राजनीतिक नेताओं और आतंकवादी समूहों के बीच कथित संबंध से जुड़े मामले में जम्मू-कश्मीर पुलिस ने केन्द्र शासित प्रदेश में पीडीपी नेता वहीद पर्रा के खिलाफ मंगलवार को आरोप पत्र दाखिल किया।
पार्टी ने कहा, ‘‘ईडी का समन जम्मू-कश्मीर के लोगों और नेतृत्व के साथ जोर-जबर्दस्ती करने का एक और षड्यंत्र है ताकि क्षेत्र में असहमति को कुचला जा सके और जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जा और राज्य की पुनर्बहाली की मांग को दबाया जा सके।’’
पीपल्स डेमोक्रेटिव पार्टी (PDP) के सांसद मीर मोहम्मद फैयाज ने जम्मू-कश्मीर के संदर्भ में केंद्र सरकार की तारीफ की।
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि एक समय था, हम जम्मू और कश्मीर सरकार का हिस्सा थे लेकिन हमने गठबंधन तोड़ दिया। हमारा मुद्दा यह था कि जम्मू-कश्मीर में पंचायत चुनाव होने चाहिए और लोगों को अपने प्रतिनिधि चुनने के लिए उचित अधिकार दिए जाने चाहिए।
गुपकर गठबंधन (पीएजीडी) प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने मांग की है कि सरकार यदि चाहती है कि लोकतंत्र जीवित रहे तो पीडीपी के उन नेताओं को फौरन रिहा कर दिया जाए, जिन्हें जिला विकास परिषद (डीडीसी) चुनाव नतीजों की घोषणा से पहले हिरासत में ले लिया गया था।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने सोमवार को जम्मू-कश्मीर में अलगाववाद से संबंधित एक मामले के सिलसिले में पीडीपी के युवा प्रकोष्ठ के अध्यक्ष वहीद पर्रा से पूछताछ की।
नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने बुधवार को आरोप लगाया कि इस महीने के आखिर में जम्मू-कश्मीर में होने वाले DDC के चुनाव में प्रत्याशियों को प्रचार करने से रोका जा रहा है।
पीडीपी के संस्थापक सदस्य मुजफ्फर हुसैन बेग ने शनिवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया।
विज्ञप्ति के अनुसार हुसैन पीडीपी छोड़कर अपने समर्थकों के साथ भाजपा में शामिल हो गए और इस बात पर उन्होंने बल दिया कि जम्मू कश्मीर के लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों से बड़े आशान्वित हैं।
जम्मू क्षेत्र से पीडीपी के तीन नेताओं ने पार्टी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती द्वारा राष्ट्रीय ध्वज को लेकर बयान दिये जाने के बाद पार्टी से इस्तीफा दे दिया है।
पीडीपी के तीन नेताओं ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। इस्तीफा देने वाले नेताओं में टीएस बाजवा, वेद महाजन और हुसैन-ए-वफा के नाम शामिल है। पार्टी से इस्तीफा देते हुए उन्होनें पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती को लिखे पत्र में उनपर आरोप लगाते हुए कहा, '' हम उनके द्वारा कुछ कार्यों और उनके बयानों से असहज महसूस कर रहे है जिसने देशभक्ति की भावनाओं को चोट पहुंचाई है।
जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने शुक्रवार को कहा था कि उन्हें तब तक चुनाव लड़ने या राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा उठाने में कोई दिलचस्पी नहीं है, जब तक पिछले साल पांच अगस्त को लागू किए गए संवैधानिक बदलाव वापस नहीं लिये जाते।
अधिकारियों ने बताया कि हालांकि पीडीपी कार्यालय में तैनात पुलिसकर्मियों ने उन्हें ऐसा करने से रोक दिया और बाद में प्रदर्शनकारियों को शांतिपूर्वक तितर-बितर कर दिया गया।
करीब 14 महीने की हिरासत के बाद रिहा हुईं जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष और जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने एक बार फिर देशविरोधी बयान दिया है। महबूबा मुफ्ती ने आर्टिकल 370 की बहाली तक तिरंगा हाथ में ना लेने का विवादित बयान दिया है।
पीडीपी अध्यक्ष एवं जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की रिहाई के बाद की पहली तस्वीर समाने आई है जिसमें वे पार्टी नेताओं के साथ बैठक कर रही हैं।
पार्टी की युवा इकाई के महासचिव यातू को पीडीपी ने पिछले सप्ताह एक नोटिस जारी किया था। टीवी कार्यक्रम के दौरान उनके बयानों पर पार्टी के आपत्ति जतायी थी।
जम्मू और कश्मीर की राजधानी श्रीनगर में पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) की गुरुवार को होने वाली बैठक को पुलिस ने नहीं होने दी। पुलिस ने PDP के कई नेताओं को घर से बाहर निकलने पर रोक लगा दी।
पीडीपी की मुखिया महबूबा मुफ्ती पर पीएसए अगले तीन महीने के लिए बढ़ा दिया गया है।
पीडीपी की एक पार्षद सोमवार को यहां भाजपा में शामिल हो गयीं और उन्होंने पार्टी को जमीनी स्तर पर मजबूत करने के साथ ही नयी ऊर्जा से लोगों की सेवा के लिए काम करने का संकल्प लिया।
सरकार ने पिछले साल 5 अगस्त को जम्मू कश्मीर के विशेष राज्य के दर्जे को रद्द कर उसे दो केंद्र शासित क्षेत्रों में विभाजित कर दिया था। तत्कालीन राज्य की पिछले विधानसभा में बुखारी शहर के अमीराकादल क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते थे।
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