विपक्षी गठबंधन की बैठक में हिस्सा लेने के लिए 28 विपक्षी दलों के नेता मुंबई पहुंच चुके हैं। यह विपक्षी गठबंधन की तीसरी बैठक है। इससे पहले बिहार के पटना और कर्णाटक के बेंगलुरु में बैठकें हो चुकी हैं।
विपक्षी दलों के नेताओं का कहना है कि सरकार ने साफ नहीं किया है कि ये सत्र किस लिए बुलाया गया है। आप नेता संजय सिंह ने कहा कि इंडिया की बैठक में इस पर चर्चा की जाएगी।
विपक्षी दलों के गठबंधन 'इंडिया' की तीसरी बैठक 31 अगस्त और 1 सितंबर को मुंबई में हो रही है। इस बैठक का पूरा शेड्यूल सामने आ गया है।
यूपी विधानसभा का मानसून सत्र शुरू होने से पहले ही विपक्ष खासतौर पर समाजवादी पार्टी ने सरकार को जातिगत जनगणना के अलावा महंगाई, किसान और कानून व्यवस्था के सवाल पर घेरने की तैयारी कर रखी थी। दूसरी तरफ, सत्ता पक्ष की ओर से विधानमंडल में पूरे तथ्यों के साथ विपक्ष के हमलों का जवाब देने की तैयारी की गई।
मुंबई के नेहरू सेंटर में शनिवार को हुई महा विकास आघाडी की बैठक के बाद जहां संजय राउत ने कहा कि I.N.D.I.A. अलायंस की बैठक को शिवसेना होस्ट करेगी, तो कांग्रेस ने दूसरा नाम लिया।
पिछली बैठक 17-18 जुलाई को कर्नाटक के बेंगलुरु में आयोजित की गई थी। इस दौरान गठबंधन का नाम तय हुआ था और इस बार इसका संयोजक के नाम के अलान की संभावना जताई जा रही है।
मंगलवार की बैठकें आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर गठबंधनों की तस्वीरें साफ़ कर देंगी। जहां दिल्ली में NDA के घटक दल इकट्ठा हो रहे हैं तो वहीं बेंगलुरु में विपक्षी दल बैठक कर रहे हैं।
दो दिन होने वाली इस बैठक की शुरुआत आज शाम 6 बजे कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के स्वागत भाषण से होगी। इसके बाद बैठक के एजेंडे पर चर्चा की जाएगी।
कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने 17-18 जुलाई को बेंगलुरु में होने वाली अगली एकता बैठक में भाग लेने के लिए शीर्ष विपक्षी नेताओं को आमंत्रित किया है।
बीजेपी के घेरने की कवायद में बेंगलुरु में होने जा रही विपक्ष की बैठक में कम से कम 24 पार्टियों के भाग लेने की संभावना है।
आम आदमी पार्टी ने अपने बयान में कहा है कि वो इस गठबंधन का तब तक हिस्सा नहीं बनेगी जब तक कांग्रेस दिल्ली अध्यादेश का सार्वजनिक रूप से विरोध नहीं करती।
मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने पटना में हुई विपक्ष की मीटिंग पर तंज कसा है और कहा है कि पीएम मोदी की लोकप्रियता की बाढ़ को देखकर सभी एक डाल पर जा बैठे हैं, इससे कुछ होगा नहीं।
2024 के लोकसभा चुनाव में केंद्र की मोदी सरकार को हराने की रणनीति पर चर्चा के लिए पटना में विपक्षी नेता मीटिंग कर रहे हैं। इस बीच मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि अगर बिहार जीत गए पूरे भारत में जीत जाएंगे।
केंद्र में सत्तारूढ़ बीजेपी को 2024 के लोकसभा चुनाव में हराने की राणनीति को लेकर आज पटना में एक अहम बैठक हुई। इसमें विपक्षी दलों के प्रमुख नेता शामिल हुए।
23 जून को पटना में होनेवाली विपक्षी नेताओं की बैठक से पहले दिल्ली के सीएम केजरीवाल ने एक चिट्ठी लिखी है। इस चिट्ठी में उन्होंने तमाम विपक्षी नेताओं से आग्रह किया कि वे सबसे पहले दिल्ली के अध्यादेश पर विचार करें।
प्रशांत किशोर ने विपक्षी एकता की कवायद पर तंज कसते हुए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को नसीहत दी है कि वह पहले अपने सूबे पर ध्यान दें।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विपक्षी एकजुटता के लिए जी-जान से जुटे हैं। इस अभियान को लेकर वे अपना पूरा दमखम लगा रहे हैं। इससे कितना फायदा होगा, जानिए इसके बारे में-
विपक्षी नेता कारा मुर्जा को राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के आलोचक, युद्ध का विरोध करने वाले और पुतिन के कार्यकाल को ‘हत्यारों का युग’ बताने वाले के तौर पर जाना जाता है।
एनसीपी चीफ शरद पवार ने कहा कि ऐसी गिरफ्तारियों के कई उदाहरण हैं। उन्होंने ये भी कहा कि जिन लोगों पर आरोप थे, उनके बीजेपी में शामिल होने के बाद उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई।
President Election: एनसीपी चीफ शरद पवार ने कहा कि राष्ट्रपति चुनाव के लिए सभी पक्षों से बातचीत की जाएगी। वहीं, ममता बनर्जी ने कहा कि इस वक्त विपक्ष को साथ आने की जरुरत है।
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