क्या आप जानते हैं कि पैंक्रिएटिक कैंसर की वजह से आपकी जान भी जा सकती है? आइए इस कैंसर से बचने के लिए कुछ आयुर्वेदिक उपायों के बारे में जानते हैं।
Pancreatic Cancer: पैंक्रियाज कैंसर, कैंसर का एक प्रकार है। इसके बारे में अधिकतर लोगों को आखिरी स्टेज पर जाकर मालूम होता है, जिसमें इसका इलाज मुश्किल हो जाता है। आइए जानते हैं पैंक्रियाज कैंसर के लक्षण, कारण और बचाव के उपाय।
हर साल नवंबर के महीने को पैंक्रियाटिक कैंसर अवेयरनेस मंथ के तौर पर मनाया जाता है। इसका उद्देश्य पैंक्रियाटिक कैंसर के शुरुआती लक्षणों के साथ-साथ निवारण के उपायों को जन-जन पहुंचाना है। आइए जानते हैं इसके लक्षण और बचाव के बारे में।
पैक्रियाज यानी अग्नाशय के कैंसर के लक्षण बहुत ही नार्मल होते है। जिन्हें इग्नोर करना आपके लिए जानलेवा साबित हो सकता है।
पचास साल की उम्र से पहले ही कोई व्यक्ति यदि ज्यादा वजन का शिकार हो जाता है तो अग्न्याशय कैंसर से उसकी मौत का जोखिम काफी बढ़ जाता है। एक अध्ययन में यह पाया गया है।
एक नए शोध में पैंक्रियाटिक कैंसर के मरीजों में पीएचएलपीपी1 व पीकेसी एंजाइम के स्तरों के इस्तेमाल से लाभ मिलने की बात कही गई है। इससे शोधकर्ता नई चिकित्सकीय दवाएं विकसित कर सकते है, जो दोनों एंजाइमों के संतुलन को बदलेगा। इस प्रकिया से पैंक्रियाटिक कैंसर से जूझ रहे लोगों के इलाज में सहयोग मिलेगा।
World Cancer Day: पूर्व रक्षा मंत्री और गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर भी कैंसर से जूझ रहे हैं। उन्हें पैनक्रियाटिक कैंसर है और एम्स से उनका इलाज चल रहा है। जानें पैनक्रियाटिक कैंसर के लक्षण, कारण और ट्रिटमेंट।
प्रदेश सरकार ने अब तक पर्रिकर की सेहत को लेकर न कोई बयान जारी किया था न ही कोई टिप्पणी की थी।
पैंक्रियाज यानी अग्नाशय में कैंसर के शुरुआती लक्षण को जानना बहुत ही मुश्किल होता है। इसके लक्षण इतने साधारण होते है कि इसमें हमारा ध्यान ही नहीं जाता है। जानिए इसके लक्षण, कारण और बचाव
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