सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को कहा कि राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) के आदेश की कानूनी समीक्षा की जा रही है।
पवन हंस लिमिटेड में सरकार की 51 प्रतिशत हिस्सेदारी है जबकि शेष 49 प्रतिशत आयल एण्ड नेचुरल गैस कार्पोरेशन (ओएनजीसी) के पास है। ओएनजीसी ने सरकार के साथ अपनी पूरी 49 प्रतिशत हिस्सेदारी को बेचने का फैसला किया है।
सरकार की पवन हंस में 51 प्रतिशत और ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉरपोरेशन (ओएनजीसी) की इसमें 49 प्रतिशत हिस्सेदारी है। वित्त वर्ष 2019-20 में कंपनी को 28 करोड़ रुपये और 2018-19 में 69 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ था
एयर इंडिया पर 50,000 करोड़ रुपए से अधिक के कर्ज का बोझ है।
सरकार विनिवेश दस्तावेज का परिशिष्ट जारी कर जल्दी ही पवनहंस की 100 प्रतिशत हिस्सेदारी की बिक्री के लिए नई निविदाएं मंगाएगी।
लापता हेलीकॉप्टर की खोज के लिए अन्य ठिकानों के हेलीकॉप्टरों और विमानों को भी तैनात किया गया है।
सार्वजनिक क्षेत्र की हेलीकॉप्टर सेवा प्रदाता कंपनी पवन हंस के 300 कर्मचारियों से अधिक की एक यूनियन सरकार की 51 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने की तैयारी में जुटी है।
सरकार ने पवन हंस में पूरी 51 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ प्रबंधन नियंत्रण बेचने को लेकर विदेशी कंपनियों समेत निजी कंपनियों को आमंत्रित किया है।
पवन हंस एक अप्रैल से दिल्ली दर्शन के लिए हेलीकॉप्टर सेवा शुरू करने जा रही है। इसके तहत 10 मिनट की यात्रा के लिए प्रति व्यक्ति 2499 रुपए शुल्क देना होगा।
पवन हंस लिमिटेड के कर्मचारियों ने PMO को पत्र लिखकर कंपनी में सरकार की समूची 51 प्रतिशत हिस्सेदारी के विनिवेश के फैसले पर पुनर्विचार का आग्रह किया है।
पवन हंस की रणनीतिक बिक्री के साथ आगे बढ़ते हुए सरकार ने गुरुवार को कहा है कि वह कंपनी में अपनी संपूर्ण 51 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचेगी।
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