इस नक्षत्र में जन्मे लोग सदाचारी, धार्मिक, चतुर, रहस्यमयी और आत्मविश्वास से भरपूर होते हैं। ये जो पाना चाहते हैं वो पाकर ही रहते हैं।
पूर्वाभाद्रपद एक पंचक नक्षत्र है। इस दौरान घर में लकड़ी का कार्य या घर में वुड वर्क नहीं कराना चाहिए और ना ही लकड़ी इकट्ठी करनी चाहिए ।
Panchak November 2022: हिंदू धर्म में हर शुभ काम को शुरू करने से पहले शुभ-अशुभ मुहूर्तों का पूरा ध्यान दिया जाता है। पंचांग के अनुसार इस बार पंचक 29 नवंबर, मंगलवार से शुरू होगा और 4 दिसंबर, रविवार की रात को खत्म होगा।
Panchak November 2022: हिंदू पंचांग के अनुसार पंचक में शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं। सोमवार 7 नवंबर 2022 को पंचक खत्म होने वाला है। इसके खत्म होती ही शुभ कार्य शुरू हो जाएंगे।
Bhishma Panchak: इस साल भीष्म पंचकी की शुरुआत 04 नवंबर से होने वाली है। भीष्म पंचक सामान्य पंचक की तरह अशुभ नहीं होते हैं। इसमें व्रत, पूजा, स्नान और दान धर्म के कार्य करने का विशेष महत्व बताया गया है। आइए जानते हैं कि भीष्म पंचक कैसे शुरू हुए और इसकी पूजन विधि क्या है।
Panchak September 2022: हिंदू धर्म में हर शुभ काम को शुरू करने से पहले शुभ-अशुभ मुहूर्तों का पूरा ध्यान दिया जाता है। पंचांग के अनुसार 9 सितंबर 2022, शुक्रवार को सुबह 12 बजकर 39 मिनट से पंचक लग रहा है।
Panchak 2022: आइए जानते हैं कब से कब तक है पंचक। साथ ही जानिए इस दौरान किन पांच कामों को करने की मनाही होती है।
Raksha Bandhan 2022: इस साल राखी बांधने के शुभ मुहूर्त को लेकर लोग काफी सोच में पड़ गए हैं क्योंकि 11 अगस्त को भद्रा का साया था और 12 अगस्त से पंचक शुरू हो रहे हैं। ऐसे में ज्योतिष की मानें तो पंचक के दौरान राखी नहीं बांधनी चाहिए।
पंचक काल के दौरान कोई भी मांगलिक कार्य करना अच्छा नहीं होता है। वहीं इस साल 16 जुलाई शनिवार से 20 जुलाई, बुधवार तक मृत्यु पंचक लग रहा है।
Mrityu Panchak 2022: पंचक में 5 जिन होते हैं और ये पंचक शुभ नहीं होते हैं, इस दौरान कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है। इस महीने के पंचक शुरू हो चुके हैं और इस बार पंचक शनिवार से शुरू हुआ है इसलिए ये मृत्य पंचक है।
25 अप्रैल को सुबह से पंचक शुरू हो रहे हैं। जिसके साथ ही 29 अप्रैल तक कोई भी शुभ काम करने की मनाही है।
इस साल महाशिवरात्रि 1 मार्च, मंगलवार को पड़ रही है। इसके साथ ही इस दिन से पंचक भी शुरू हो रहे हैं।
हिंदू पंचांग के अनुसार हर माह में 5 दिन ऐसे आते हैं जिनमें कोई भी मांगलिक काम करने की मनाही होती है। इन पांच दिनों को पंचक कहा जाता है।
चंद्रमा पांच नक्षत्रों धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद और रेवती से होकर गुजरता है, जिसके कारण इसे पांच दिन का पंचक कहा जाता है।
शुक्रवार को पंचक लगने के कारण इसे चोर पंचक के नाम से जाना जाएगा। जानिए कौन से कार्य करने की है मनाही।
3 जुलाई की सुबह 6 बजे तक पंचक रहेंगे। सोमवार को शुरू होने के कारण इसे राज पंचक कहा जाता है।
फाल्गुन महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को महाशिवरात्रि का व्रत किया जाता है। इसके साथ ही इस दिम पंचक भी लग रहे हैं। जानिए इस दिन कौन से काम करने की हैं मनाही।
ज्योतिष शास्त्र की मान्यता अनुसार, कुछ नक्षत्रों या ग्रह संयोग में शुभ कार्य करना बहुत ही अच्छा माना जाता है, वहीं कुछ नक्षत्रों में कोई विशेष कार्य करने की मनाही रहती है। शु
शुक्रवार को शुरू होने वालें पचंक को चोर पंचक कहते है। इस दिन यात्रा करने की मनाही होती है। जानिए इन दिनों में कौन से काम करने की है मनाही।
शनिवार को शुरू होने वाले पंचक को मृत्यु पंचक कहते है। इस पंचक में शादी जैसे शुभ काम करने की मनाही होती है। जानिए इन दिनों में कौन से काम करने की है मनाही।
संपादक की पसंद