाने की धमकी दी है।
राम माधव ने पूछा कि एक तरफ तो दोनो दल विधानसभा भंग कर चुनाव कराने की मांग करते हैं और दूसरी तरफ कहते हैं कि जबतक आर्टिकल 35A का मुद्दा हल नहीं होता तबतक चुनाव नहीं लड़ेंगे
जम्मू क्षेत्र में भाजपा ने 212 वार्डो पर, कांग्रेस ने 110 पर, नेशनल पैंथर्स पार्टी ने 13 और निर्दलीय उम्मीदवारों ने 185 वार्डो पर कब्जा किया है। जम्मू क्षेत्र में जम्मू, सांबा, कठुआ, रियासी, डोडा, किश्तवाड़, रामबन, उधमपुर, पुंछ और रजौरी जिले शामिल हैं।
जम्मू-कश्मीर में आठ अक्टूबर से शुरू हो रहे चार चरण के स्थानीय निकाय चुनावों में 16.97 लाख से अधिक मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर सकेंगे, लेकिन अब तक यहां चुनाव प्रचार का रंग नहीं चढ़ सका है।
इन हथियारों में पांच AK47, चार राइफल और एक पिस्टल शामिल है। मामले की संभीरता को देखते हुए अलर्ट जारी कर दिया गया है। पुलिस ने कहा कि एसपीओ को पकड़ने के लिए अभियान शुरू किया गया है, जो शोपियां जिले का रहने वाला है।
खान ने इस महीने संयुक्त राष्ट्र महासभा से इतर पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी और उनकी भारतीय समकक्ष सुषमा स्वराज के बीच एक बैठक का प्रस्ताव दिया था।
केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को सभी राजनीतिक दलों से अपील की कि वे जम्मू कश्मीर में आगामी पंचायत एवं शहरी निकाय संस्था के चुनाव में हिस्सा लें।
नेशनल कांफ्रेंस और पीडीपी की ओर से घोषित बहिष्कार के बावजूद केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर में पंचायत और शहरी स्थानीय निकायों के चुनाव कराने की दिशा में आगे बढ़ सकती है।
राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने शहरी स्थानीय निकाय चुनाव एक से पांच अक्टूबर के बीच कराने और आठ नवंबर से चार दिसंबर तक पंचायत चुनाव कराने की घोषणा की है।
कश्मीर मुद्दे के राजनीतिक समाधान की पुरजोर वकालत करते हुए पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने बुधवार को कहा कि उनकी पार्टी हमेशा भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत की समर्थक रही है।
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) ने पार्टी नेतृत्व के खिलाफ बगावत का झंडा बुलंद करने वाले विद्रोही नेताओं पर भले ही कोई कार्रवाई ना की हो लेकिन अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से उनमें से कुछ को ‘अनफॉलो’ जरूर कर दिया है।
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) ने तय किया है कि वह राज्यसभा के उपसभापति पद के लिए होने वाले मतदान मे हिस्सा नहीं लेगी।
महबूबा ने भाजपा से हाथ मिलाने के अपने दिवंगत पिता मुफ्ती मुहम्मद सईद के निर्णय को जायज ठहराया। उन्होंने कहा, "मुफ्ती साहब 2015 में भाजपा के साथ हाथ मिलाने पर इसलिए सहमत हुए, क्योंकि वाजपेयी के शासन के दौरान हमारे बीच एक अच्छी आपसी समझ थी।"
घाटी में पथराव की 734 घटनाओं में 592 पुलिसकर्मी, सीआरपीएफ के 219 कर्मी घायल हुए हैं।
अब्दुल्ला पीडीपी प्रमुख के भाषण पर प्रतिक्रिया दे रहे थे। अपने भाषण में महबूबा ने कहा था कि भाजपा के साथ गठबंधन करने को ‘‘एक कप जहर पीने के समान’’ करार दिया था।
बेग ने शनिवार को एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि यदि गाय और भैंस के नाम पर मुस्लिमों की हत्याओं को रोका नहीं गया तो एक बार फिर से देश का बंटवारा हो सकता है।
पीडीपी की प्रमुख और सूबे की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को बड़ा झटका देते हुए 6 विधायक पार्टी के स्थापना दिवस समारोह पर हो रही रैली में शामिल नहीं हुए।
मदनी 2014 में दक्षिण कश्मीर के कुलगाम जिले के देवसर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव हार गए थे। पार्टी के असंतुष्ट नेता लगातार मदनी और कुछ नेताओं पर निशाना साधते रहे हैं।
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