भाजपा के सहयोगी और केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने बृहस्पतिवार को राम मंदिर मुद्दे पर अध्यादेश का विरोध किया और कहा कि मामले में सुप्रीम कोर्ट का निर्णय अंतिम होना चाहिए।
कैलाश विजयवर्गीय ने विपक्ष के इन आरोप को खारिज किया कि भाजपा चुनावों से पहले राम मंदिर मुद्दे का राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश में जुटी है।
संपादकीय में कहा गया है कि "आप राम मंदिर के निर्माण की तारीख क्यों तय नहीं कर रहे हैं? अगर मंदिर निर्माण का मु्द्दा आपके हाथ से निकल गया तो 2019 में आपकी रोजी-रोटी के अलावा कई लोगों की जुबान बंद हो जाएगी।"
इकबाल अंसारी ने कहा कि अगर अध्यादेश लेकर आना देशहित में है तो सरकार उसे लेकर आए, उन्होंने आगे कहा कि वह कानून को मानने वाले नागरिक हैं और हर कानून का पालन करेंगे
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