सरकार के पास प्याज का 4.5 लाख टन का बफर स्टॉक है, जिसमें से अबतक 1.5 लाख टन की बिक्री की जा चुकी है। मंत्रालय के अधिकारी ने कहा कि बफर स्टॉक प्याज को पहली बार रेलवे के माध्यम से प्रमुख उपभोक्ता केंद्रों तक पहुंचाया जा रहा है और इससे सप्लाई बढ़ाने में मदद मिल रही है।
कुछ दिनों पहले ही प्याज की थोक कीमत बीते पांच साल में सबसे ऊंचे लेवल ₹5400 प्रति क्विंटल पर पहुंच गई। यह भाव महाराष्ट्र के नासिक स्थित लासलगांव में देखा गया।
रिपोर्ट में कहा गया है कि वेज थाली में 11 प्रतिशत भारांश वाली दालों की कीमतों में इस महीने 11 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई, जिसका कारण शुरुआती स्टॉक में कमी, स्टॉक पाइपलाइन में कमी और त्योहारी मांग का होना है।
महाराष्ट्र के नासिक से 1,600 टन प्याज से भरी स्पेशल 'कांदा एक्सप्रेस ट्रेन' दिल्ली पहुंच गई है। अब प्याज की कीमत कम होगी।
बफर स्टॉक के 4.7 लाख टन प्याज में से 91,960 टन एनसीसीएफ और नेफेड को अलॉट किया गया है। इसके अलावा, 86,000 टन गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, गोवा, राजस्थान, बिहार, उत्तर प्रदेश और मणिपुर सहित विभिन्न राज्यों को भेजा गया है।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 22 सितंबर को दिल्ली में प्याज की खुदरा कीमत 55 रुपये प्रति किलो थी, जो एक साल पहले की समान अवधि में 38 रुपये प्रति किलोग्राम थी। मुंबई और चेन्नई में प्याज कीमतें क्रमशः 58 रुपये और 60 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई हैं।
सरकार की तरफ से रांची के कई इलाकों 19 सितंबर 2024 को 35 रुपये प्रतिकिलो के भाव पर प्याज उपलब्ध कराया जा रहा है। ऐसे में आपके लिए यह अच्छा मौका है। आप आज इसका लाभ ले सकते हैं।
सरकार ने पहले न्यूनतम निर्यात मूल्य के तौर पर 550 डॉलर प्रति टन की लिमिट तय की थी। इसका मतलब ये था कि किसान इस भाव से कम कीमत पर अपनी उपज विदेश में नहीं बेच सकते थे। विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने एक नोटिफिकेशन जारी कर प्याज के निर्यात के लिए तय किए गए एमईपी को तत्काल प्रभाव से हटा दिया।
देश की राजधानी दिल्ली में प्याज की सप्लाई में कमी की वजह से औसत कीमतें 58 रुपये प्रति किलोग्राम के उच्चस्तर पर बनी हुई हैं। सरकारी आंकड़ों से ये जानकारी सामने आई। उपभोक्ता मामलों के विभाग की तरफ से जुटाए गए आंकड़ों के मुताबिक, प्याज का अखिल भारतीय औसत मूल्य मंगलवार को 49.98 रुपये प्रति किलोग्राम रहा।
शाकाहारी थाली की कीमत जून में 10 प्रतिशत बढ़कर 29.4 रुपये प्रति थाली हो गई, जो जून 2023 में 26.7 रुपये थी।शाकाहारी थाली में रोटी, सब्जियां (प्याज, टमाटर तथा आलू), चावल, दाल, दही और सलाद शामिल है।
सरकार ने आठ दिसंबर 2023 को प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया। रबी सत्र, 2023 में प्याज का उत्पादन 2.27 करोड़ टन रहने का अनुमान है।
कृषि मंत्रालय के बृहस्पतिवार को जारी बयान के अनुसार, ‘‘प्याज का उत्पादन 2023-24 में लगभग 254.73 लाख टन होने की उम्मीद है, जबकि पिछले साल यह लगभग 302.08 लाख टन था।
महंगाई और गरीबी से जूझ रहे पाकिस्तान में अंडे, चिकन और प्याज की कीमतें आसमान छू रही हैं। आम जनता खाने की इन चीजों को खरीदने में परेशानी महसूस कर रही है।
प्याज की अखिल भारतीय औसत खुदरा कीमतें 8 दिसंबर को घटकर 56 रुपये प्रति किलोग्राम रह गई हैं, जो आठ नवंबर को 59.5 रुपये प्रति किलोग्राम थी।
सरकार ने कीमतों पर काबू पाने के लिए कई कदम उठाए हैं। सरकार ने पिछले हफ्ते अगले साल मार्च तक प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया। साथ ही बफर स्टॉक से प्याज को खुले मार्केट में बेचने का फैसला लिया था।
प्याज उत्पादक किसानों ने मीटिंग कर सरकार के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने का मन बनाया है। वहीं, महाराष्ट्र सरकार ने प्याज के निर्यात पर लगी रोक हटाने की मांग की है।
आपको बता दें कि घरेलू मार्केट में प्याज की कीमत 60 से 65 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गया है। इसको देखते हुए यह कदम कीमत को कम करने में मदद करेगा और लोगों को प्याज के आंसू नहीं रोने होंगे।
कोलकाता में सब्जियों की बढ़ती कीमतों ने आम आदमी का जीना मुहाल किया हुआ है और हालात का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि मटर और अदरक जैसी चीजों की कीमतें आसमान छू रही हैं।
मंत्रालय ने कहा कि खुदरा कीमतों में आने वाले सप्ताह में इसी तरह की गिरावट की उम्मीद है। खरीफ फसल की आवक में देरी के कारण प्याज की कीमतों में वृद्धि हुई है। उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए बफर स्टॉक से प्याज की खुदरा बिक्री शुरू की है। सरकार ने चालू वर्ष के लिए पांच लाख टन प्याज का बफर स्टॉक बनाए रखा है।
चालू वित्त वर्ष में 20 अक्टूबर तक देश से करीब 15 लाख टन प्याज का निर्यात हो चुका है। वित्त वर्ष 2022-23 में कुल प्याज निर्यात 25 लाख टन का हुआ था।
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