“राजपूतों की भावनाएं आहत हुई हैं। फिल्म का नाम बदलने से तथ्य नहीं बदल सकते। हम देश में फिल्म को पर्दे पर नहीं उतरने देंगे। यदि 25 जनवरी को फिल्म को परदे पर उतारा गया तो सिनेमा घर ज्वाला में जलेंगे।”
जावेद अख्तर के मुताबिक फिल्म के माध्यम से इतिहास जानने कि कोशिश नहीं करनी चाहिए क्योंकि इन दोनों को मिलाकर देखना ही बेवकूफी है। आपको अगर इतिहास में रुचि है तो गंभीरता से इतिहास पढ़िए।
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