केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग का बयान ऐसे समय आया है जब नीरज चोपड़ा के ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने के बाद चार पैरा एथलीटों ने भाला फेंक इवेंट में पदक जीते हैं।
हरविंदर ने यूमेनोशिमा फाइनल फील्ड में शूटआउट में दक्षिण कोरिया के किन मिन सू को 6-5 से हराया।
निशानेबाज अवनि लेखरा ने शुक्रवार को यहां तोक्यो खेलों की 50 मीटर राइफल थ्री पॉजिशन एसएच1 स्पर्धा का कांस्य पदक हासिल किया जिससे वह दो पैरालंपिक पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बन गयीं।
जाखर प्रिसिसन राउंड के बाद 284 स्कोर के साथ 13वें स्थान पर थे। लेकिन रेपिड फायर सेक्शन में उन्होंने 292 का स्कोर किया और 576 के स्कोर के साथ दूसरे स्थान पर पहुंच गए।
विजेंदर सिंह ने टोक्यो पैरालंपिक के पदक विजेताओं की सराहना करते हुए कहा कि वह तमाम मुश्किलों के बावजूद इनके प्रदर्शन के लिए पैरालंपियनों को सलाम करते हैं।
भारतीय पैरा तैराक सुयश जाधव ने पैरालंपिक खेलों में बुधवार को यहां निराश किया जब पुरुष 100 मीटर ब्रेस्टस्ट्रोक एसबी7 फाइनल में नियम के उल्लंघन के लिए उन्हें डिस्क्वालीफाई कर दिया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अडाना ने हरियाणा और पूरे देश के लोगों के दिल जीते हैं। उन्होंने एक बयान में अडाना को बधाई दी और उज्जवल भविष्य के लिये शुभकामना भी दी।
टोक्यो पैरालम्पिक में भारत ने अभूतपूर्व प्रदर्शन करते हुए अब तक 10 पदक जीत लिये हैं। मोदी ने दोनों खिलाड़ियों से कहा कि ये पदक उनकी लगातार कड़ी मेहनत का नतीजा है।
शरद को सोमवार को घुटने में चोट लगी थी। उन्होंने कहा, "कांस्य पदक जीतकर अच्छा लग रहा है क्योंकि मुझे सोमवार को अभ्यास के दौरान चोट लगी थी। मैं पूरी रात रोता रहा और नाम वापिस लेने की सोच रहा था।"
महिला एवं बाल विकास मंत्री ममता भूपेश द्वारा अवनी को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि अवनि की सफलता राज्य की बेटियों को अपनी सफलता की कहानी खुद लिखने के लिए प्रेरित करेगी।
मरियप्पन ने पदक जीतने के बाद कहा ,‘‘मैं विश्व रिकॉर्ड के साथ स्वर्ण पदक जीत सकता था। मैं उसी लक्ष्य के साथ यहां आया था लेकिन बारिश से सब गड़बड़ हो गई। शुरूआत में बूंदाबांदी हो रही थी लेकिन 1.80 मीटर मार्क के बाद तेज होने लगी।
एयरलाइन ने एक बयान में कहा,‘‘टोक्यो पैरालम्पिक में महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल (स्टैंडिंग) स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतने वाली अवनि लेखरा को सम्मानित करने के लिये यह फैसला लिया गया है।’’
1968 में पहली बार भारत ने पैरालंपिक खेलों में अपना कदम रखा था, मगर पहले मेडल का इंतजार 4 साल तक करना पड़ा था। 1972 में मुरलीकांत पेटकरी ने पुरुषों की 50मी फ़्रीस्टाइल 3 स्वीमिंग में गोल्ड मेडल जीतकर भारत को पैरालंपिक में पदक जीताया था।
मरियप्पन ने पुरुष हाई जंप T63 कैटेगिरी के फाइनल में दूसरा स्थान हासिल किया और पैरालंपिक 2020 में सिल्वर मेडल जीता।
सिंहराज ने कहा, ‘‘मैं जब अभ्यास नहीं कर पा रहा था तो मैं सोचने लगा था कि पदक जीतने का मेरा सपना खत्म हो चुका है। तब मेरे कोचों ने मुझे घर में रेंज तैयार करने की सलाह दी।’’
कुश्ती से भालाफेंक में आये सुमित ने पुरूषों की एफ64 स्पर्धा में स्वर्ण जीतकर भारत की झोली में दूसरा पीला तमगा डाला।
अवनि लेखरा टोक्यो पैरालंपिक निशानेबाजी इवेंट के फाइनल में 249.6 के विश्व रिकॉर्ड स्कोर के साथ पैरालंपिक स्वर्ण जीतने वाली देश की पहली महिला बनीं।
सुंदर सिंह गुर्जर भालाफेंक एफ46 स्पर्धा के फाइनल में झाझरिया के पीछे तीसरे स्थान पर रहे और कांस्य पदक जीता। भारत के पदकों की संख्या अब सात हो गयी है जिसमें एक स्वर्ण पदक (निशानेबाजी) शामिल है।
विनोद कुमार ने विकार के क्लासिफिकेशन निरिक्षण में 'अयोग्य' पाये जाने के बाद पैरालंपिक में पुरूषों की एफ52 चक्का फेंक स्पर्धा का कांस्य पदक गंवाया।
बीएसएफ के 41 साल के जवान ने 19.91 मीटर के सर्वश्रेष्ठ थ्रो से तीसरा स्थान हासिल किया। वह पोलैंड के पियोट्र कोसेविज और क्रोएशिया के वेलिमीर सैंडोर के पीछे रहे जिन्होंने क्रमश: स्वर्ण और रजत पदक अपने नाम किये।
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