मंत्रालय ने कहा कि धान के नमूने - पंजाब और हरियाणा में सरकारी उपक्रम, भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के क्षेत्रीय कार्यालयों द्वारा जांचे गए।
केंद्र ने बृहस्पतिवार को पंजाब और हरियाणा में खरीफ धान की खरीद 11 अक्टूबर तक के लिए स्थगित कर दी क्योंकि हाल ही में हुई भारी बारिश के कारण फसल पकने में देरी हुई है।
केंद्र ने गुरुवार को पंजाब और हरियाणा में खरीफ धान की खरीद 11 अक्टूबर तक के लिए स्थगित कर दी क्योंकि हाल ही में हुई भारी बारिश के कारण फसल पकने में देरी हुई है।
सरकारी उपक्रम भारतीय खाद्य निगम और अन्य खरीद एजेंसियों को दिये गये नियम-निर्देशों के मुताबिक किसानों से अनाज खरीदने के लिए कहा गया है।
किसानों के लिए जमीन का मालिक होना या न होना जरूरी नहीं है। अगर किसानों ने किसी भी जमीन पर खेती की है, तो उसे खरीद लिया जाएगा।
पांडे ने जोर देते हुये कहा कि यह नया तंत्र किसानों के हित में है और किसानों द्वारा अपनी जमीन में या किराए की जमीन में की जाने वाली खेती की फसल सरकार द्वारा खरीदी जाएगी।
धान खरीफ की एक प्रमुख फसल है, लेकिन इसे रबी के मौसम में भी उगाया जाता है। बयान में कहा गया है, ‘‘इस (खरीद) से मौजूदा खरीफ विपणन सत्र के दौरान 130.47 लाख किसानों का फायदा हुआ।
मौजूदा रबी विपणन सत्र के दौरान 49.20 लाख किसानों को खरीदा का लाभ मिला है। इस दौरान किसानों को 85,603.57 करोड़ रुपये का न्यूनतम समर्थन मूल्य का भुगतान किया गया।
सरकार ने शुक्रवार को कहा कि उसने चालू विपणन वर्ष में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर अब तक कुल 85,581 करोड़ रुपये के रिकॉर्ड 433.32 लाख टन गेहूं की खरीद की है।
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सरकार की ओर से होने वाली धान और गेहूं की खरीद अब तक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है। इस स्थिति के चलते सरकार चालू विपणन वर्ष के लिये तय लक्ष्य को आराम से हासिल कर लेगी।
मौजूदा खरीफ सीजन में जारी खरीद से करीब एक करोड़ किसान लाभान्वित हुए हैं। इन किसानों को अब तक सरकार की तरफ से 1.28 लाख करोड़ रुपये का भुगतान हुआ है। कुल खरीद में पंजाब की हिस्सेदारी करीब 30 प्रतिशत है।
दिल्ली की तमाम सीमाओं पर किसानों के जारी विरोध प्रदर्शन के बीच चालू खरीफ विपणन सत्र में अब तक धान की खरीद में 16 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। यह खरीद 638.57 लाख टन की हुई है, जिसकी कीमत 1,20,562 करोड़ रुपये है।
एपीडा के मुताबिक चालू वित्त वर्ष 2020-21 के पहले 9 महीने यानि अप्रैल से दिसंबर 2020 के दौरान देश से 115.97 लाख टन चावल एक्सपोर्ट हुआ है जबकि पिछले साल इस दौरान सिर्फ 64.30 लाख टन चावल का निर्यात हो पाया था।
केंद्र ने 25 जनवरी तक 583.31 लाख टन धान की खरीद की है, जो एक साल पहले की अवधि में 483.92 लाख टन की खरीद के मुकाबले 20.53 प्रतिशत अधिक है। धान की अब तक 583.31 लाख टन की कुल खरीद में से, पंजाब का योगदान 202.77 लाख टन है।
देश में 569.76 लाख टन धान की कुल खरीद में से, पंजाब ने अकेले 202.77 लाख टन का योगदान दिया है। इसके बाद हरियाणा, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना और छत्तीसगढ़ का हिस्सा है।
मंत्रालय के मुताबिक खरीफ सीजन में अब तक 98 हजार करोड़ रुपये ज्यादा की खरीद हो चुकी है, जिससे 67.89 लाख किसानों को फायदा मिला है। वहीं कुल 521 लाख टन धान की खरीद में पंजाब की हिस्सेदारी 202.77 लाख टन रही है।
उत्तर प्रदेश में धान खरीद को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की देखरेख में तैयार हुई योजना असरदार साबित हुई है।
मौजूदा खरीफ विपणन सत्र में अब तक न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर धान की खरीद पिछले साल की इसी अवधि के मुकाबले 22.5 प्रतिशत बढ़कर 368.7 लाख टन तक पहुंच गई है।
झारखंड में किसानों से धान खरीद पर सरकार के रोक से नाराज मुख्य विपक्षी भाजपा ने पाकुड़ के विभिन्न मंडलों में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का पुतला फूंका तथा राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारे लगाते हुए मुख्यमंत्री से इस्तीफे की मांग की।
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