चिराग पासवान के चाचा पशुपति कुमार पारस के बागी तेवर अपनाए जाने के कारण लोक जनशक्ति पार्टी में टूट के बाद केंद्रीय मंत्री के गुट को लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के नाम से मान्यता दी गई थी।
भवन निर्माण विभाग ने पशुपति कुमार पारस की राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी को नोटिस जारी कर 7 दिन के अंदर बंगला खाली करने के लिए कहा है।
लोक जनशक्ति पार्टी के प्रमुख पशुपति पारस को पटना स्थित पार्टी ऑफिस खाली करना होगा। दरअसल, पटना में स्थित पार्टी ऑफिस का आवंटन रद्द कर दिया गया है। बताया जा रहा है कि लंबे समय से टैक्स जमा नहीं करने की वजह से ये कार्रवाई की गई है।
पारिवारिक तनाव के बाद अलग हुए चिराग पासवान और पशुपति कुमार पारस वाराणसी में एक साथ दिखे। पीएम मोदी के नामांकन के बाद एनडीए के सभी घटक दलों के नेताओं ने पीएम मोदी से मुलाकात की। इसी दौरान इन दोनों नेताओं ने भी एक साथ पीएम से मुलाकात की।
चिराग पासवान के चाचा पशुपति कुमार पारस अब खुलकर अपने भतीजे के समर्थन में आ गए हैं। उन्होंने चिराग पासवान के लिए चुनाव प्रचार तक करने की बात कही है। इसके लिए वह आमंत्रण का इंतजार कर रहे हैं।
पशुपति पारस सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट शेयर किया और कहा कि पीएम मोदी हमारे नेता हैं और उनका फैसला हमारे लिए सर्वोपरि है। तीसरी बार रिकॉर्ड तोड़ बहुमत से एनडीए की सरकार बनेगी।
पशुपति पारस हाजीपुर सीट मांग रहे थे जबकि यही सीट चिराग पासवान भी मांग रहे थे। हाजीपुर वही सीट है, जहां से चिराग के पिता रामविलास पासवान 9 बार लोकसभा सांसद रहे थे।
सवाल उठता है कि एनडीए में सीट नहीं मिलने के बाद चाचा पशुपति पारस अब क्या करेंगे। क्या वह इंडिया गठबंधन में जाएंगे या फिर अपनी पार्टी से अकेले चुनाव लड़ेंगे।
केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस ने कहा कि हमारी पार्टी दलितों की पार्टी है। मैं बीजेपी की आधिकारिक लिस्ट का इंतजार कर रहा हूं और इसके बाद ही कोई फैसला लूंगा।
बीजेपी बिहार में 17 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है तो जेडीयू 16 सीट पर अपने उम्मीदवार उतार सकती है। वहीं, उपेंद्र कुशवाहा और मांझी की पार्टी को एक-एक सीट मिल सकती है।
बिहार में जारी सियासी जोरआजमाइश के बीच केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस ने सारी तस्वीर साफ कर दी है। उन्होंने कहा है कि सब कुछ साफ हो गया है और 31 जनवरी तक बिहार में सरकार बदल जाएगी।
लोजपा के स्थापना दिवस के मौके पर वीणा देवी सांसद और स्व. रामविलास पासवान के पुत्र चिराग के साथ मंच पर पहुंची थी। इसके बाद यह बड़ा फैसला लिया गया है।
दिवंगत रामविलास पासवान द्वारा स्थापित लोजपा उनके निधन के कुछ महीनों बाद 2021 में उस समय विभाजित हो गई थी, जब पशुपति कुमार पारस ने पार्टी के अन्य सांसदों के समर्थन से चिराग के खिलाफ विद्रोह कर दिया था।
पशुपति कुमार पारस ने कहा है कि वह अपने भतीजे चिराग पासवान के लिए हाजीपुर लोकसभा सीट नहीं छोड़ेंगे। पारस ने कहा कि हम हर साल 28 नवंबर को लोजपा का स्थापना दिवस मनाते हैं। हम इस साल भी ऐसा करेंगे, लेकिन समारोह पटना की जगह हाजीपुर में आयोजित किया जाएगा।
RLJD के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि राज्य में किया गया जातीय सर्वेक्षण का डेटा फ़ेक है। वहीं, RLJP प्रेसिडेंट पशुपति पारस ने कहा कि बिहार सरकार ने राजनीतिक फ़ायदे के लिए जातीय सर्वेक्षण कराया है।
चिराग पासवान ने हाजीपुर सीट पर महिला कार्ड खेलने की कोशिश की है। उन्होंने अपनी मां (रीना पासवान) को हाजीपुर से चुनाव लड़वाने की बात कही है। इसी पर जब पशुपति पारस से सवाल किया गया तो उन्होंने बता दिया कि हाजीपुर सीट पर दावेदारी मेरी ही है।
अब चिराग पासवान का पशुपति पारस के साथ एक नया विवाद शुरू होने की आशंका है। पारस के नेतृत्व वाले समूह को राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के रूप में जाना जाता है, वहीं चिराग के नेतृत्व वाले समूह को लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) कहा जाता है।
अचानक से तबीयत बिगड़ने को लेकर केंद्रीय मंत्री ने बताया कि पिछले दिनों मुजफ्फरपुर जाने के दौरान गाड़ी गड्ढे में लुढ़क गई थी, उसी दौरान नस में समस्या आ गई। उन्होंने बताया कि अब दिल्ली एम्स जाकर इसका इलाज करवाएंगे।
वहीं पशुपति कुमार पारस के इस दावे पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। नीतीश कुमार ने कहा, "जाओ और जश्न मनाओ। मैं इन नेताओं का ध्यान नहीं रखता।"
बिहार में एक बार फिर से राजनीति तेज हो गई है। लोजपा के विभाजन के बाद केंद्र सरकार में मंत्री बने पशुपति नाथ पारस ने फिर से भतीजे चिराग पासवान पर हमला बोला है। पशुपति पारस ने कहा है कि मैं बड़े साहेब का असली उत्तराधिकारी हूं, चिराग बस वारिस हैं।
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