प्याज की कीमतों में आई तेजी को देखते हुए केंद्र सरकार इसके निर्यात को प्रोत्साहित करने के लिए जो सब्सिडी दे रही थी उसे अब बंद करने की घोषणा की गई है।
प्याज के अलावा सरकार इस वर्ष दलहन के लिए भी 16.15 लाख टन का बफर स्टॉक बना रही है।
महाराष्ट्र में प्याज़ के सही दाम न मिलने से किसान परेशान | मंडियों में प्याज़ की कीमत 1 रु/किलो तक गिरी |
सरकार ने आज एमईआईएस के तहत निर्यात प्रोत्साहन को मौजूदा 5 प्रतिशत से बढ़ाकर 10 प्रतिशत करने की घोषणा की है।
जिले का एक किसान हाल ही में उस समय खबरों में आ गया था जब प्याज की बिक्री से मिली कम राशि उसने विरोध के तौर पर प्रधानमंत्री कार्यालय को भेज दी थी।
इस चिट्ठी में किसान ने आरोप लगाया है कि जिले के अधिकारियों ने गलत तरीके से उसकी उपज को ‘खराब गुणवत्ता’ वाला बताया।
प्याज के ‘महान गणित’ के सामने आर्यभट्ट के गुणा-भाग भी पानी मांग जाएं। लेकिन, इस ‘महान गणित’ के रचेता तो कोई और ही हैं, जिनके बारे में आपको खुद समझना होगा, ये पूरी रिपोर्ट पढ़ने के बाद।
इस बार येओला तहसील में अंडरसुल के निवासी, चंद्रकांत भीकन देशमुख ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को 216 रुपये का मनी ऑर्डर भेजा है।
त्वचा को मुंहासों की समस्या से बचाने के लिए प्याज का इस्तेमाल फायदेमंद होता है। इसका इस्तेमाल कई तरीके से किया जा सकता है।
नासिक जिले के निफाड तहसील के निवासी संजय साठे उन कुछ चुनिंदा ‘‘प्रगतिशील किसानों’’ में से एक है जिन्हें केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति बराक ओबामा से 2010 में उनकी भारत यात्रा के दौरान संवाद के लिए चुना था।
भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के एक अध्ययन में कहा गया है कि प्याज की कीमतों में इजाफे की आशंका के बावजूद आने वाले महीनों में मुद्रास्फीति के चार प्रतिशत से नीचे रहने की ही संभावना है।
उत्पादक राज्यों से आपूर्ति घटने की वजह से पिछले 10 दिनों के भीतर राष्ट्रीय राजधानी में प्याज की थोक कीमतों में 7 से 10 रुपए प्रति किलो तक की बढ़ोतरी हो चुकी है।
केंद्रीय मंत्रिमंडल टमाटर, प्याज और आलू की कीमतों में अत्यधिक गिरावट के समय किसानों की सहायता के लिए 500 करोड़ रुपए के कोष की नई योजना ऑपरेशन ग्रीन के प्रस्ताव पर बुधवार को विचार कर सकता है।
कृषि मंत्रालय के मुताबिक बागवानी फसलों का कुल उत्पादन 30.68 करोड़ टन अनुमानित है जो पिछले साल के मुकाबले 2.05 प्रतिशत अधिक है
देशभर में ट्रक हड़ताल ही वजह से हो रही परेशानी के बावजूद राहत की बात ये है कि इससे महंगाई नहीं बढ़ी है। बीते 2 दिन के दौरान रोजमर्रा के इस्तेमाल की अधिकतर चीजों के दाम या तो स्थिर हैं या फिर कुछेग जगहों पर बहुत मामूली बढ़ोतरी हुई है। कई जगहों पर तो रोजमर्रा के इस्तेमाल की कुछेक जरूरी चीजो के दाम बढ़ने के बजाय घटे हैं। हड़ताल 20 जुलाई को शुरू हुई थी और आधिकारिक तौर पर अभी खत्म नहीं हुई है।
प्याज खाने के फायदों से तो आप अच्छे से वाकिफ होंगे, लगभग हर कोई खाने में इसका इस्तेमाल करता है। सब्जी से लेकर सलाद में इस्तेमाल होने वाले प्याज में औषधीय, एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेट्री गुण पाए जाते हैं।
देश के कुछेक राज्यों में किसान आंदोलन के बावजूद सब्जियों की कीमतों पर ज्यादा असर नहीं पड़ा है और दूध के दाम तो 3 दिन से स्थिर हैं। इस तरह की खबरें आ रही थी कि कई जगहों पर किसानों ने फल और सब्जियां सड़कों पर फैंकी हैं और साथ में दूध भी सड़कों और नालियों में बहा दिया है। लेकिन कीमतों को देखते हुए लग रहा है कि यह घटनाएं कुछ सीमित जगहों पर ही हुई हैं, शायद यही वजह है कि सब्जियों और दूध की कीमतों पर ज्यादा असर नहीं पड़ा है।
अप्रैल 2017 से जनवरी 2018 के दौरान देश से प्याज निर्यात में 25 प्रतिशत से ज्यादा की गिरावट आई है, इस दौरान देश से सिर्फ 20.34 लाख टन प्याज का निर्यात हो पाया
सरकार ने प्याज किसानों को अच्छा भाव दिलाने के लिए न्यूनतम निर्यात मूल्य की शर्त को तो हटाया है लेकिन इसके बावजूद प्याज का भाव लगातार कम हो रहा है।
नवंबर के दौरान देश से सिर्फ 92944 टन प्याज का निर्यात हो पाया है, नवंबर 2015 के बाद ऐसा पहली बार हुआ है कि मासिक निर्यात 1 लाख टन से नीचे फिसला हो।
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