आम जनता में एक बार फिर महंगाई की मार पड़ रही है। प्याज की कीमतों में एक बार फिर से तेजी देखने को मिल रही है।
राष्ट्रीय राजधानी के खुदरा बाजारों में प्याज और टमाटर का दाम अब भी 60 से 70 रुपए किलोग्राम की ऊंचाई पर बने हुए हैं।
खरीफ प्याज की आवक शुरू हो गई है और कीमतों में स्थिरता के साथ गिरावट का रुख है।
प्याज, टमाटर के बाद अब लहसुन के बढ़ते दामों ने भी भोजन का जायका बिगाड़ दिया है। प्याज और टमाटर की महंगाई पर अब लहसुन का तड़का लगा है।
नवरात्र के बाद फिर से प्याज के दाम आसमान छूने लगे हैं, वहीं राष्ट्रीय राजधानी में टमाटर का खुदरा मूल्य उछलकर 80 रुपए प्रति किलोग्राम पर पहुंच गया है।
बीते 10 दिनों में देश की राजधानी दिल्ली में टमाटर का दाम डेढ़ गुना बढ़ गया है जबकि एक पखवाड़े में टमाटर का भाव दोगुने से भी ज्यादा हो गया है। दिल्ली में लोगों को एक किलो टमाटर के लिए 80 रुपए से ज्यादा चुकाने पड़ रहे है, जबकि एक पखवाड़े पहले दिल्ली में टमाटर 30-40 रुपए किलो मिल रहा था।
नासिक जिले में स्थित लासलगांव मंडी में मध्य सितंबर के दौरान प्याज का अधिकतम थोक भाव 51 रुपए प्रतिकिलो के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया था।
प्याज की बढ़ती कीमतों को लेकर केंद्र सरकार ने एक और बड़ा कदम उठाया है। केंद्र सरकार ने प्याज की जमाखोरी रोकने के लिए प्याज कारोबारियों पर स्टॉक लिमिट लागू कर दी है।
आपूर्ति की कमी के कारण लगातार बढ़ रही प्याज की कीमतों के बीच केंद्र की मोदी सरकार ने तत्काल प्रभाव से सभी किस्मों के प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है। सरकार ने पूरे विश्व से प्याज की सभी किस्मों के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है।
प्याज के मूल्य निर्धारण की भविष्यवाणी करने में सरकार की असमर्थता पर, चंद ने कहा कि चूंकि कृषि परिदृश्य पर अनुमान लगाने का कोई तंत्र नहीं है, इसलिए सरकार इसको लेकर रणनीति नहीं बना पाती है।
तीसरे अग्रिम उत्पादन अनुमान के अनुसार, 2018-19 में प्याज का उत्पादन 343.85 लाख टन है, जोकि पिछले वर्ष के उत्पादन 232.82 लाख टन से ज्यादा है।
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने भी आश्वासन दिया कि प्याज की कीमतें अगले कुछ दिनों में कम होना शुरू हो जाएंगी। इसके भाव देश के कुछ भागों में इस समय में 70-80 रुपए प्रति किलोग्राम के आसपास चल रहे हैं।
दिल्ली में प्याज 60 रुपए किलो बिक रहा है तो मुंबई में 70 रुपए किलो। यही हाल पटना का भी है जहां एक किलो प्याज के लिए 70 रुपए देने पड़ रहे हैं। चुनाव पास हैं इसीलिए सरकार एक्शन में आ गई है।
प्याज के दाम में तेजी से हो रही बढ़ोतरी, दिल्ली और मुंबई में 60 रुपये और 80 रुपये प्रति किलोग्राम बिक रहा प्याज़
अगले 10 दिनों के भीतर प्याज की बिक्री राशन की दुकानों और मोबाइल वैन के जरिये शुरू कर दी जाएगी।
राष्ट्रीय राजधानी और देश के अन्य हिस्सों में प्याज का खुदरा भाव 70 से 80 रुपए प्रति किलोग्राम की ऊंचाई पर पहुंच चुका है। ऐसे में केंद्र सरकार प्याज व्यापारियों के भंडारण की सीमा तय करने पर विचार कर रही है।
प्याज के दाम को काबू में रखने के लिए सरकार की ओर से इस जून से ही किए जा रहे प्रयास विफल साबित हो रहे हैं क्योंकि प्याज ने देश के आम उपभोक्ताओं को रुलाना शुरू कर दिया है। देश की राजधानी दिल्ली स्थित आजादपुर मंडी में प्याज का थोक भाव 50 रुपए प्रति किलो हो गया है, जोकि 2015 के बाद का सबसे ऊंचा स्तर है।
उत्पादक राज्यों विशेषकर महाराष्ट्र में खेती के रकबे में 10 प्रतिशत की गिरावट के कारण प्याज के दामों में तेजी आई है।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में प्याज की कीमत ऊंची बनी हुई है। बाढ़ प्रभावित उत्पादक राज्यों से कम आपूर्ति के कारण राजधानी में प्याज की कीमतें शुक्रवार को लगभग 50 रुपये किलो के स्तर पर बनी रहीं। व्यापारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी। हालांकि, ई-वाणिज्य कंपनियां इसे कम दाम पर बेचकर ग्राहकों को कुछ राहत पहुंचा रही हैं।
प्याज के प्रमुख उत्पादक प्रदेशों में हुई भारी बारिश के कारण फसल खराब होने की आशंका से प्याज के दाम में तेजी देखी जा रही है। दिल्ली की आजादपुर मंडी में पिछले 10 दिनों में प्याज के दाम में 10 रुपये प्रति किलो का इजाफा हो गया है।
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