मर्चेंट पेमेंट से जुड़ी कंपनी भारतपे (BharatPe) को सीरीज ई फंडिंग राउंड के तहत 37 करोड़ अमेरिकी डॉलर (करीब 2,745 करोड़ रुपये) मिले हैं।
इस वाउचर का इस्तेमाल पोषण संबंधी सहायता, टीबी उन्मूलन कार्यक्रमों, आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना जैसी स्कीमों के तहत दवाएं और उपचार, उर्वरक सब्सिडी आदि पाने में किया जा सकता है।
नई सुविधा ग्राहकों और कर्मचारियों दोनो के लिये फायदेमंद होगी। कोरोना संकट के बीच ग्राहक और कर्मचारी सोशल डिस्टेंसिंग के साथ काम कर सकेंगे।
एनएफसी-सक्षम लेनदेन ज्यादा सहज और सुविधाजनक हैं. कई फिनटेक कंपनियां एनएफसी पेमेंट पर काम कर रही हैं क्योंकि यह इंटरनेट कनेक्शन के इस्तेमाल के बिना ट्रांसेक्शन की अनुमति देता है।
एसआईआई को अग्रिम के तौर पर 3,000 करोड़ रुपये और भारत बायोटेक को लगभग 1,500 करोड़ रुपये मिलेंगे।
केंद्रीय बैंक ने जोखिम कम करने के उपायों के तहत इस कदम की घोषणा की, जिसका मकसद कार्ड के जरिये लेन-देन को मजबूत और सुरक्षित बनाना है।
इस दौरान उन्होंने कॉन्टैक्टलेस कार्ड से भुगतान की सीमा भी एक जनवरी से 2,000 रुपये से बढ़ाकर 5,000 रुपये करने का एलान किया।
गूगल के प्रवक्ता ने बुधवार को कहा कि गूगल पे पर शुल्क और फीस केवल अमेरिका में लागू होंगे और भारत में गूगल पे या गूगल पे फॉर बिजनेस एप्स पर यह लागू नहीं होगा।
व्हाट्सए ने एक ब्लॉगपोस्ट में कहा कि आज से भारत में लोग व्हाट्सएप के जरिये पैसा भेजने और प्राप्त करने की सुविधा का उपयोग कर सकेंगे।
व्हाट्सएप के लिए भारत सबसे बड़ा बाजार है। यहां उसके 40 करोड़ से अधिक यूजर्स हैं। व्हाट्सएप ने फरवरी 2018 में यूपीआई आधारित व्हाट्सअप पे को लॉन्च किया था,
3 साल में गन्ना किसानों को रिकॉर्ड 1 लाख करोड़ रुपये का भुगतान
केंद्रीय मंत्री के मुताबिक भुगतान करने से छोटे कारोबारियों की नकदी की समस्या कम होगी
कंपनी के मुताबिक ये प्रतिबंध अस्थाई हैं
कोर्ट ने कहा कि हमने एजीआर मामले में समीक्षा याचिका खारिज कर दी, लेकिन इसके बाद भी एक भी पैसा जमा नहीं किया गया।
केंद्रीय बैंक ने कहा कि वोडाफोन एम-पैसा, जो एक पेमेंट सिस्टम ऑपरेटर (पीएसओ) है, ने स्वेच्छा से अपना अधिकार पत्र लौटाया है।
जो इकाइयां बीबीपीओयू के लिए प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराना चाहती हैं या काम करना चाहती हैं, उनका नेटवर्थ 100 करोड़ रुपए होना चाहिए और इसे हमेशा बनाए रखना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को व्हाट्सएप भुगतान सेवा के अनुपालन मामले में रिपोर्ट दाखिल करने के लिए छह सप्ताह का समय दिया है।
चैटकार्ट ने कहा कि कपंनी का उद्देश्य पैसे को भेजना उतना ही आसान बनाना है, जितना आसान इस प्लेटफॉर्म पर मैसेज भेजना है।
टेक महिंद्रा, चोलामंडलम इन्वेस्टमेंट और फाइनेंस कंपनी, आईडीएफसी बैंक और टेलीनोर फाइनेंशियल सर्विसेस भी अपना पेमेंट्स बैंक कारोबार बंद कर चुके हैं।
इसमें सभी सिस्टम प्रोवाइडर्स को यह सलाह दी गई थी कि वह 6 माह की समयसीमा के भीतर यह सुनिश्चित करें कि धन के भुगतान से संबंधित संपूर्ण डाटा भारत में स्थित प्रणालियों में ही स्टोर किया जाएगा।
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