पेटीएम की लिस्टिंग 18 नवंबर 2021 को 2,150 रुपये में हुई थी, जो गिरकर अब 700 रुपये पर है। इस तरह निवेशकों को प्रति शेयर करीब 1,450 रुपये का नुकसान हो चुका है।
टक्कर मारने के बाद विजय शेखर शर्मा अपनी कार से भाग गए थे। लेकिन दीपक ने कार का नंबर नोट कर पूरी बात डीसीपी को बताई थी। डीसीपी के कहने पर दीपक ने मालवीय नगर थाने में आईपीसी 279 के तहत केस दर्ज कराया था।
भारतीय रिजर्व बैंक ने एक बयान में कहा कि बैंक को अपनी आईटी प्रणाली का व्यापक ऑडिट करने के लिए एक ऑडिट फर्म नियुक्त करने का भी निर्देश दिया गया है।
पेटीएम का शेयर आपने इश्यू प्राइस 2150 रुपये से टूटकर 849 रुपये रह गया है। पेटीएम में निवेश करने वाले निवेशकों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है।
बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि स्टार्टअप कंपनियों के शेयरों में बड़ी गिरावट की वजह है इन कंपनियों का कारोबार घाटे में होना है।
दिन में कारोबार के दौरान यह 13.22 प्रतिशत के नुकसान से 1,297.70 रुपये पर आ गया था।
अनुसूचित बैंक के दर्जे के साथ, पेटीएम पेमेंट्स बैंक नए कारोबारी अवसरों का पता लगा सकता है।
पेटीएम के लिये इश्यू प्राइस 2,150 रुपये प्रति शेयर के बीच निर्धारित किया था। हालांकि स्टॉक आज कमजोरी के साथ 1955 पर लिस्ट हुआ
पिछले सत्र में, सेंसेक्स 314.04 अंक या 0.52 प्रतिशत की गिरावट के साथ 60,008.33 पर बंद हुआ था
तिमाही आधार पर, वित्त वर्ष 2021-22 की पहली तिमाही में कंपनी को 381.9 करोड़ रुपये का संचयी नुकसान हुआ है। हालांकि इस दौरान कंपनी का राजस्व बढ़कर 948 करोड़ रुपये रहा,
पेटीएम के आईपीओ के तहत 8,300 करोड़ रुपये के नए शेयर जारी किए गए और 10,000 करोड़ रुपये की बिक्री पेशकश (ओएफएस) लाई गई।
एंकर निवेशकों से 267 करोड़ रुपये जुटाने वाली लेटेंट व्यू एनालिटिक्स की आरंभिक सार्वजनिक पेशकश (आईपीओ) को बुधवार को बोली प्रक्रिया के पहले दिन अब तक 1.5 गुना ज्यादा अभिदान प्राप्त हुआ है।
कोल इंडिया के 2010 में आईपीओ के बाद पेटीएम का 18,300 करोड़ रुपये का यह इश्यू देश में अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ है। पहले दिन इश्यू को ठंडा रिस्पॉन्स मिला था
शेयर बाजारों से मिली जानकारी के मुताबिक, खुदरा निवेशकों के लिए आरक्षित शेयरों में से करीब 78 फीसदी की खरीद हो गई है। वहीं गैर-संस्थागत निवेशकों के लिए आरक्षित सिर्फ दो फीसदी शेयरों के लिए बोलियां मिली हैं।
कोल इंडिया के 2010 में आईपीओ के बाद 18,300 करोड़ रुपये का यह इश्यू देश में सबसे बड़ा है। सरकारी स्वामित्व वाली कंपनी कोल इंडिया ने आईपीओ से 15,200 करोड़ रुपये जुटाए थे।
वर्ष 2021 में अभी तक 46 कंपनियां आईपीओ के माध्यम से 80,102 करोड़ रुपये जुटाने में सफल रही हैं। इनके अलावा पावरग्रिड कॉरपोरेशन के ढांचागत निवेश ट्रस्ट पावरग्रिड इनविट ने भी आईपीओ से 7,735 करोड़ रुपये जुटाए।
वित्तीय प्रौद्योगिकी कंपनी ने आईपीओ से 18,300 करोड़ रुपये जुटाने की योजना बनायी है। इसके तहत नये शेयरों से 8,300 करोड़ रुपये और बिक्री पेशकश (ओएफएस) से 10,000 करोड़ रुपये जुटाए जाएंगे।
पेटीएम अपने शेयर का मूल्य 2080-2150 रुपये तय कर सकती है। कंपनी अपना वैल्यूएशन 20 अरब डॉलर चाहती है ऐसे में ऊपरी सीमा के तय होने की संभावना अधिक है।
आईपीओ के जरिए कुल 16,600 करोड़ रुपये जुटाने की पिछली योजना में 8,300 करोड़ रुपये का ताजा निर्गम और 8,300 करोड़ रुपये की बिक्री पेशकश (ओएफएस) शामिल थी।
नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया ने यूपीआई के लिए बाजार हिस्सेदारी पर एक सीमा तय की है। यहां ऐसी कोई कंपनी नहीं हो सकती, जिसकी बाजार हिस्सेदारी 30 प्रतिशत से अधिक हो।
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