नेपाल में प्याज संकट गहरा गया। दरअसल, भारत ने त्योहारी सीजन में अपनी घरेलू मांग पूरा करने के लिए प्याज पर निर्यात शुल्क 40 फीसदी बढ़ा दिया। इससे नेपाल की सांसें फूल गई। क्योंकि नेपाल भारत से 99 फीसदी प्याज मंगवाता है। हालांकि मोदी सरकार ने नेपाल को प्याज के निर्यात शुल्क में थोड़ी राहत दी है।
सरकार ने प्याज की ऊंची कीमतों से निपटने के लिए 1 लाख टन प्याज का आयात करने का फैसला लिया है। ये प्याज अफगानिस्तान से खरीदा जाएगा। योजना के मुताबिक हर दिन देश में 4000 टन प्याज आएगा।
आयातित प्याज की नरम मांग को देखते हुए एमएमटीसी ने अभी तक महज 14 हजार टन प्याज की ही खरीद की है, जबकि उसने 40 हजार टन प्याज आयात करने के ठेके दिए हैं।
केंद्र ने अगले साल प्याज का एक लाख टन का बफर स्टॉक बनाने का निर्णय किया है। हाल में प्याज के दाम में उछाल तथा आगे ऐसी स्थिति से बचने के लिये यह कदम उठाया जा रहा है।
सरकारी स्वामित्व वाली ट्रेडिंग फर्म एमएमटीसी ने प्याज की घरेलू उपलब्धता को बढ़ाने और कीमतों को नियंत्रित करने के लिए तुर्की से 12,500 टन और प्याज मंगवाने के लिए अनुबंध किया है।
देश में प्याज की सप्लाई को बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार ने अतिरिक्त 12,660 मीट्रिक टन प्याज के लिए कॉन्ट्रैक्ट किया है।
देश के सबसे बड़े प्याज उत्पादक राज्य महाराष्ट्र के पड़ोस में स्थित गोवा में प्याज 165 रुपए प्रति किलो बिकने लगा है।
सरकार ने कीमतों को नियंत्रण में रखने के लिए पहले ही प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया हुआ है।
सबसे अच्छे किस्म का प्याज खुदरा बाजार में धीरे-धीरे 150 रुपए किलो के भाव की ओर बढ़ रहा है। राज्य सरकार की एजेंसियां हालांकि स्थिति पर नजर रखे हुए हैं।
सरकारी कंपनी एमएमटीसी ने प्याज की बढ़ती कीमतों पर लगाम लगाने के प्रयासों के तहत तुर्की से 11 हजार टन प्याज आयात करने का नया ठेका दिया है।
एमएमटीसी ने 6,090 टन प्याज का अनुबंध किया है। यह अनुबंध मिस्र से किया गया है और इसकी खेप जल्द ही मुंबई बंदरगाह पर पहुंच जाएगी।
प्याज की बढ़ती कीमतों को नियंत्रण में बनाए रखने के लिए सरकार ने बड़ा कदम उठाया है, जिससे आने वाले दिनों में प्याज की कीमत में कमी आ सकती है।
प्याज की बढ़ती कीमतों से परेशान लोगों के लिए राहत की खबर है। प्याज की कीमतें जल्द ही घट जाएंगी।
प्याज की आवक बढ़ने और आयात से कीमतों पर नियंत्रण रखने के सरकार के फैसले के बाद बुधवार को प्याज के थोक दाम में करीब 50 फीसदी की गिरावट आई, लेकिन खुदरा में लोग 100 रुपए प्रति किलो प्याज खरीद रहे थे।
प्याज की आवक कम होने से इसकी कीमत 80 रुपए हो जाने पर उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि सरकार अन्य देशों से प्याज के आयात को बढ़ावा देगी, ताकि इसकी कीमतों में कमी आए।
प्याज के दाम को काबू में रखने के लिए सरकार की ओर से इस जून से ही किए जा रहे प्रयास विफल साबित हो रहे हैं क्योंकि प्याज ने देश के आम उपभोक्ताओं को रुलाना शुरू कर दिया है। देश की राजधानी दिल्ली स्थित आजादपुर मंडी में प्याज का थोक भाव 50 रुपए प्रति किलो हो गया है, जोकि 2015 के बाद का सबसे ऊंचा स्तर है।
प्याज के प्रमुख उत्पादक प्रदेशों में हुई भारी बारिश के कारण फसल खराब होने की आशंका से प्याज के दाम में तेजी देखी जा रही है। दिल्ली की आजादपुर मंडी में पिछले 10 दिनों में प्याज के दाम में 10 रुपये प्रति किलो का इजाफा हो गया है।
सरकारी बयान के अनुसार एक ओर जहां 2,400 टन आयातित प्याज देश में आ चुका है वहीं बाकी 9,000 टन के जल्द ही बंदरगाहों पर पहुंचने की उम्मीद है
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