महाराष्ट्र में परमबीर सिंह के लेटर के बाद सियासी घमासान और बढ़ता ही जा रहा है। विपक्ष उद्धव सरकार पर लगातार हमलावर है। आज महाराष्ट्र के पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि जिस पुलिस अफसर ने भ्रष्टाचार की जानकारी सीएम उद्धव ठाकरे तक पहुंचाई, उसे ही मुख्यमंत्री ने पद से हटा दिया।
सचिन वाज़े मुंबई के ट्राइडेंट होटल में फर्जी आधार कार्ड दिखाकर रुका था। सचिन ने होटल में जो आईडी कार्ड दिखाया उस पर फोटो तो सचिन वाज़े की थी लेकिन नाम था सुशांत सदाशिव खामकर।
एंटीलिया और मनसुख हिरेन मामले में एएसआई सचिन वाजे की गिरफ्तारी, परमबीर सिंह को कमिश्नर पद से हटाया जाना और उसके बाद विपक्ष की तरफ से गृह मंत्री अनिल देशमुख के इस्तीफे की मांग को लेकर राज्य की महाविकास अघाडी सरकार के मुख्य घटक दल कांग्रेस की तरफ से अभी तक कोई बड़ी टिप्पणी नहीं आई है।
इंडिया टीवी से बातचीत में निर्दलीय सांसद नवनीत राणा ने कहा कि कल जब उन्होंने सदन में जांच की मांग की थी तब उद्धव ठाकरे की जांच की बात भी कही थी, इसी से शिवसेना पार्टी के नेता भड़क गए थे। तब सदन से वॉक आउट करते वक्त उन्होंने कहा कि अब तुम्हारी बारी है, अब तुम्हें जेल में भेजेंगे।
फडणवीस ने कहा, "यह मेरे पास डेटा है करीब 6.3 जीबी का, जिसके अंदर यह सारे कॉल इंटरसेप्ट किए हुए हैं और यह एक पूरी रिपोर्ट है जो मुख्यमंत्री जी को भेजा गया था। लेकिन जब यह ध्यान में आया कि इसपर कोई कार्रवाई नहीं हुई तो डीजी साबह ने भी प्रयास किया, आश्चर्य की बात यह हुई कि मुख्यमंत्री जी के यहां से रिपोर्ट गृह मंत्री के पास चली गई।"
परमबीर सिंह की सुप्रीम कोर्ट में याचिका के बाद महाराष्ट्र सरकार हरकत में है। खुद अनिल देशमुख एक्शन में हैं। ये भी जानकारी मिली है कि परमबीर सिंह के आरोपों की जांच के लिए महाराष्ट्र सरकार एक कमेटी बना सकती है।
परमबीर सिंह के लेटर के बाद अनिल देशमुख पर विवाद बढ़ गया है। एक तरफ जहां शरद पवार ने अनिल देशमुख के बचाव में दलीलें दी हैं औऱ कहा कि वो 5 से 15 फरवरी तक एडमिट थे, जबकि बीजेपी के नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने अनिल देशमुख का पुराना ट्वीट साझा करते हुए कहा कि अनिल देशमुख इस दौरान मीडिया को संबोधित कर रहे थे।
बालासाहेब थोराट ने एक वीडियो संदेश में कहा कि महाराष्ट्र के कांग्रेस प्रभारी एच के पाटिल ने राज्य में पार्टी के नेताओं के साथ विवाद पर चर्चा की और मामले पर उनकी राय समझने की कोशिश की।
अपनी याचिका में परमबीर सिंह ने यह भी आरोप लगाया कि अनिल देशमुख पुलिस विभाग के तबादलों में भ्रष्टाचार करते थे और इस मुद्दे को उठाने वाली महिला अधिकारी हटाया गया था। याचिका में परमबीर सिंह ने यह भी आरोप लगाया कि अनिल देशमुख कई मामलों में चल रही जांच में हस्तक्षेप करते थे और उस तरह से जांच करने के लिए बोलते थे जिस तरह वे खुद चाहते थे।
एक तरफ जहां शरद पवार ने अनिल देशमुख के बचाव में दलीलें दी हैं औऱ कहा कि वो 5 से 15 फरवरी तक एडमिट थे, जबकि बीजेपी के नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने अनिल देशमुख का पुराना ट्वीट साझा करते हुए कहा कि अनिल देशमुख इस दौरान मीडिया को संबोधित कर रहे थे।
एनसीपी के मुखिया शरद पवार ने दिल्ली में मीडिया को ब्रीफ कर अनिल देशमुख का बचाव किया। उन्होंने कहा कि पहली नचर में मुझे लगा कि आरोप गंभीर हैं। फरवरी में वाजे से देशमुख की कोई मुलाकात नहीं हुआ।
महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार पर अमरावती से निर्दलीय सांसद नवनीत कौर राणा ने भी जोरदार हमला होला। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में सीएम उद्धव के कारण ही ये सब प्रोजेक्ट चल रहे हैं।
मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह के लेटर बम से एक ओर जहां महाराष्ट्र सरकार में हड़कंप मचा हुआ है वहीं, महाराष्ट्र के इस सियासी संग्राम को लेकर राज्यसभा और लोकसभा दोनों सदनों में जोरदार हंगामा हुआ।
मुंबई उत्तर पूर्व से भारतीय जनता पार्टी सांसद मनोज कोटक ने कहा कि महाराष्ट्र जैसे प्रगतिशील राज्य में जो पिछले दिनो से घटना चल रही है और उस घटना में जिस तरह के मामले सामने आ रहे हैं कि पुलिस अधिकारी मुख्यमंत्री की चिट्ठी लिखता हौ उसमें महाराष्ट्र के गृह मंत्री के बारे में बताता है कि एक पुलिस अधिकारी को बुलाकर 100 करोड़ की उगाही करने के लिए कहता है।
महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख द्वारा सचिन वाजे को हर महीने 100 करोड़ रुपये की वसूली का टारगेट देने का पर्दाफाश होने के बाद प्रवर्तन निदेशालय (ED) सक्रिय हो गया है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में संजय राउत ने कहा कि केंद्र चाहे जिस भी एजेंसी से महाराष्ट्र में जांच करवा सकता है, उन्होंने कहा, "ED (प्रवर्तन निदेशालय) या उनके पिताजी को ले आइए, NIA या CBI को ले आइए, जो जांच करनी है कर लीजिए" उन्होंने आगे कहा, "कोई कुछ भी करे, कोई भी जांच हो... महाराष्ट्र सरकार का कोई बाल बांका नहीं कर सकता"
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के करीबी और शिवसेन के चाणक्य कहे जाने वाले संजय राउत ने प्रेस वार्त की है। उन्होंने कहा कि इस्तीफा लेने का अधिकार सीएम का होता है, उनको तय करने दीजिए। यदि कोई केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग करके महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाने का प्रयास कर रहा है, तो मैं उन्हें चेतावनी दे रहा हूं - आप स्वयं उस आग में जल जाएंगे।
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