भारत और चीन की सेनाओं के वरिष्ठ कमांडर शनिवार को नये दौर की एक उच्च स्तरीय वार्ता करेंगे जिसमें दोनों पक्षों की तरफ से पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग झील के उत्तरी और दक्षिणी तट से सैनिकों और सैन्य सोजोसामान को पीछे हटाने का काम पूरा होने के बाद इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाने पर चर्चा की जाएगी।
वास्विक नियंत्रण रेखा (LAC) पर भारत और चीन के सैनिकों की वापसी की नई तस्वीरें सामने आई हैं। इन तस्वीरों मे साफ तौर पर देखा जा सकता है कि चीन के सैनिक वापस लौट रहे हैं। इतना ही नहीं चीन की सेना (PLA) ने जो वहां पर निर्माण किए थे उन्हें भी ध्वस्त किया जा रहा है, निर्माण ध्वस्त होने की तस्वीरें भी देखी जा सकती हैं।
पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग झील क्षेत्र के तट पर क़रीब दस महीने तक तैनात रहने के बाद भारत और चीन के सैनिक और टैंक डिसइंगेज हो रहे हैं।
भारत और चीन ने लद्दाख के पैंगोंग त्सो में विस्थापन पर एक समझौते पर पहुंच गए हैं, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने संसद में आज कहा, एक मजबूत स्टैंड-अप के बाद एक सफलता का विवरण और सैन्य कमांडरों और राजनयिकों के बीच कई दौर की वार्ता हुई।
पूर्वी लद्दाख से बड़ी खबर आयी है। भारत और चीन के बीच समझौते के बाद दोनों तरफ की सेनाओं के पीछे हटने का क्रम शुरू हो गया है। ताजा वीडियो पैंगोंग झील से सटे इलाके का है। जहां चीन के टैंक पीछे हटते हुए नजर आ रहे हैं। अब तक चीन के 3 टैंक पीछे जा चुके हैं। सेना की तरफ से वीडियो जारी किया गया है।वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर डिसइंजेमेंट की प्रक्रिया शुरू हो गई है। LAC पर आखिरकार 9 महीने बाद चीन की सेना पीछे हट रही है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को बजट सत्र 2021 के दौरान देश को अवगत कराया कि पूर्वी लद्दाख के पैंगोंग झील के उत्तरी और दक्षिणी किनारों से सेनाओं को पीछे हटाए जाने को लेकर भारत और चीन के बीच सहमति बन गई है।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने राज्यसभा में कहा कि इससे फर्क नहीं पड़ता कि आप किस पार्टी से हैं, राष्ट्रीय सुरक्षा की बात करते ही देश एकजुट हो यह ज़रूरी है |
भारतीय सेना ने 28-29 अगस्त की दरम्यानी रात को एक आमने-सामने की घटना के बाद महत्वपूर्ण पीक पर कब्जा करने के चीनी पीएलए के प्रयास को विफल कर दिया और अपने क्षेत्र के भीतर सुप्त ऊंचाई पर कब्जा कर लिया।
गलवान में मुंह की खाने के बाद भी चीन सुधरने का नाम नहीं ले रहा है। चीन ने इस वक्त Pangong Lake पर अपनी आखें गड़ा दी हैं। इस रिपोर्ट में जानिए क्यों बेहद महत्वपूर्ण है ये झील।
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