Mehbooba Mufti on Bihar Politics: जम्मू-कश्मीर की पूर्व सीएम और पीडीपी की प्रमुख महबूबा ने नीतीश कुमार के सीएम और तेजस्वी यादव के उपमुख्यमंत्री के पद पर शपथ लेने के बाद अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की है।
Article-370: 2019 में आज के ही दिन जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाया गया था। भाजपा सरकार में लिए गए इस फैसले का विरोध जम्मू कश्मीर के कई राजनीतिक दलों ने किया। आज 370 के हटने को 3 साल हो चुके हैं।
Jammu Kashmir News: इससे पहले महबूबा मुफ्ती ने बुधवार को कहा कि यह बात किसी से छुपी नहीं है कि बीजेपी नीत केंद्र सरकार लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पत्रकारिता को कुचलना चाहती है।
Jammu Kashmir: PDP के 23वें स्थापना दिवस के अवसर पर यहां शेर-ए-कश्मीर पार्क में एक उग्र भाषण में उन्होंने यह भी कहा कि जम्मू-कश्मीर मुद्दे को हल करने के लिए बातचीत के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं है।
Jammu-Kashmir: पीडीपी के मुख्य प्रवक्ता सुहैल बुखारी ने कहा कि अगर कुछ चर्चा करने के लिए था, तो बैठक के लिए एक एजेंडा निर्धारित किया जाना चाहिए था।
Jammu-kashmir News: इल्तिजा ने कहा कि जम्मू-कश्मीर इतिहास के अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। उन्होंने कहा कि एक प्रशासन, एक शासन, जिसके पास कोई दृष्टि नहीं है उसने हमारे राज्य को अव्यवस्था में झोंक दिया है।
Jammu Kashmir News: महबूबा ने सवाल किया, "बीजेपी ने क्या किया? वह पिछले चार साल से कश्मीर पर प्रत्यक्ष रूप से शासन कर रही है। मुझे एक काम बताइए जो उन्होंने कश्मीरी पंडितों के लिए किया हो।"
जम्मू-कश्मीर में विपक्षी दलों ने शनिवार को परिसीमन आयोग की रिपोर्ट को ''बेहद आपत्तिजनक, भेदभावपूर्ण और राजनीतिक रूप से प्रेरित'' करार देकर संयुक्त रूप से खारिज किया और सोमवार को यहां एक आपात बैठक का आह्वान किया।
परिसीमन आयोग ने केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के विधानसभा क्षेत्रों के परिसीमन पर अंतिम रिपोर्ट जारी कर दी है। गुरुवार को नई दिल्ली में जम्मू कश्मीर परिसीमन आयोग ने एक बैठक के बाद रिपोर्ट को जारी किया।
बीजेपी की जम्मू-कश्मीर इकाई के प्रमुख रविंदर रैना और पूर्व उपमुख्यमंत्री कवींद्र गुप्ता और देवेंद्र सिंह राणा सहित अन्य प्रमुख नेता इस मौके पर मौजूद थे।
महबूबा मुफ्ती ने बुधवार को आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी धर्म के आधार पर लोगों को उकसाने के लिए विस्थापित कश्मीरी पंडितों की दशा पर बनी फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ का प्रचार कर रही है।
जुलाई 2018 में महबूबा नीत गठबंधन सरकार से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा समर्थन वापस लिए जाने के बाद कुछ पूर्व मंत्रियों और विधायकों समेत बड़ी संख्या में पीडीपी के वरिष्ठ नेताओं ने पार्टी छोड़ दी थी।
पुलिस ने बताया कि हैदरपुरा इलाके में हुई मुठभेड़ में एक पाकिस्तानी आतंकवादी और उसके स्थानीय साथी मोहम्मद आमिर के साथ दो आम नागरिक- अल्ताफ भट और मुदस्सिर गुल मारे गये। इस इलाके में कथित रूप से एक अवैध कॉल सेंटर और आतंकी ठिकाना था।
गौरतलब है कि परवेज अहमद की मौत सीआरपीएफ कर्मियों की गोलियों से उस वक्त हुई थी, जब सुरक्षाकर्मियों ने उसे एक सीमा चौकी के पास रुकने का संकेत दिया था, लेकिन वह अपना वाहन रोकने में विफल रहा था।
PDP की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने दावा किया कि उन्हें फिर से नजरबंद कर दिया गया क्योंकि उनकी जम्मू कश्मीर के पुलवामा जिले में जाने की योजना थी।
बता दें कि बीजेपी ने वर्ष 2018 में पीडीपी नीत गठबंधन सरकार से तीन साल के बाद समर्थन वापस ले लिया था। महबूबा ने एक बार फिर स्पष्ट किया कि वह चुनाव नहीं लड़ेंगी क्योंकि उनका उद्देश्य संविधान के अनुच्छेद-370 को बहाल करना है।
‘‘ मुझे आज नजरबंद कर दिया गया क्योंकि प्रशासन के अनुसार कश्मीर में स्थिति अभी तक सामान्य है। स्थिति सामान्य होने के दावों की सच्चाई सामने आ गई है।’’
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के जम्मू और कश्मीर के राजनीतिक नेताओं से मिलने के एक दिन बाद, वरिष्ठ कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद – जिन्होंने पीएम के साथ बैठक में सबसे पुरानी पार्टी का प्रतिनिधित्व किया – इंडिया टीवी के साथ एक विशेष बातचीत में जम्मू-कश्मीर के नेताओं की पीएम के साथ बातचीत की जानकारी दी।
राजनीतिक नेताओं और आतंकवादी समूहों के बीच कथित संबंध से जुड़े मामले में जम्मू-कश्मीर पुलिस ने केन्द्र शासित प्रदेश में पीडीपी नेता वहीद पर्रा के खिलाफ मंगलवार को आरोप पत्र दाखिल किया।
पार्टी ने कहा, ‘‘ईडी का समन जम्मू-कश्मीर के लोगों और नेतृत्व के साथ जोर-जबर्दस्ती करने का एक और षड्यंत्र है ताकि क्षेत्र में असहमति को कुचला जा सके और जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जा और राज्य की पुनर्बहाली की मांग को दबाया जा सके।’’
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