'राजनीतिक दलों के पास पैसों को कोई कमी नहीं है, चुनाव के दौरान ज्यादातर इस्तेमाल होने वाला पैसा कालाधन होता है और इसपर किसी तरह की रोक नहीं लग पायी है'
लोकसभा चुनाव के अलावा 2019 में जम्मू कश्मीर, ओडिशा, महाराष्ट्र, हरियाणा, आंध्र प्रदेश, अरूणाचल प्रदेश और सिक्किम में होने वाले विधानसभा चुनाव भी उनके ही कार्यकाल के दौरान संपन्न होंगे।
मुख्य चुनाव आयुक्त ओ पी रावत ने कहा कि चुनावों में प्रचार अभियान के लिए पार्टी की खर्च सीमा तय करने की बात आने वाले वक्त में साकार होगी।
केजरीवाल ने रावत को बुधवार को लिखे अपने पत्र में यह भी जानना चाहा कि चुनाव आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध ऐसी सूची को क्यों हटा दिया गया।
तेलंगाना के लिए चुनावी कार्यक्रम की घोषणा करने के बाद से चुनाव आयोग का यह पहला दौरा है जो राज्य के चुनाव तैयारियों की समीक्षा के सिलसिले में है।
गूगल, फेसबुक और ट्विटर ने चुनाव आयोग (EC) को आश्वासन दिया है कि उनका प्लेटफॉर्म ऐसी किसी खबर को प्रसारित नहीं करेगा जिससे चुनाव की विश्वसनीयता पर किसी तरह का असर पड़े।
मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत ने भारत में चुनाव के दौरान धन के भारी पैमाने पर दुरुपयोग को चिंताजनक बताया है।
रावत ने कहा कि कुछ दलों का कहना था कि मतपत्र पर वापस लौटना अच्छा नहीं होगा, क्योंकि हम नहीं चाहते हैं कि ‘बूथ कैप्चरिंग’ का दौर वापस आए।
चुनाव आयोग ने 10 दिन में दूसरी बार एक राष्ट्र-एक चुनाव की संभावनाओं को खारिज कर दिया है।
कुछ हलकों में ऐसी अटकलें हैं कि अप्रैल-मई 2019 में प्रस्तावित लोकसभा चुनाव को खिसका कर नवम्बर-दिसम्बर 2018 में मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, मिजोरम और राजस्थान विधानसभा चुनाव के साथ कराया जा सकता है।
मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत ने बताया कि कमीशन साथ चुनाव कराने के लिए अचानक से अतिरिक्त मशीनों का ऑर्डर नहीं दे सकता है, इसके लिए लीगल फ्रेमवर्क की जरूरत होगी।
देश के मुख्य निर्वाचन आयुक्त ओ.पी. रावत ने चुनावों के लिए बैलेट पेपर को वापस लाने की सभी संभावनाओं को खारिज कर दिया है।
रावत ने ईवीएम से जुड़े संदेहों को खारिज करते हुए कहा कि ईवीएम के साथ वीवीपैट मशीन लगाए जाने का सिलसिला शुरू किए जाने से चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता और विश्वसनीयता बढ़ी है...
चुनाव आयोग ने कहा कि चूक की कुछ घटनाओं की वजह से सोशल मीडिया का इस्तेमाल बंद नहीं किया जा सकता...
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