पनामा दस्तावेजों की जांच करने वाले जांचकर्ताओं को पता चला है कि काफी निवेश ब्रिटेन की कर पनाहगाह कही जाने वाली ब्रिटिश वर्जिन द्वीप में किया गया है।
ओईसीडी ने कहा कि पनामा 2000 भारतीयों के विदेशी खातों की वित्तीय एवं कर संबंधी सूचनाओं के आदान प्रदान के लिए नियमों का पालन करने की प्रतिबद्धता जताई है।
गुप्त विदेशी खातों और कंपनियों की जानकारी वाले पनामा पेपर्स के नए रहस्योद्घाटनों में भारत के करीब 2,000 लोगों और कंपनियों के नाम का खुलासा हुआ है।
आईसीआईजे के दो लाख छद्म कंपनियों से जुड़े पनामा दस्तावेजों के रिकार्ड ऑनलाइन उपलब्ध हो गए हैं। इससे ये दस्तावेज सार्वजनिक हो गए हैं।
अरुण जेटली ने एक बार फिर कहा कि विदेशों में अवैध खाते रखने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। जिनके नाम है उन्हें आयकर विभाग ने पहले ही नोटिस भेज दिए हैं।
पनामा पेपर्स मामले से उठी बहस के बीच भारतीय रिजर्व बैंक ने भारतीयों द्वारा विदेशों में अपने निवेश की सूचना देने में देरी पर आज चिंता जताई।
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने आज अपना व्यक्तिगत आयकर रिटर्न जारी किया। साथ ही पनामा दस्तावेज मामले की जांच के लिए एक नए कार्यबल का गठन किया।
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने माना कि पनामा-पत्रावली लीक मामले का सामना वह और अच्छी तरह से कर सकते थे पर उन्हें अब सबक मिल गया है।
आर्थिक सहयोग एवं विकास संगठन (OECD) ने पनामा दस्तावेजों के खुलासे के मद्देनजर 13 अप्रैल को भारत सहित अन्य देशों का एक विशेष सत्र बुलाया है।
अरूण जेटली ने कहा कि पनामा-पत्रावलियों में आए भारतीय नामों के मामलों की जांच के लिए गठित विभिन्न एजेंसियों का समूह प्रत्येक खाते का विश्लेषण कर रहा है।
दुनिया के इतिहास के सबसे बड़े डॉक्युमेंट्स लीक होने का मामला सामने आया है। लीक की वजह से बड़े नेता, खिलाड़ी और बिजनेसमैन की छिपी दौलत का खुलासा हुआ है।
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