स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों से अपेक्षित विवरण भेजने का अनुरोध किया है और 20 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों ने इसका जवाब दिया है और इनमें से किसी भी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश ने ऑक्सीजन की कमी के कारण होने वाली मौत की पुष्टि नहीं की है।
गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने बुधवार को दावा किया कि महामारी की दूसरी लहर के दौरान चिकित्सकीय ऑक्सीजन की कमी के कारण राज्य में कोरोना वायरस से संक्रमित किसी भी मरीज की मौत नहीं हुई।
केंद्र सरकार ने मंगलवार को संसद में बताया कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से ऐसी कोई सूचना नहीं मिली कि दूसरी लहर में ऑक्सीजन की कमी से कोई मौत हुई है जिसके बाद विपक्षी पार्टियां सरकार पर हमलावर हैं। वहीं अब एक-एक कर कई राज्य केंद्र सरकार के सुर में सुर मिलाते दिख रहे हैं।
भारतीय जनता पार्टी ने बुधवार को विपक्षी शासित राज्यों पर इस मुद्दे पर राजनीति करने का आरोप लगाया, जबकि पहले स्वीकार किया था कि कोविड -19 की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की कमी के कारण कोई मौत नहीं हुई थी।
इंडिया टीवी से खास बातचीत में बत्रा अस्पताल के डॉक्टर एससीएल गुप्ता ने दावा किया कि ऑक्सीजन की कमी से मौत दिल्ली में हुई है | यह केंद्र-राज्य के बीच समन्वय की कमी के कारण हो सकता है कि इन मौतों की रिपोर्ट उस तरह नहीं की गई जैसा कि होना चाहिए था।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने मंगलवार को राज्यसभा को बताया कि भारत में कोरोनोवायरस महामारी की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की कमी के कारण राज्यों ने विशेष रूप से किसी भी मौत की सूचना नहीं दी।
संबित पात्रा ने कहा कि कल जिस प्रकार से सदन में एक प्रश्न उत्तर को लेकर राजनीति की गई है, ऑक्सीजन की कमी और उसके कारण हुई मृत्यु को लेकर, यह बहुत अफसोस जनक है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि राज्यों ने अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी के कारण कोविड रोगियों की मौत के बारे में कोई जानकारी नहीं दी है। दूसरी लहर के दौरान, विशेष रूप से दिल्ली में, ऑक्सीजन की कमी के कारण कई मौतों ने सुर्खियां बटोरीं, इस मामले ने विपक्ष की तीखी आलोचना की।
सत्येंद्र जैन से जब संसद में केंद्रीय मंत्री द्वारा दिए गए जवाब के बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि अभी थोड़े दिनों बाद यह भी कह देंगे कि कोरोना था ही नहीं, महामारी थी ही नहीं।
जयपुर गोल्डन अस्पताल के चेयरमैन डॉ. मनोज शर्मा ने इंडिया टीवी से एक्सक्लूसिव बातचीत में इस बात का स्वीकार किया कि कोविड की दूसरी लहर के दौरान उनके अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी की वजह से 20 से 21 मरीजों की जान चली गई।
राज्यसभा में सरकार का चौंकाने वाला बयान, कोरोना काल के दौरान देश में ऑक्सीजन की कमी से नहीं गई एक भी मरीज़ की जान.
जरूरत से चार गुना ज्यादा ऑक्सीजन की डिमांड मामले में दिल्ली सरकार ने सफाई दी है। उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा है कि ऑक्सीजन पर कोई ऑडिट रिपोर्ट नहीं आई है।
दिल्ली की केजरीवाल सरकार पर जरूरत से चार गुना ज्यादा ऑक्सीजन मांगने का आरोप लगा है। ये खुलासा ऑक्सीजन संकट को लेकर बनी सुप्रीम कोर्ट की टास्क फोर्स की रिपोर्ट में किया गया है।
उन्होंने कहा, ‘‘हमने इस मुद्दे को गंभीरता से लिया और मामले की जांच के लिए चार सदस्यीय समिति गठित करने का फैसला लिया। इस समिति में चिकित्सा विशेषज्ञ हैं।
मुख्यमंत्री के जीएमसीएच के दौरे के बाद स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, ‘‘उच्च न्यायालय को मौत के उचित कारणों का पता लगाने के लिए जांच करनी चाहिए। उच्च न्यायालय को मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए और जीएमसीएच में ऑक्सीजन की आपूर्ति के संबंध में श्वेत पत्र तैयार करना चाहिए, जिससे चीजें दुरुस्त करने में मदद मिलेगी।’’
आंध्र प्रदेश के तिरुपति स्थित सरकारी रुइया अस्पताल में ऑक्सीजन सप्लाई में कमी की वजह से कोरोना के 11 मरीजों ने दम तोड़ दिया।
दिल्ली के खान मार्केट से दिल्ली पुलिस ने 96 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर ज़ब्त किएI ये अक्सीजन कंसंट्रेटर्स मार्केट के खान चाचा रेस्टोरेंट में छिपाकर रखे गए थे, जहां पुलिस ने छापेमारी कर इन्हें अपने कब्ज़े में लियाI
ममता बनर्जी ने कोरोना संक्रमण के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर बंगाल में ऑक्सिजन का आवंटन बढ़ाने की मांग की है। ममता ने पीएम मोदी से बंगाल के लिए कम से कम 550 मीट्रिक टन ऑक्सिजन के आवंटन के निर्देश दिए जाने की गुहार लगाई है।
दिल्ली सरकार COVID-19 मरीजों के लिए घर पर ही प्रदान करेगी ऑक्सीजन, मरीज delhi.gov.in पर जा कर रजिस्टर करें तो दिल्ली सरकार होम आइसोलेशन में इलाज करा रहे लोगो को ऑक्सीजन घर पर ही प्रदान करे
भारत में कोरोना मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। न केवल नए केसेस में बल्कि मौतों में भी आंकड़े अपने ही पुराने रिकॉर्ड तोड़ते जा रहे हैं। कोरोना मरीजों में मौत की सबसे बड़ी वजह बन रही है ऑक्सीजन की कमी। तकरीबन हर राज्य से ऑक्सीजन की कमी और उसकी वजह से हो रही मौतों की खबरें आ रही हैं।
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