भारत इस समय ईरान, मिस्र, तुर्की और हॉलैंड के साथ-साथ अफगानिस्तान से प्याज आयात कर रहा है।
आलू और प्याज के दाम आज आम लोगों की पहुंच से दूर हो रहे हैं। इस समय एक-एक किलो आलू और प्याज खरीदने के लिए 150 रुपये भी पर्याप्त नहीं हैं।
बोली जमा करने की अंतिम तारीख 4 नवंबर है और प्राप्त होने वाली बोलियों को उसी दिन खोला जाएगा।
आलू की आपूर्ति में सुधार के बारे में मंत्री ने कहा कि हम कीमतों को काबू में लाने के लिए करीब 10 लाख टन आलू का आयात करने जा रहे हैं और यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि ग्राहकों को त्योहारों के दौरान सब्जी सस्ते दाम पर मिले।
चालू वित्त वर्ष में अप्रैल से अगस्त के दौरान 5.7 लाख डॉलर के प्याज बीज का निर्यात हुआ है। वहीं 2019-20 के पूरे वित्त वर्ष में प्याज बीज का निर्यात 35 लाख डॉलर रहा था। डीजीएफटी कीमतों पर अंकुश के लिए प्याज के निर्यात पर पहले ही रोक लगा चुका है।
महाराष्ट्र के नासिक जिले में प्याज उत्पादकों और व्यापारियों से बातचीत करते हुए पवार ने बुधवार को कहा कि निर्यात प्रतिबंध और व्यापारियों के लिए भंडारण की सीमा को हटाने के लिए एक वृहद नीति की जरूरत है।
सरकार ने प्याज की ऊंची कीमतों से निपटने के लिए 1 लाख टन प्याज का आयात करने का फैसला लिया है। ये प्याज अफगानिस्तान से खरीदा जाएगा। योजना के मुताबिक हर दिन देश में 4000 टन प्याज आएगा।
इंडिया टीवी से बातचीत में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि नेफेड के पास पर्याप्त मात्रा में प्याज उपलब्ध है।
बिहार चुनाव के बीच सोमवार को राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता और महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव ने महंगाई को मुद्दा बनाने की कोशिश की।
दिल्ली की आजादपुर मंडी में प्याज की दैनिक आवक बढ़ कर 530 टन से अधिक हो गयी है। मुंबई में आवक 885 टन से बढ़कर 1,560 टन हो गयी है। चेन्नई में प्याज की आवक 1,120 टन से बढ़ कर 1,400 टन और बेंगलुरु में 2,500 टन से बढ़कर 3,000 टन तक पहुंच गयी है।
सरकार के पास प्याज का महज 25 हजार टन का सुरक्षित भंडार (बफर स्टॉक) बचा हुआ है। यह स्टॉक नवंबर के पहले सप्ताह तक समाप्त हो जायेगा। नाफेड के प्रबंध निदेशक संजीव कुमार चड्ढा ने शुक्रवार को इसकी जानकारी दी।
पहले 60 रुपए किलो मिलने वाली प्याज की कीमत 80 से लेकर 100 रुपए किलो तक पहुंच गई है।
भारी बारिश के कारण उत्पादक क्षेत्रों में खड़ी प्याज की फसल को नुकसान और नई फसल के बाजार में पहुंचने में अभी कुछ समय बाकी रहने से प्याज की कीमतों में तेज उछाल देखने को मिल रहा है। देश की सबसे बड़ी प्याज मंडी लासलगांव एपीएमसी में प्याज का औसत मूल्य 10 महीने का उच्चतम स्तर पर पहुंच चुका है।
वैसे तो प्याज काटने पर भी आंखों से आंसू निकलते हैं, लेकिन इस वक्त इसके बढ़े दाम ने भी लोगों को रुला दिया है। ट्विटर पर #OnionPrice ट्रेंड कर रहा है।
मंगलवार को देश की सबसे बड़ी प्याज मंडी लासलगांव एपीएमसी में प्याज का औसत मूल्य 7100 रुपये प्रति क्विंटल रहा है। इस कीमत पर करीब 7000 टन प्याज नीलाम हुए हैं। ये कीमत पिछले 10 महीने का उच्चतम स्तर है।
सरकार ने हालांकि प्याज की कीमतों में बढ़ोतरी को भांपते हुए पहले ही निर्यात पर रोक लगा दी थी लेकिन हाल ही में सीमित मात्रा में कुछ प्याज की किस्मों के निर्यात को अनुमती दी है। हालांकि निर्यात होने वाले प्याज की मात्रा बहुत ही कम है।
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केंद्र सरकार ने प्याज के निर्यात पर पाबंदी में ढील देते हुए 'बंगलोर रोज' और 'कृष्णापुरम' किस्म के प्याज के निर्यात की अनुमति दी है। इस छूट के साथ कुछ शर्तें भी जोड़ी गयी हैं।
घरेलू मार्केट में प्याज की बढ़ती कीमतों को देखते हुए सरकार ने पिछले महीने ही इसके निर्यात पर रोक लगा दी थी। लेकिन भारत से प्याज आयात करने वाले देशों ने निर्यात में कुछ ढील दिए जाने की मांग की थी जिसे देखते हुए सरकार ने अब सीमित मात्रा में प्याज की कुछ किस्मों के निर्यात पर ढील दे दी है।
सोमवार को प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है कि सरकार ने जरूरी वस्तु अधिनियम (Essential Commodity Act) में बदलाव किया है और दलहन, तेल तथा तिलहन, आलू और प्याज जैसी वस्तुओं को इस एक्ट से बाहर किया गया है
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