दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने मंगलवार को कहा कि दिल्ली का जीटीबी अस्पताल मेडिकल ऑक्सीजन से बाहर चल रहा है, एक ऑक्सीजन टैंकर बुधवार दोपहर 1:30 बजे समय पर अस्पताल पहुंचा। ऑक्सीजन पर 500 से अधिक महत्वपूर्ण कोरोना रोगियों को अस्पताल में भर्ती कराया गया था और आपूर्ति 2 बजे से अधिक समय तक चलने की उम्मीद नहीं थी।
टाटा समूह ने कोविड-19 महामारी के दौरान देश में मेडिकल ऑक्सीजन की कमी को देखते हुए टाटा समूह ने बड़ा फैसला लिया है।
कल दिल्ली सरकार ने केंद्र सरकार से तुरंत मदद की मांग की है। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि जीटीबी अस्पताल में ऑक्सीजन की तीव्र कमी है। ऑक्सीजन 4 घंटे से अधिक नहीं चल सकती है। यहां ऑक्सीजन बेड पर 500 से अधिक कोरोना रोगियों का उपचार चल रहा है।
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट करते हुए बताया कि कुछ अस्पतालों में ऑक्सीजन के कुछ ही घंटे बचे हैं। इस गंभीर मुद्दे पर उन्होंने केंद्र से जल्द से जल्द ऑक्सीजन मुहैया कराने की मांग की |
दिल्ली में मंगलवार को कोरोना वायरस संक्रमण के रिकॉर्ड 28,395 नए मामले सामने आए, वहीं संक्रमण से 277 लोगों की मौत हो गई। इसी के साथ महानगर में संक्रमण की दर बढ़कर 32.82 प्रतिशत हो गई।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को केंद्र सरकार से अपील की कि दिल्ली को मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति की जाए और कहा कि कुछ अस्पतालों में कुछ घंटे में ऑक्सीजन खत्म होने वाली है।
दारुल उलूल फिरंगी महल के प्रवक्ता सुफियान निज़ामी ने भी इस कार्य के लिए ट्रस्ट के लोगों की जमकर तारीफ की और कहा कि हर कोई ऐसी मदद करने सामने आ जाए तो इस महामारी को भी मुश्किल हालात में हराया जा सकता है।
केंद्र ने दिल्ली उच्च न्यायालय को मंगलवार को सूचित किया कि फिलहाल दिल्ली में ऑक्सीजन की आपूर्ति में कोई कमी नहीं है और कुछ उद्योगों को छोड़कर ऑक्सीजन के अन्य तरह के औद्योगिक इस्तेमाल पर रोक लगा दी गई है।
CM योगी आदित्यनाथ सरकार ने केंद्र से 750 टन ऑक्सीजन प्राप्त किया है और राज्य भर में 81 इकाइयां प्रति दिन 900 टन से अधिक ऑक्सीजन का उत्पादन कर रही हैं। राज्य में ऑक्सीजन की कमी नहीं होने का दावा करते हुए, सरकार के प्रवक्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 100 से अधिक बेड वाले अस्पतालों को खुद की ऑक्सीजन प्लांट लगाने के लिए कहा है।
आईओसी ने बयान में कहा कि उसने दिल्ली, हरियाणा और पंजाब के विभिन्न अस्पतालों को मुफ्त में 150 टन ऑक्सीजन की आपूर्ति शुरू कर दी है।
IPS सुधांशु धामा और उनकी टीम पश्चिमी विहार के एक्शन बालाजी अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी होने की सूचना पर तुरंत हरकत में आ गई
भारत के सबसे बड़े रिफाइनर इंडियन ऑयल कॉर्पोरेरशन (इंडियन ऑयल) ने सोमवार को कहा कि उसने दिल्ली, हरियाणा और पंजाब के विभिन्न अस्पतालों को बिना किसी मूल्य के 150 मीट्रिक टन मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति शुरू कर दी है।
इफको ने कहा है कि वह चार ऑक्सीजन संयंत्रों पर लगभग 30 करोड़ रुपये का निवेश करेगी।
केंद्र ने नौ विशिष्ट उद्योगों को छोड़कर औद्योगिक उद्देश्य के लिए ऑक्सीजन की आपूर्ति रविवार को प्रतिबंधित कर दी ताकि कोविड-19 मरीजों को ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा सके। यह निर्णय 22 अप्रैल से प्रभावी होगा।
दिल्ली में जहां एक ओर कोरोना के लेकर हालात बिगड़ते जा रहे हैं वहीं दूसरी ओर अस्पतालों में खत्म हो रही मेडिकल ऑक्सीजन को लेकर सीएम केजरीवाल ने चिंता व्यक्त करते हुए केंद्र से मदद की गुहार लगाई है।
देशभर में कोरोना संक्रमण ने हाहाकार मचाया हुआ है। लगातार चौथे दिन देश में कोरोना संक्रमण के 2 लाख से ज्यादा मामले सामने आए हैं। बढ़ते कोरोना के बीच देश के कई राज्यों से मेडिकल ऑक्सीजन की किल्लत के मामले सामने आए हैं। इंडिया टीवी के स्वास्थ्य सम्मेलन में एक्सपर्ट्स से जानिए कि कोरोना के खिलाफ इस जंग में किन सावधानियों से आप रख सकते हैं खुद को सुरक्षित।
उत्तर प्रदेश के अस्पतालों में तेजी से बढ़ रही मेडिकल ऑक्सीजन की मांग को लेकर राज्य की योगी आदित्यनाथ सरकार ने खास प्लान तैयार कर लिया है।
भारतीय रेलवे ने प्रमुख गलियारों में लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन (LMO) और ऑक्सीजन सिलेंडरों के परिवहन के लिए पूरी तरह से तैयारी कर ली है। भारतीय रेलवे राज्यों में ऑक्सीजन पहुंचाने के लिए खास ऑक्सीजन एक्सप्रेस (OXYGEN Express) ट्रेनें चलाएगा।
देश में कोरोना के तेजी से बढ़ते नए मामलों के बाद ऑक्सीजन सिलेंडरों की खपत एवं इनकी बढ़ती मांग को देखते हुए केंद्र की मोदी सरकार ने मेडिकल ऑक्सीजन को लेकर बड़ा फैसला लिया है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने भी राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ हाईलेवल मीटिंग की और उन्हें कोरोना को हराने का प्लान बताया,हालांकि इस दौरान उन्होंने माना कि देश में कोरोना से स्थिति इसलिए भी खराब हो रही है क्योंकि मरीज गंभीर होने के बाद अस्पतालों में पहुंच रहे हैं
संपादक की पसंद