प्याज की कीमतों में आई तेजी को देखते हुए केंद्र सरकार इसके निर्यात को प्रोत्साहित करने के लिए जो सब्सिडी दे रही थी उसे अब बंद करने की घोषणा की गई है।
प्याज के अलावा सरकार इस वर्ष दलहन के लिए भी 16.15 लाख टन का बफर स्टॉक बना रही है।
सरकार ने आज एमईआईएस के तहत निर्यात प्रोत्साहन को मौजूदा 5 प्रतिशत से बढ़ाकर 10 प्रतिशत करने की घोषणा की है।
इस चिट्ठी में किसान ने आरोप लगाया है कि जिले के अधिकारियों ने गलत तरीके से उसकी उपज को ‘खराब गुणवत्ता’ वाला बताया।
त्वचा को मुंहासों की समस्या से बचाने के लिए प्याज का इस्तेमाल फायदेमंद होता है। इसका इस्तेमाल कई तरीके से किया जा सकता है।
उत्पादक राज्यों से आपूर्ति घटने की वजह से पिछले 10 दिनों के भीतर राष्ट्रीय राजधानी में प्याज की थोक कीमतों में 7 से 10 रुपए प्रति किलो तक की बढ़ोतरी हो चुकी है।
केंद्रीय मंत्रिमंडल टमाटर, प्याज और आलू की कीमतों में अत्यधिक गिरावट के समय किसानों की सहायता के लिए 500 करोड़ रुपए के कोष की नई योजना ऑपरेशन ग्रीन के प्रस्ताव पर बुधवार को विचार कर सकता है।
देशभर में ट्रक हड़ताल ही वजह से हो रही परेशानी के बावजूद राहत की बात ये है कि इससे महंगाई नहीं बढ़ी है। बीते 2 दिन के दौरान रोजमर्रा के इस्तेमाल की अधिकतर चीजों के दाम या तो स्थिर हैं या फिर कुछेग जगहों पर बहुत मामूली बढ़ोतरी हुई है। कई जगहों पर तो रोजमर्रा के इस्तेमाल की कुछेक जरूरी चीजो के दाम बढ़ने के बजाय घटे हैं। हड़ताल 20 जुलाई को शुरू हुई थी और आधिकारिक तौर पर अभी खत्म नहीं हुई है।
प्याज खाने के फायदों से तो आप अच्छे से वाकिफ होंगे, लगभग हर कोई खाने में इसका इस्तेमाल करता है। सब्जी से लेकर सलाद में इस्तेमाल होने वाले प्याज में औषधीय, एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेट्री गुण पाए जाते हैं।
देश के कुछेक राज्यों में किसान आंदोलन के बावजूद सब्जियों की कीमतों पर ज्यादा असर नहीं पड़ा है और दूध के दाम तो 3 दिन से स्थिर हैं। इस तरह की खबरें आ रही थी कि कई जगहों पर किसानों ने फल और सब्जियां सड़कों पर फैंकी हैं और साथ में दूध भी सड़कों और नालियों में बहा दिया है। लेकिन कीमतों को देखते हुए लग रहा है कि यह घटनाएं कुछ सीमित जगहों पर ही हुई हैं, शायद यही वजह है कि सब्जियों और दूध की कीमतों पर ज्यादा असर नहीं पड़ा है।
देश के कुछ भागों में प्याज की खुदरा कीमतें 50 से 60 रुपए प्रति किलो के स्तर पर पहुंच गई हैं। इस बीच सरकार का कहना है कि ऐसा मांग-आपूर्ति में तात्कालिक अंतर के कारण है
नए साल के पहले दिन आज देश की राजधानी दिल्ली में प्याज का रिटेल भाव 53 रुपए, हरियाणा के हिसार में 50 रुपए और गुरुग्राम में 53 रुपए प्रति किलो दर्ज किया गया
स्टॉक लिमिट के तहत प्याज कारोबारी सरकार की तय की हुई लिमिट से ज्यादा स्टॉक नहीं रख सकते जिस वजह से मंडियों में प्याज की सप्लाई ज्यादा होती है
नवंबर में लासलगांव में प्याज का थोक दाम 25 महीने के ऊपरी स्तर 3511 रुपए प्रति क्विंटल हो गया था लेकिन अब दाम घटकर 2500 रुपए पर आ गया है
व्यापार आंकड़ों के अनुसार राष्ट्रीय राजधानी के खुदरा बाजारों में प्याज और टमाटर के दाम 70 से 80 रुपये प्रति किलो के दायरे में हैं। इसी प्रकार की वृद्धि अन्य प्रमुख शहरों में भी दिखाई दे रही है
आपूर्ति बढ़ाने और कीमतों पर अंकुश रखने के लिए एमएमटीसी 2,000 टन प्याज का आयात करेगी, जबकि नाफेड और एसएफएसी स्थानीय स्तर पर 12,000 टन का खरीद करेगी।
लेकिन चालू वित्तवर्ष 2017-18 में अप्रैल से अगस्त तक हुए कुल निर्यात को देखें तो इस साल 30 फीसदी अधिक प्याज एक्सपोर्ट हुआ है
प्याज का भाव थोक मार्केट में जहां 2 साल के ऊपरी स्तर तक पहुंच गई हैं वहीं रिटेल मार्केट में इसका कीमतें 50 रुपए किलो तक पहुंच गई हैं।
सोमवार को केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री राम विलास पासवान ने स्टॉक लिमिट की समयसीमा में की गई बढ़ोतरी के बारे मे जानकारी दी है
कृषि मंत्रालय के आंकड़ों को देखें तो इस साल प्याज और टमाटर की फसल कम नहीं बल्कि पिछले साल से ज्यादा है।
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