इंदर शहर की देवी अहिल्याबाई होल्कर फल-सब्जी मंडी मध्यप्रदेश में प्याज की खरीद-फरोख्त का सबसे बड़ा केंद्र है। इस मंडी के जरिये मध्यप्रदेश के अलावा उत्तरप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान सरीखे पड़ोसी राज्यों में भी प्याज की आपूर्ति की जाती है।
राष्ट्रीय बागवानी अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान की वेबसाइट के मुताबिक प्याज की थोक मंडी महाराष्ट्र के लासलगांव में लाल प्याज का भाव बुधवार को 5501 रुपए प्रति क्विंटल रहा।
एमएमटीसी ने 6,090 टन प्याज का अनुबंध किया है। यह अनुबंध मिस्र से किया गया है और इसकी खेप जल्द ही मुंबई बंदरगाह पर पहुंच जाएगी।
शीर्ष सहकारी संस्थान बिस्कोमान शुक्रवार (22 नवंबर) से बिहार के नागरिकों को 35 रुपए प्रति किलोग्राम की दर से प्याज उपलब्ध कराएगा।
प्याज के बढ़ते दाम को काबू में रखने के लिए सरकार द्वारा प्याज का आयात करने के फैसले केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है।
बांग्लादेश में प्याज के दाम रिकार्ड ऊंचाई पर पहुंचने के बाद सरकार ने हवाई जहाज से तुरंत प्याज आयात करने का फैसला किया है।
केंद्रीय बफर स्टॉक से कई राज्यों में प्याज की बिक्री किए जाने का भी कोई असर कीमतों पर पड़ता नहीं दिखाई दे रहा है।
आयकर विभाग ने देशभर में 100 से अधिक स्थानों पर छापे की यह कार्रवाई की है।
प्याज की बढ़ती कीमतों से परेशान लोगों के लिए राहत की खबर है। प्याज की कीमतें जल्द ही घट जाएंगी।
प्याज की आवक बढ़ने और आयात से कीमतों पर नियंत्रण रखने के सरकार के फैसले के बाद बुधवार को प्याज के थोक दाम में करीब 50 फीसदी की गिरावट आई, लेकिन खुदरा में लोग 100 रुपए प्रति किलो प्याज खरीद रहे थे।
आम जनता में एक बार फिर महंगाई की मार पड़ रही है। प्याज की कीमतों में एक बार फिर से तेजी देखने को मिल रही है।
राष्ट्रीय राजधानी के खुदरा बाजारों में प्याज और टमाटर का दाम अब भी 60 से 70 रुपए किलोग्राम की ऊंचाई पर बने हुए हैं।
खरीफ प्याज की आवक शुरू हो गई है और कीमतों में स्थिरता के साथ गिरावट का रुख है।
प्याज, टमाटर के बाद अब लहसुन के बढ़ते दामों ने भी भोजन का जायका बिगाड़ दिया है। प्याज और टमाटर की महंगाई पर अब लहसुन का तड़का लगा है।
नासिक जिले में स्थित लासलगांव मंडी में मध्य सितंबर के दौरान प्याज का अधिकतम थोक भाव 51 रुपए प्रतिकिलो के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया था।
प्याज की बढ़ती कीमतों को लेकर केंद्र सरकार ने एक और बड़ा कदम उठाया है। केंद्र सरकार ने प्याज की जमाखोरी रोकने के लिए प्याज कारोबारियों पर स्टॉक लिमिट लागू कर दी है।
आपूर्ति की कमी के कारण लगातार बढ़ रही प्याज की कीमतों के बीच केंद्र की मोदी सरकार ने तत्काल प्रभाव से सभी किस्मों के प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है। सरकार ने पूरे विश्व से प्याज की सभी किस्मों के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है।
प्याज के मूल्य निर्धारण की भविष्यवाणी करने में सरकार की असमर्थता पर, चंद ने कहा कि चूंकि कृषि परिदृश्य पर अनुमान लगाने का कोई तंत्र नहीं है, इसलिए सरकार इसको लेकर रणनीति नहीं बना पाती है।
तीसरे अग्रिम उत्पादन अनुमान के अनुसार, 2018-19 में प्याज का उत्पादन 343.85 लाख टन है, जोकि पिछले वर्ष के उत्पादन 232.82 लाख टन से ज्यादा है।
दिल्ली में प्याज 60 रुपए किलो बिक रहा है तो मुंबई में 70 रुपए किलो। यही हाल पटना का भी है जहां एक किलो प्याज के लिए 70 रुपए देने पड़ रहे हैं। चुनाव पास हैं इसीलिए सरकार एक्शन में आ गई है।
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