गृह मंत्रालय (Home Ministry) ने गुरुवार को कोरोना वायरस से देश में बिगड़ते हालात और अस्पतालों में ऑक्सीजन की आपूर्ति को लेकर बड़ा फैसला लिया है।
देश की राजधानी में इस समय स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई है। राजधानी के कई कोविड अस्पतालों में ऑक्सीजन की किल्लत है। दिल्ली के शांति मुकुंद अस्पताल के सीईओ सुनील सागर अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी का हाल सुनाते-सुनाते रो पड़े।
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार Proning की जरूरत उस समय पड़ती है जब रोगी को सांस लेने में दिक्कत हो रही हो और शरीर में ऑक्सीजन का स्तर 94 के नीचे चला जाए। स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि समय रहते Proning क्रिया के जरिए कई जीवन बचाए जा सकते हैं।
दिल्ली के बत्रा अस्पताल में कोरोना के 350 मरीजों का उपचार हो रहा था। अस्पताल में ऑक्सीजन खत्म हो रही थी और प्रशासन को जब कोई रास्ता नहीं सूझा तो पुलिस की मदद मांगी।
कर्नाटक ने कोविड-19 के बढ़ते मामलों के मद्देनजर केंद्र से राज्य को 1500 मीट्रिक टन ऑक्सीजन और रेमडेसिविर इंजेक्शन की एक लाख शीशियां मुहैया कराने का अनुरोध किया है।
कानपुर पुलिस आयुक्तालय की अपराध शाखा ने ऑक्सीजन ब्लैक-मार्केटिंग रैकेट का भंडाफोड़ किया और 51 सिलेंडर बरामद किए। इस सिलसिले में शहर के गोविंद नगर इलाके में गैस एजेंसी के मालिक को गिरफ्तार किया गया है।
सत्येंद्र जैन ने बताया कि दिल्ली में पिछले 3 दिन से ऑक्सीजन की गंभीर समस्या चल रही है। कल 378 मीट्रिक टन ऑक्सीजन भी नहीं आ पाया था इसलिए कल बहुत गंभीर समस्या आई थी।
दिल्ली के कई अस्पतालों में इस वक्त ऑक्सीजन की कमी हो गई है। माता चन्नन देवी अस्पताल में भी हड़कंप मचा हुआ है।
देश के शीर्ष डॉक्टरों ने बुधवार को कहा कि ''ऑक्सीजन दवा के जैसी है'' और रुक-रुक इसे लेना फायदेमंद नहीं है। उन्होंने कहा कि ऐसा कोई डाटा नहीं है, जो दर्शाता हो कि यह कोविड-19 रोगियों के लिये किसी भी तरह मददगार है या होगी, लिहाजा यह बेकार की सलाह है।
नासिक के जाकिर हुसैन अस्पताल में आज सवेरे 11.30 बजे टैंक से ऑक्सीजन लीक होनी शुरू हुई थी, जिसके बाद फायर विभाग की टीम मौके पर पहुंची और लीक पर काबू पाने की कोशिश की गई।
दिल्ली सरकार ने मंगलवार रात को का दावा किया था कि उनके कई अस्पतालों में ऑक्सीजन की भारी कमी है और कुछ घंटों की जरूरत की ही ऑक्सीजन बची है
महाराष्ट्र के नासिक से बड़ी खबर है। यहां के एक अस्पताल में ऑक्सीजन का टैंक लीक हो गया है, जिस वजह से पूरे इलाके में ऑक्सीजन फैल गई है।
टाटा समूह ने कोविड-19 महामारी के दौरान देश में मेडिकल ऑक्सीजन की कमी को देखते हुए टाटा समूह ने बड़ा फैसला लिया है।
कल दिल्ली सरकार ने केंद्र सरकार से तुरंत मदद की मांग की है। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि जीटीबी अस्पताल में ऑक्सीजन की तीव्र कमी है। ऑक्सीजन 4 घंटे से अधिक नहीं चल सकती है। यहां ऑक्सीजन बेड पर 500 से अधिक कोरोना रोगियों का उपचार चल रहा है।
दिल्ली में मंगलवार को कोरोना वायरस संक्रमण के रिकॉर्ड 28,395 नए मामले सामने आए, वहीं संक्रमण से 277 लोगों की मौत हो गई। इसी के साथ महानगर में संक्रमण की दर बढ़कर 32.82 प्रतिशत हो गई।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को केंद्र सरकार से अपील की कि दिल्ली को मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति की जाए और कहा कि कुछ अस्पतालों में कुछ घंटे में ऑक्सीजन खत्म होने वाली है।
केंद्र ने दिल्ली उच्च न्यायालय को मंगलवार को सूचित किया कि फिलहाल दिल्ली में ऑक्सीजन की आपूर्ति में कोई कमी नहीं है और कुछ उद्योगों को छोड़कर ऑक्सीजन के अन्य तरह के औद्योगिक इस्तेमाल पर रोक लगा दी गई है।
CM योगी आदित्यनाथ सरकार ने केंद्र से 750 टन ऑक्सीजन प्राप्त किया है और राज्य भर में 81 इकाइयां प्रति दिन 900 टन से अधिक ऑक्सीजन का उत्पादन कर रही हैं। राज्य में ऑक्सीजन की कमी नहीं होने का दावा करते हुए, सरकार के प्रवक्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 100 से अधिक बेड वाले अस्पतालों को खुद की ऑक्सीजन प्लांट लगाने के लिए कहा है।
आईओसी ने बयान में कहा कि उसने दिल्ली, हरियाणा और पंजाब के विभिन्न अस्पतालों को मुफ्त में 150 टन ऑक्सीजन की आपूर्ति शुरू कर दी है।
भारत के सबसे बड़े रिफाइनर इंडियन ऑयल कॉर्पोरेरशन (इंडियन ऑयल) ने सोमवार को कहा कि उसने दिल्ली, हरियाणा और पंजाब के विभिन्न अस्पतालों को बिना किसी मूल्य के 150 मीट्रिक टन मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति शुरू कर दी है।
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