सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव के चाचा और यूपी के पूर्व कैबिनेट मंत्री शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार सत्ता में है तो घमंड में है और ये कुछ भी कर सकते हैं।
एक देश-एक चुनाव का अर्थ है लोक सभा, सभी राज्य विधान सभाओं और स्थानीय निकायों यानी नगर पालिकाओं और पंचायतों के लिए एक साथ चुनाव कराना। इसे लेकर पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में बनी कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है।
यह रिपोर्ट 2 सितंबर 2023 को पैनल के गठन के बाद से हितधारकों और एक्सपर्ट्स परामर्श और 191 दिन के रिसर्च का नतीजा है। पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अगुआई में 8 सदस्यों की कमेटी पिछले साल 2 सितंबर को बनी थी। इसमें रामनाथ कोविंद, गृह मंत्री अमित शाह और पूर्व सांसद गुलाम नबी आजाद समेत आठ सदस्य हैं।
इंडस्ट्री बॉडी भारतीय उद्योग परिसंघ ने एक राष्ट्र एक चुनाव के फायदे गिनाए हैं। सीआईआई ने कहा कि बार-बार चुनाव से परियोजना कार्यान्वयन में देरी होती है और आर्थिक विकास बाधित होता है।
देश के कुल 46 राजनीतिक दलों से भी एक राष्ट्र-एक चुनाव को लेकर सुझाव मांगे गए थे। इनमें से 17 राजनीतिक दलों ने अपने सुझाव लोगों को सौंपे हैं।
पूर्व राष्ट्रपति और ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ पर उच्च स्तरीय समिति के प्रमुख रामनाथ कोविंद ने एक साथ चुनाव कराने के मुद्दे पर पूर्व मुख्य निर्वाचन आयुक्तों (सीईसी) और सेवानिवृत्त न्यायाधीशों के साथ विचार-विमर्श शुरू कर दिया है।
ममता बनर्जी ने एक देश-एक चुनाव का विओर्ध करते हुए कहा कि इससे देश के संविधान को नुकसान होगा और केंद्र सरकार इससे संघीय ढांचे को नुकसान पहुंचाना चाहती है।
सूत्रों के मुताबिक, अगर पूरे देश में एक साथ चुनाव कराए जाते हैं तो लगभग 30 लाख कंट्रोल यूनिट, लगभग 43 लाख बैलेट यूनिट और लगभग 32 लाख VVPAT की जरूरत होगी।
एक देश-एक चुनाव को लेकर देश के राजनीतिक गलियारों में बीते कई वर्षों से चर्चा हो रही है। समय-समय पर राजनीतिक दल इसके पक्ष व विरोध में अपने-अपने तर्क देते हैं। अब विधि आयोग ने एक देश-एक चुनाव के बारे में बड़ा अपडेट दिया है।
देश भर में एक साथ चुनाव कराने के उद्देश्य से गठित कमिटी की आज पहली बैठक पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में हुई। इस बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, गुलाम नबी आजाद समेत अन्य सदस्य भी शामिल हुए।
भाजपा महासचिव से पूछा गया था कि भारत के विभिन्न हिस्सों में एक समय पर अलग-अलग मौसमी हालात होने के मद्देनजर देश भर में एक साथ चुनाव कराया जाना व्यावहारिक रूप से संभव है? इस पर उन्होंने जवाब दिया है।
पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में बनी इस समिति में गृह मंत्री अमित शाह और लोक सभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी समेत कुल आठ लोगों को जगह दी गई थी।
अधीर रंजन चौधरी ने अमित शाह को लिखी चिट्ठी में कहा है कि उन्हें मीडिया और गजट नोटिफिकेशन से जानकारी मिली है कि उन्हें इस हाईलेवल कमिटी का हिस्सा बनाया गया है। लेकिन वह इसे अस्वीकार करते हैं।
I.N.D.I.A. अलायन्स के जो नेता ये कह रहे हैं कि विपक्षी एकता से मोदी डर गए हैं, मोदी नर्वस हैं, वे शायद मोदी को जानते ही नहीं।
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई बार वन नेशन वन इलेक्शन की बात कह चुके हैं। उन्होंने संसद के अंदर भी कई मौकों पर वन नेशन वन इलेक्शन की बात कही है। उन्होंने सभी राजनीतिक दलों से अपील भी की थी वे इस फॉर्मूले पर साथ आएं।
केंद्र सरकार ने 'वन नेशन, वन इलेक्शन' की दिशा में कदम आगे बढ़ा दिया है। केंद्र की ओर से पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में एक कमिटी का गठन किया गया हैष
वन नेशन, वन इलेक्शन को देश में लागू करने के रास्ते में कई कानूनी अड़चनें हैं जिन्हें दूर करने की जरूरत है। इस लेख में हम ये जानने की कोशिश करेंगे कि वो कौन सी कानूनी अड़चनें हैं जिन्हें दूर किए जाने की जरूरत है।
केंद्र सरकार ने पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में एक कमिटी का गठन कर दिया है। माना जा रहा है कि केंद्र सरकार संसद के आगामी विशेष सत्र में इस संबंध में एक बिल ला सकती है।
केंद्र सरकार ने 18-22 सितंबर के बीच संसद का विशेष सत्र बुलाया है। विशेष सत्र में कुल 5 बैंठकें होंगी। इसे लेकर विपक्षी पार्टियां लगातार केंद्र सरकार पर हमला कर रही हैं। इसी बाबत इंडिया टीवी ने पोल का आयोजन किया जिसका रिजल्ट चौंकाने वाला है।
देश में 'वन नेशन, वन इलेक्शन' के मुद्दे पर फिर से चर्चा शुरू हो गई है। इस बाबत विपक्षी पार्टियों ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। इस बाबत महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज च्वहाण ने निशाना साधते हुए कहा कि सरकार पैनिक मोड में है।
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