देश का ऑनलाइन रिटेल (खुदरा) बाजार 2022 तक चार गुना बढ़कर 73 अरब डॉलर तक पहुंच जाएगा।
चीन में अपनी मौजूदगी को दोबारा मजबूत करने के लिए प्रौद्योगिकी दिग्गज गूगल चीनी ई-कॉमर्स कंपनी जेडी डॉट कॉम में 55 करोड़ डॉलर का निवेश करने जा रही है। सीएनबीसी ने गूगल के हवाले से सोमवार को बताया कि रणनीतिक भागीदारी के तहत, गूगल जेडी डॉट कॉम में 55 करोड़ डॉलर लगाएगी।
क्रिसिल की रिपोर्ट में तीन साल में ऑनलाइन खुदरा बाजार के आकार का जिक्र किए बिना कहा गया कि इस दौरान इसका आकार अभी की तुलना में 250 प्रतिशत बढ़ जाएगा।
बियानी ने कहा कि ऑनलाइन खुदरा कारोबार की बाजार हिस्सेदारी कम है पर इसकी लागत अधिक है
पेटीएम मॉल ने अपने ऑनलाइन रिटेल स्टोर पर उपलब्ध टू-व्हीलर्स पर भारी डिस्काउंट और कैशबैक के साथ ही साथ गोल्ड देने जैसे ऑफर लॉन्च किए हैं।
Flipkart ने Snapdeal को खरीदने के लिए रिवाइज्ड ऑफर भेजा है। सूत्रों के मुताबिक इस बार Flipkart ने 90 से 95 करोड़ डॉलर की बोली लगाई है।
ऑनलाइन रिटेलर Snapdeal (स्नैपडील) जापान के सॉफ्टबैंक सहित अपने मौजूदा शेयरधारकों और नए निवेशकों से 10 करोड़ डॉलर का ताजा फंड जुटाने की कोशिश कर रही है।
अमेजन डॉट कॉम के संस्थापक और सीईओ जेफ बेजोस अमेनसियो ओरटेगा और वॉरेन बफेट को पछाड़कर दुनिया के दूसरे सबसे अमीर व्यक्ति बन गए हैं।
Snapdeal अपनी वित्तीय हालत में सुधार के लिए नया निवेशक खोज रही है। चीनी फंड्स हाउस और अलीबाबा ग्रुप के साथ बातचीत विफल होने पर कंपनी ने यह कदम उठाया है।
वित्त वर्ष 2015-16 में फ्लिपकार्ट को रोजाना 14 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। कंपनी ने कुशल श्रमिक और नए ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए खूब पैसा खर्च किया।
विलय और अधिग्रहण के बल पर खुदरा क्षेत्र की कंपनियों ने इस साल अच्छी वापसी की। ऑनलाइन कंपनियों का मुकाबला करते हुए उन्होंने बड़े विलय एवं अधिग्रहण सौदे किए।
ज्यादा फायदे के लिए कुछ टिप्स। यदि आप ऑनलाइन शॉपिंग के दौरान बचत की इन टिप्स को अपनाते हैं तो इस बार की शॉपिंग जरूर आपके लिए फायदेमंद साबित होगी।
भारत में ऑनलाइन एग्रीगेटर जैसे फ्लिपकार्ट और स्नैपडील को बड़ी कंपनी बनने और मुनाफा कमाने में अभी 10 साल का समय और लगेगा।
सबसे ज्यादा एक्टिव अमेरिकन हेज फंड्स टाइगर ग्लोबल भारतीय ऑनलाइन फैशन का एक प्रमुख स्टेकहोल्डर बन गया है।
सर्च इंजन गूगल की एक रिपोर्ट के मुताबिक देश में ई-कॉमर्स बाजार से बिकने वाली वस्तुओं का सकल वस्तु मूल्य 2020 तक 60 अरब डॉलर हो जाने का अनुमान है।
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