ओवरड्राफ्ट सुविधा सिक्योर्ड और अनसिक्योर्ड दो तरह की होती है। सिक्योर्ड सुविधा यानी कि जिसमें सिक्योरिटी के तौर पर पैसे लेने से पहले शेयर, बॉन्ड्स, एफडी, घर, इंश्योरेंस पॉलिसी, सैलरी के आधार पर या गिरवी रखकर बैंक से ओवरड्राफ्ट सुविधा ले सकते हैं।
बैंकों के मुताबिक किसी भी क्रेडिट कार्ड या पर्सनल लोन के मुताबिक ओवरड्राफ्ट के जरिए पैसा लेना सस्ता होता है। ओवरड्राफ्ट में आपको बाकी लोन के मुकाबले कम ब्याज लगता है।
पर्सनल लोन में आपको एकमुश्त राशि बैंक की ओर से दी जाती है। इसको चुकाने की एक तय सीमा होती है।वहीं, ओवरड्राफ्ट में, ब्याज राशि की गणना उपयोग की गई राशि और उपयोग किए गए दिनों की संख्या के आधार पर दैनिक आधार पर की जाती है।
देश के सबसे बड़े बैंक SBI(स्टेट बैंक ऑफ इंडिया) के ग्राहकों के लिए अच्छी खबर है। अब स्टेट बैंक ग्राहकों को पैसों के लिए टेंशन लेने की जरूरत नहीं है।
इस सुविधा का लाभ उठाने के लिए आपको बैंक में जाकर या ऑनलाइन आवेदन करना होगा। अधिकांश बैंक ओवरड्राफ्ट सुविधा के लिए ली जाने वाली कुल राशि का एक प्रतिशत प्रोसेसिंग शुल्क के रूप में लेते हैं।
क्रेडिट कार्ड या पर्सनल लोन से बेहतर है ओवरड्रॉफ्ट सुविधा
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