One Nation One Election: 'एक देश एक चुनाव' प्रस्ताव को केंद्रीय कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है। इसी सत्र में इस बिल को संसद में रखा जा सकता है।
'वन नेशन, वन इलेक्शन' को लागू करने के लिए मोदी सरकार द्वारा तीन विधेयक लाए जाने की संभावना है, जिनमें दो संविधान संशोधन से संबंधित होंगे।
रेवंत रेड्डी ने कहा कि देश राज्यों का संघ है। भाजपा राज्यों के संघ की भावना को ठेस पहुंचाकर ‘एक राष्ट्र एक चुनाव’ की आड़ में अपना प्रभुत्व स्थापित करने की कोशिश कर रही है जिसका प्रतिकार किया जाना चाहिए।
शिवसेना (UBT) के नेता आदित्य ठाकरे ने केंद्र सरकार पर हमलावर होते हुए कहा कि वन नेशन, वन इलेक्शन की बात कर रहे हैं। कश्मीर में एक चरण में चुनाव भी नहीं करा पा रहे हैं।
कोई कह रहा है कि मोदी राज्य सरकारों को कमज़ोर करना चाहते हैं, कोई कह रहा है कि ये RSS का एजेंडा है, कोई कह रहा है कि मोदी देश में राष्ट्रपति शासन प्रणाली लागू कर देंगे। लेकिन ये सब बेकार की बातें हैं।
भारतीय जनता पार्टी ने 1984 में पहली बार अखिल भारतीय स्तर पर लोकसभा चुनाव लड़ा था और उसी साल मांग की थी पूरे देश में एक साथ चुनाव कराने की व्यवस्था होनी चाहिए।
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे ने एक देश एक चुनाव को लेकर केंद्र सरकार से कड़े सवाल किए हैं। बता दें कि बुधवार को मोदी कैबिनेट ने एक देश एक चुनाव को लेकर प्रस्ताव पास कर दिया है।
एक देश, एक चुनाव की सिफारिश को मोदी सरकार की कैबिनेट ने स्वीकार कर लिया है। बता दें कि इसे लेकर विपक्षी दलों का कहना है कि एक साथ चुनाव कराना व्यावहारिक नहीं है। सरकार का कहना है कि कई राजनीतिक दल पहले से ही इस मुद्दे पर सहमत हैं।
चुनाव खर्च पर नजर रखने वाले एक विशेषज्ञ के अनुसार, 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' लागू होने पर चुनाव खर्च में कम से कम 30 प्रतिशत की कमी आ सकती है।
आदित्य ठाकरे ने वन नेशन-वन इलेक्शन को लेकर केंद्र सरकार पर हमला बोल दिया है। साथ ही चुनाव आयोग को भी आदित्य ने मजाक बता दिया है।
उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में केंद्रीय कैबिनेट ने वन नेशन वन इलेक्शन के प्रस्ताव को अपनी मंजूरी दे दी है। यह एक स्वागत योग्य कदम है। देश में यह बहुप्रतीक्षित मांग रही है।
वन नेशन, वन इलेक्शन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा कि कैबिनेट ने एक साथ चुनाव कराने को लेकर उच्च स्तरीय समिति की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया है। मैं इस प्रयास का नेतृत्व करने और हितधारकों की एक विस्तृत श्रृंखला से परामर्श करने के लिए हमारे पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद को बधाई देता हूं।
मोदी कैबिनेट में वन नेशन वन इलेक्शन के प्रस्ताव को पास कर दिया है। वहीं इस पर विपक्ष के नेताओं को भी रिएक्शन सामने आए हैं। मल्लिकार्जुन खरगे ने इसे व्यवहारिक नहीं बताया है।
देश में एक बार फिर 'वन नेशन-वन इलेक्शन' की चर्चा जोरों पर है। मोदी कैबिनेट ने वन नेशन वन इलेक्शन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। आइए जानते हैं क्या है 'वन नेशन-वन इलेक्शन' और इसके लागू होने से क्या फायदे और नुकसान होंगे।
पीएम मोदी के नेतृत्व वाले केंद्रीय कैबिनेट ने एक देश एक चुनाव यानी वन नेशन वन इलेक्शन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। कैबिनेट में इसे लेकर प्रस्ताव पास हो गया है।
पिछले महीने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' की जोरदार वकालत की थी। उन्होंने कहा था कि बार-बार चुनाव होने से देश की प्रगति में बाधा उत्पन्न हो रही है।
केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार जल्द ही कई बड़े फैसलों का ऐलान कर सकती है। जानकारी के मुताबिक, मोदी सरकार जल्द ही जनगणना शुरू कर सकती है। इसके साथ ही एक राष्ट्र-एक चुनाव पर भी मोदी सरकार ने बड़ी तैयारी की है।
मोदी सरकार एक राष्ट्र एक चुनाव को लेकर प्रतिबद्ध है और अपने मौजूदा कार्यकाल के दौरान ही इस पर बिल लाएगी। सूत्रों ने रविवार को यह जानकारी दी।
जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने के बाद से विधानसभा चुनाव अभी तक हुआ ही नहीं। राज्य की पार्टियां जल्द चुनाव कराने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट भी गई थीं। जिस पर कोर्ट ने राज्य में सितंबर से पहले चुनाव कराने का आदेश दिया था।
अगर सारे चुनाव एक साथ हों तो लाखों करोड़ रूपए बचेंगे, वक्त बचेगा और ये संसाधन दूसरे कामों में लगाए जा सकते हैं। लेकिन एक देश, एक चुनाव का लक्ष्य फिलहाल आसान नहीं लगता क्योंकि संविधान में तमाम संसोधन करने होंगे।
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