ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय ने एक हिंदू संत की 500 साल पुरानी कांस्य मूर्ति भारत को लौटाने पर सहमति जताई है। विश्वविद्यालय के एशमोलियन संग्रहालय की ओर से यह जानकारी दी गई है।
भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने ऑक्सफोर्ड यूनियन सोसाइटी में लोगों को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि चुनाव संवैधानिक लोकतंत्र का मूल आधार हैं, भारत में न्यायाधीशों का चुनाव नहीं होता है।
वरुण गांधी ने निमंत्रण को ठुकराते हुए कहा कि इन मुद्दों पर देश के अंदर ही बात होनी चाहिए, न की देश से बाहर। उन्होंने कहा कि उन्हें भारत की बात दूसरे देश में करने का कोई शौक नहीं है।
Oxford Dictionary-Goblin Mode: पहली बार इस साल का विजेता शब्द ऑक्सफोर्ड भाषा के शब्दकोश लेखकों के चुने तीन अंतिम शब्दों में से जनता के वोट के माध्यम से छांटा गया है।
वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग में मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी पहले स्थान पर है। यानि यह दुनिया की सबसे बेहतरीन यूनिवर्सिटी है। यहां पढ़ने की ख्वाहिश हर छात्र के मन में होगी। हालांकि, आप अगर यहां की फीस के बारे में सुनेंगे तो आपके होश उड़ जाएंगे।
ब्रिटेन में हुए एक नए अध्ययन में कहा गया है कि देश में फिलहाल लगाए जा रहे ऑक्सफोर्ड/एस्ट्राजेनेका या फाइजर/बायोएनटेक के टीके की पहली खुराक के बाद ही संक्रमण का खतरा करीब 65 प्रतिशत तक कम हो जाता है।
'ऑक्सफोर्ड वर्ड ऑफ द ईयर' एक ऐसा शब्द होता है जो बीते साल में लोगों के मूड की झलक देता है।
ब्रिटेन में फाइजर की कोरोना वैक्सीन के बाद अब ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका द्वारा विकसित कोरोना वैक्सीन प्रदान करने का अभियान शुरू हो गया है।
भारत के ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ने रविवार को दो कोरोनावायरस टीकों को मंज़ूरी दिया, जिनमें से एक एस्ट्राज़ेनेका और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा विकसित किया गया और दूसरा भारत बायोटेक द्वारा प्रतिबंधित आपातकालीन उपयोग के लिए।
ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों द्वारा विकसित और एस्ट्राजेनेका द्वारा उत्पादित कोविड-19 टीके को बुधवार को ब्रिटेन के स्वतंत्र नियामक ने इंसानों पर इस्तेमाल करने की अनुमति दे दी।
भारत में इस वैक्सीन को सीरम इंस्टिड्यूट ऑफ इंडिया तैयार कर रहा है और ऐसी संभावना है कि यूके में मंजूरी के बाद जल्द भारत में भी इस वैक्सीन के इस्तेमाल की मंजूरी मिल सकती है
ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय और एस्ट्राजेनेका द्वारा विकसित कोविड-19 का टीका बहुत तेजी से फैल रहे कोरोना वायरस के नए प्रकार पर प्रभावी होना चाहिए। यह दावा रविवार को ब्रिटेन की मीडिया में आई खबरों में किया गया है।
वैक्सीन का कितना असर हुआ ? कोरोना का कितना खतरा टला ? देखिये इंडिया टीवी की खास बातचीत वैक्सीन वारियर्स के साथ
ब्रिटिश मीडिया की एक खबर के अनुसार कोविड-19 से निपटने के लिए एस्ट्राजेनेका द्वारा निर्मित ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के टीके को 2021 की शुरूआत में लाने के वास्ते इस साल के अंत तक देश के स्वतंत्र नियामक से मंजूरी मिलने की संभावना है।
कोविड-19 से बचाव के लिए ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका का टीका अगले साल के पूर्वार्ध में देश में उपलब्ध हो सकता है।
Study in UK : आपमें पढ़ने लिखने का जुनून है और विदेश में पढ़ाई कर अपनी प्रतिभा निखारने की ख्वाहिश रखते हैं तो स्कॉलरशिप काफी मदद कर सकती है।
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा विकसित किये जा रहे कोविड-19 के टीके के तीसरे चरण के परीक्षण के अंतरिम परिणाम सोमवार को प्रस्तुत किये गए जिसमें यह संक्रमण की रोकथाम में 'प्रभावी' पाया गया है।
आम लोगों के बीच एक सवाल बहुत ही कॉमन है कि क्या कोरोना वायरस का संक्रमण दोबारा हो सकता है। ब्रिटेन में हुई एक स्टडी में इस सवाल का जवाब तलाशने की कोशिश की गई है।
कोरोना वायरस टीके बनाने की रेस में एस्ट्राजेनेका कंपनी का टीका बुजुर्गों में इस वायरस के खिलाफ जरुरी इम्युन रिस्पांस को बनाने में सफल हो गया है। फायनेंशियल टाइम्स में छपी रिपोर्ट के अनुसार, दवां से बुजुर्गों के शरीर में प्रोटेक्टिव ऐंटीबॉडीज और T स
ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय का कहना है कि परीक्षण में शामिल एक व्यक्ति की मौत की खबरों के बावजूद ब्राजील में उसके कोविड-19 टीके का बाद में चलाये जाने वाले चरण का परीक्षण जारी रहेगा।
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