आज वन नेशनल वन इलैक्शन की दिशा में नरेन्द्र मोदी की सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया.....कैबिनेट ने वन नेशन वन इलैक्शन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी....सरकार इसको लेकर पार्लियामेंट के विंटर सेशन में बिल लेकर आएगी....उससे पहले सभी पार्टियों के साथ बात करके इस मुद्दे पर आम राय बनाने की कोशिश होगी....
आज नरेंद्र मोदी की कैबिनेट ने वो फैसला लिया जो आज़ाद हिंदुस्तान में दूसरा कोई नहीं ले सका. आज मोदी ने इलेक्शन का स्केल इतना बड़ा कर दिया, जहां तक कोई पहुंच नहीं सकता. मोदी ने इतनी दूर तक की सोची है, जहां तक राहुल गांधी, अरविंद केजरीवाल या अखिलेश यादव जैसे नेता सोच नहीं सकते
वन नेशन वन इलेक्शन का प्रस्ताव मोदी कैबिनेट से मंजूर हो गया है....शीतकालीन सत्र में मोदी सरकार इसके लिए बिल पेश करेगी..अब जिसके बाद विपक्ष से अलग-अलग प्रतिक्रिया आनी शुरू हो गई है
सरकार संसद के शीतकालीन सत्र यानी नवंबर-दिसंबर में एक देश एक चुनाव को लेकर बिल पेश करेगी। बता दें कि पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के नेतृत्व वाली कमेटी ने इस पर मार्च में अपनी रिपोर्ट सौंपी थी।
दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में दुनिया का सबसे बड़ा चुनाव अब कैसे होगा...कितना बदलेगा...और कैसे ये दुनिया का सबसे मेगा इवेंट बन जाएगा...आज उसका रोडमैप सामने आ गया....नरेंद्र मोदी कैबिनेट ने मोस्ट अवेटेड वन नेशन वन इलेक्शन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है..
भारत में दुनिया के सबसे बड़े इलेक्शन की तैयारी पूरी हो गई है. एक देश एक चुनाव को मोदी कैबिनेट ने आज मंजूरी दे दी है. इसके तहत लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ करवाया जाएगा।
हिंदुस्तान का पूरा चुनाव बदलने वाला है.... चुनाव करवाने का तरीका बदलने वाला है... एक ऐसी रिपोर्ट देश के राष्ट्रपति को सौंपी गई है जिसके हिसाब से देश में एक साथ चुनाव होंगे... लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ होंगे... ये चुनाव 24 में तो नहीं होंगे.. लेकिन 29 में हो सकते हैं... 24 का चुनाव अपने टा
Aaj Ki Baat: आज वन नेशन, वन इलेक्शन को लेकर बनाई गई कमेटी की आज पहली बैठक हुई तो फिर ये चर्चा शुरू हो गई कि सरकार स्पेशल सेशन में इस मामले में जरूर कुछ करेगी..
देश के मानस पर पिछले कुछ दिनों से कुछ सवाल तैर रहे हैं. जिनके स्पष्ट जवाब नहीं आ रहे हैं. मोदी सरकार और खुद प्रधानमंत्री मोदी क्या सोच रहे हैं क्या करने जा रहे हैं. इसे लेकर कयास बहुत हैं. आप खुद सोचिए कितने मुद्दों पर हम एक साथ चर्चा कर रहे हैं.
मोदी सरकार ने 18 से 22 सितंबर तक नए संसद भवन में संसद का विशेष सत्र बुलाया है. जिसे लेकर कयासबाजी का दौर जारी है. सरकार ने ये सत्र किसलिए बुलाया है, ये अभी तक साफ नहीं है.
जिस दिन से मोदी सरकार ने एक देश..एक चुनाव की बात की है. उसी दिन से विपक्ष तनाव में है. विपक्ष के इंडिया अलायंस के नेता शुरू में तो इसे शिगूफा करार दे रहे थे लेकिन अब तो इस पर कमेटी बन चुकी है
One Nation, One Election: जिस दिन से मोदी सरकार ने एक देश..एक चुनाव की बात की है. उसी दिन से विपक्ष तनाव में है. विपक्ष के इंडिया अलायंस के नेता शुरू में तो इसे शिगूफा करार दे रहे थे लेकिन अब तो इस पर कमेटी बन चुकी है.
आज पूरे देश में सिर्फ एक चर्चा हो रही है. वन नेशन, वन इलेक्शन. क्या हिंदुस्तान में सारे चुनाव एक साथ कराए जा सकते हैं. लोकसभा चुनाव के साथ ही सारे राज्यों के चुनाव? केंद्र सरकार ने वन नेशन वन इलेक्शन के लिए कमेटी बना दी है.
एक देश एक चुनाव कमेटी के लिए नोटिफिकेशन जारी..पूर्व राष्ट्रपति कोविंद की अध्यक्षता वाली समिति में अमित शाह और अधीर रंजन समेत 8 लोग शामिल
वन नेशन वन इलेक्शन की चर्चा ने मोदी को 2024 में जीत का रीजन और I.N.D.I.A अलायंस को हार का टेंशन दे दिया है। ऐसा लग रहा है कि मोदी सरकार एक देश एक चुनाव को लेकर काफी सीरियस है। वन नेशन वन इलेक्शन के लिए 8 सदस्यीय कमेटी का ऐलान कर दिया गया है।
आज पूरे देश में सिर्फ एक चर्चा हो रही है. वन नेशन, वन इलेक्शन. क्या हिंदुस्तान में सारे चुनाव एक साथ कराए जा सकते हैं. लोकसभा चुनाव के साथ ही सारे राज्यों के चुनाव? केंद्र सरकार ने वन नेशन वन इलेक्शन के लिए कमेटी बना दी है.
देश में वन नेशन वन इलैक्शन की दिशा में आज नरेन्द्र मोदी की सरकार ने एक कदम और बढ़ा दिया. सरकार वन नेशन वन इलैक्शन पर विचार के लिए पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में कमेटी का गठन कर दिया.
मुंबई में I.N.D.I.A गठबंधन की मीटिंग में बड़ा फैसला. बनाई गई 14 मेंबर की कोऑर्डिनेशन कमेटी.
One Nation One Election को लेकर हंगामा भी है और राजनीति भी। इसे लेकर कमेटी बना दी गई है। पूरा विपक्ष 'एक देश- एक चुनाव' का विरोध कर रहा है। चलिए आपको बताते हैं क्या है One Nation One Election, क्या हैं इसके फायदे और क्या है नुकसान| Explained
Muqabla: इंडिया अलायंस की तीसरी बैठक मुंबई में खत्म हो गई...प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक के बाद तमाम मोदी विरोधी नेताओं ने भाषण दिया...एकजुटता, एकरूपता, एकता पर बड़ी बड़ी बातें की...24 में नरेंद्र मोदी को सत्ता से हटाने का ऐलान किया.
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