एसबीआई ईकोरैप की रिपोर्ट के अनुसार, 31 जुलाई 2018 तक 3.43 करोड़ रिटर्न दाखिल किए गए। वित्त वर्ष 2018 की समान अवधि में 2.24 करोड़ रिटर्न दाखिल किए गए थे। अब आप पूछेंगे कि भला सरकार को इससे क्या फायदा हुआ? आइए आपको बताते हैं।
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने आयकर विभाग को ऑपरेशन क्लीन मनी के तहत उन लोगों को नोटिस देने का काम दो माह में पूरा करने को कहा है, जिन्होंने नोटबंदी के बाद बड़ी राशि अपने बैंक खातों में जमा कराई थी।
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने ऑपरेशन क्लीन मनी के दूसरे चरण में SFT से प्राप्त जानकारी के आधार पर 5.56 लाख नए लोगों की पहचान की है।
इनकम टैक्स विभाग ने काले धन का पता लगाने के लिए ऑपरेशन क्लीन मनी पार्ट-2 की शुरुआत की है।
ऑपरेशन क्लीन मनी: इनकम टैक्स डिपार्टमेंट उन सभी को नोटिस जारी करेगा जिन्होंने उसके SMS या ई-मेल का जवाब नहीं दिया।
विभाग द्वारा शुरू किए गए ऑपरेशन क्लीनमनी के तहत आयकर विभाग की कई टीमों ने देशभर में 230 से अधिक सर्वे किए हैं। 250 करोड़ की अघोषित संपत्ति का पता चला है।
आयकर विभाग 20,000 रुपए व इससे अधिक राशि की ऋण जमाओं के चुनिंदा मामलों में जांच कर दंडात्मक कार्रवाई शुरू कर सकता है।
CBDT ने कहा है कि किसी बैंक खाते का दुरपयोग मनी लांड्रिंग, कर चोरी या मुखौटा कंपनी के परिचालन के लिए किया गया है तो उनके साथ रियायत नहीं बरती जाएगी।
CBDT ने IT विभाग से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि ऑपरेशन क्लीन मनी के तहत टैक्सपेयर्स को कोई धमकी, चेतावनी या कारण बताओ नोटिस न दिया जाए।
नोटबंदी के बाद जिस किसी ने भी अपने बैंक अकाउंट में मोटी रकम जमा कराई है तो उनके घर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के अधिकारी कभी भी पहुंच सकते हैं।
आयकर विभाग नोटबंदी के दौरान बैंक खातों में अघोषित नकदी जमा कराने की पड़ताल के अपने अभियान ऑपरेशन क्लीन मनी का दूसरा चरण अगले महीने शुरू कर सकता है।
इनकम टैक्स विभाग ने नोटबंदी के बाद संदिग्ध बैंक जमाओं के लिए जांच दायरे में आए 18 लाख लोगों में से लगभग आधे 9 लाख को संदिग्ध की श्रेणी में रखा है।
इनकम टैक्स विभाग ने नोटबंदी के बाद बैंक खातों में जमा बेहिसाब धन पर कार्रवाई करने के लिए एक करोड़ खातों की जांच और उसका मिलान किया है।
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