सामुद्रिक शास्त्र के हस्त रेखा ज्ञान के अंतर्गत जीवन रेखा बहुत ही अहम रेखा मानी जाती है क्योंकि इसी रेखा के द्वारा व्यक्ति की आयु, उसकी उपलब्धियां, जीवन, मृत्यु, संकट, दुर्घटना आदि का पता लगाया जाता है | साथ ही यह रेखा व्यक्ति की ऊर्जा शक्ति, स्वास्थ्य और खुशहाली का प्रतिनिधित्व करती है |
सामुद्रिक शास्त्र में आज सबसे पहले हम बात करेंगे तर्जनी उंगली के बारे में। हमारे हाथ की तर्जनी उंगली व्यक्ति की महत्वाकांक्षा, उसके अहम और उसके नेतृत्व की क्षमता को दर्शाती है। यह उंगली व्यक्ति के भाग्य और उसके कार्य करने के तरीके से परीचित कराती है. तर्जनी उंगली की लंबाई सामान्यतः मध्यमा उंगली के ऊपरी भाग के मध्य तक होती है।
प्रायः सभी नवजात शिशुओं के चेहरे वृत्ताकार आकृति के होते हैं। हालांकि ऐसा नहीं है कि बड़े लोगों के चेहरे इस आकृति के नहीं होते। लेकिन अधिकतर नवजात शिशुओं का चेहरा ऐसा ही होता है।
आचार्य इंदु प्रकाश के अनुसार विषम वर्गाकार चेहरे वाले लोगों का मानसिक एवं जैविक दोनों ही क्षेत्र संकुचित होते हैं, किन्तु इनका व्यावहारिक क्षेत्र बहुत विकसित होता है. घर-परिवार हो या समाज इनका व्यवहार सबसे अच्छा ही होता है।
सामुद्रिक शास्त्र में आज जानिए हथेली में बुध पर्वत के बारे में। बुध पर्वत का स्थान कनिष्ठिका उंगली के नीचे होता है। जिस किसी का बुध पर्वत पूरी तरह से विकसित होता है, वह व्यक्ति प्रखर बुद्धि और गंभीर विचार वाला होता है।
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