आईसीआईसीआई बैंक और एक्सिस बैंक का आउटलुक भी निगेटिव हुआ
महामारी की वजह से गरीबों की संख्या में 6 करोड़ की बढ़त होने की आशंका
लॉकडाउन और सरकार के राहत कदमों से बिजली कंपनियों पर दबाव संभव
एजेंसी के मुताबिक पहले से जारी नरमी के बीच कोरोना संकट से अर्थव्यवस्था को बड़ा झटका लगा
मार्च के महीने में सभी 8 कोर सेक्टर में रहा गिरावट का रुख
भारत और चीन की अर्थव्यवस्था में सुस्ती से गहरा हुआ मंदी का असर
फिक्की के अनुसार इन क्षेत्रों का सालाना कारोबार करीब एक लाख करोड़ रुपये है
दिसंबर के महीने में कोर सेक्टर में बढ़त दर्ज हुई है।
भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) कॉल आने पर घंटी बजने के समय को लेकर अगले दो सप्ताह में अपनी अंतिम राय तय करेगा।
एयरटेल का कहना है कि फोन की घंटी बजने की अवधि कम करने से मिस्ड कॉल की संख्या बढ़ेगी।
नकदी संकट से जूझ रही सरकारी एयरलाइंस एयर इंडिया का सरकार पर कुल 1146.68 करोड़ रुपया बकाया है। यह बकाया अतिविशिष्ट लोगों (वीवीआईपी) के लिए चार्टड उड़ानों से संबंधित है।
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPIs) ने पिछले पांच कारोबारी सत्रों में पूंजी बाजार से 5,600 करोड़ रुपए की निकासी की है जबकि इससे पहले दो महीनों में उन्होंने लगातार निवेश किया था।
बॉलवुड की मशहूर हस्तियों ने महाराष्ट्र सरकार द्वारा सिनेमा हॉल में बाहर से खाने-पीने की चीजें ले जाने की अनुमति प्रदान करने पर चिंता जाहिर की है।
कच्चे तेल की अधिक कीमतों तथा अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दर बढ़ाने के अनुमान के बीच इस महीने के पहले दो सप्ताह के दौरान विदेशी निवेशकों ने बांड बाजार से करीब 1,200 करोड़ रुपए की निकासी की। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने पिछले पांच महीनों में बांड बाजार से करीब 50 हजार करोड़ रुपए निकाले हैं।
गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) से निवेशकों का लगातार मोहभंग होता जा रहा है। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में गोल्ड ईटीएफ से 150 करोड़ रुपए की निकासी की गई। निवेशकों के लिए शेयर बाजार पसंदीदा विकल्प बना हुआ है।
बढ़ते वैश्विक जोखिम से अल्पावधि में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया गिरकर 68 से 72 रुपए प्रति डॉलर के दायरे में पहुंच सकता है लेकिन इसके बाद रिजर्व बैंक (RBI) स्थिति नियंत्रण में लाने के लिये बाजार में हस्तक्षेप कर सकता है। यूबीएस की एक रिपोर्ट में यह कहा गया है।
विदेशी निवेशकों द्वारा भारतीय पूंजी बाजारों से धन की निकासी का क्रम जारी है। इस साल की पहली छमाही में पूंजी बाजारों से विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) की निकासी करीब 48,000 करोड़ रुपए पर पहुंच गई है। यह पिछले 10 साल का उच्च स्तर है।
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दूसरे बाजारों की तुलना में भारतीय शेयर बाजारों का प्रदर्शन बेहतर रहेगा, लेकिन कुल मिलाकर रिटर्न सीमित रहेगा क्योंकि वैश्विक शेयर बाजारों का परिदृश्य इस दौरान कुछ नरम रहेगा। मॉर्गन स्टेनली रिसर्च की एक रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया गया है।
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने इस महीने अब तक भारतीय पूंजी बाजारों से 5,500 करोड़ रुपए की निकासी की है। वैश्विक व्यापार युद्ध को लेकर चिंता तथा अमेरिकी फेडरल रिजर्व के आक्रामक रुख के संकेतों से विदेशी निवेशक निकासी कर रहे हैं।
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