Pakistan in deep Crisis: गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान (Pakistan) ने अब सरकारी कंपनियों के शेयर मित्र देशों को बेचने की योजना बना रहा है। वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) द्वारा 4 बिलियन डॉलर की सहायता राशी की जरूरत पड़ेगी। ताकि वह अपने वित्तीय घाटे की भरपाई कर सके।
Pakistan: पाकिस्तान के हालात तो श्रीलंका से भी ज्यादा बदतर हो सकते हैं, क्योंकि एक तरफ जहां उस पर कर्जा का बोझ बढ़ता जा रहा है, तो वहीं दूसरी ओर उसका विदेशी मुद्रा भंडार तेजी से खाली होता जा रहा है।
हाल ही में पाकिस्तान के योजना मंत्री ने बयान दिया था कि देश को चाय के आयात पर बड़ी रकम खर्च करनी पड़ती है।
डॉलर के मुकाबले रुपया तेजी से गिरकर 204 रुपये के सर्वकालिक निचले स्तर पर पहुंच गया। देश की ज्यादातर विदेशी मुद्रा कच्चा तेल खरीदने में खर्च हो रही है।
पाकिस्तान के संघीय राजस्व बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष शब्बर जैदी ने कहा है कि उनका देश ‘दिवालिया’ हो चुका है और ‘भ्रम में रहने’ से बेहतर है कि वास्तविकता को पहचाना जाए।
यदि खान की ये भविष्यवाणी सही साबित होती है, तो यह प्रधानमंत्री इमरान खान द्वारा आर्थिक नीतियों के मोर्चे पर किए गए सभी काम को शून्य कर देगा
स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान के आंकड़ों के मुताबिक, इस साल जून तक सार्वजनिक कर्ज बढ़कर 39.9 लाख करोड़ रुपये हो गया है, जिसमें महज तीन साल में 14.9 लाख करोड़ रुपये का इजाफा है।
कोरोना महामारी के फैलने से पहले ही दिवालिया होने की कगार पर खड़ी पाकिस्तानी अर्थव्यवस्था के लिए यह महामारी विनाशकारी साबित हुई है। पाकिस्तान में 68 साल में यह पहली बार हुआ है जब अर्थव्यवस्था की विकास दर ऋणात्मक (माइनस में) हो गई है।
संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने पाकिस्तान में छोटे एवं मझोले उद्यमों के विकास के लिए 20 करोड़ डॉलर की सहायता दी है।
पाकिस्तान में इटली के राजदूत स्टेफानो पोंटेकोर्वो का कहना है कि पाकिस्तान सही रास्ते पर चल रहा है और यह देश दुनिया की शीर्ष-20 अर्थव्यवस्थाओं में शामिल हो सकता है।
बेली डांस का यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसमें महिलाएं डांस करती नजर आ रही हैं।
चीन की योजना पाकिस्तान की विकास परियोजनाओं में एक अरब डॉलर का निवेश करने की है। पाकिस्तान में चीन के राजदूत याओ जिंग ने रविवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि दोनों देश द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने के लिए कदम उठा रहे हैं।
दिवालिया होने की कगार तक पहुंच गए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान अपने मुल्क की अर्थव्यवस्था पटरी पर लाने के लिए तमाम कोशिशें कर रहे हैं।
पाकिस्तान ने अपने इतिहास में पहली बार एक साल में विदेश से सोलह अरब डॉलर का कर्ज लिया है। यह कर्ज मुख्यत: पहले से लिए गए कर्ज पर ब्याज को चुकाने और आयात बिलों को चुकाने के लिए लिए गए।
इसमें 4.08 अरब डॉलर हर्जाना और 1.87 अरब डॉलर ब्याज है। यह हर्जाना पाकिस्तान को टेथयान कॉपर कंपनी (टीसीसी) को चुकाना होगा। पाकिस्तानी मीडिया में प्रकाशित रपटों में यह जानकारी दी गई है।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने देश में भ्रष्टाचार के मामलों में राजनेताओं की गिरफ्तारियों को सही ठहराते हुए कहा है कि वह देश को बुरी तरह कर्ज में डुबाने वाले 'चोरों' को नहीं बख्शेंगे।
आज जहां चीन, जापान के अलावा भारत जैसे देश अपनी औद्योगिक ताकत के भरोसे आगे बढ़ रहे हैं। वहीं हमारा बदहाल पड़ौसी पाकिस्तान आज भी पिछली सदी के पशुपालन व्यवसाय पर ही टिका है।
जून में समाप्त हो रहे वित्त वर्ष में पाकिस्तान की आर्थिक वृद्धि दर गिरकर 3.3 प्रतिशत पर आ जाएगी। यह 6.3 प्रतिशत के लक्ष्य की तुलना में बेहद कम है।
दोनों देशों के बीच बुरे संबंधों से सिर्फ पाकिस्तान के कारोबारी ही नहीं प्रभावित हुए बल्कि इसका प्रभाव भारत पर भी पड़ा है।
पाकिस्तान के आर्थिक हालात ठीक नहीं हैं ये तो जगजाहिर है लेकिन मौजूदा दौर में पाकिस्तानी मुद्रा रिकॉर्ड अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंच चुका है। पाकिस्तान के रुपए की कीमत काफी गिर गई है।
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