केंद्र सरकार ने 18-22 सितंबर के बीच संसद का विशेष सत्र बुलाया है। विशेष सत्र में कुल 5 बैंठकें होंगी। इसे लेकर विपक्षी पार्टियां लगातार केंद्र सरकार पर हमला कर रही हैं। इसी बाबत इंडिया टीवी ने पोल का आयोजन किया जिसका रिजल्ट चौंकाने वाला है।
वन नेशन..वन इलेक्शन पर मोदी सरकार के फैसले के बाद पूरे देश ने सरगर्मी बढ़ा दी है.....मुंबई में विपक्षी दलों के गठबंधन की बैठक का एजेंडा बदल गया है..अब इंडिया गठबंधन अपने एजेंडे से पहले वन नेशन..वन इलेक्शन पर चर्चा कर रहा है..
देश में 'वन नेशन, वन इलेक्शन' के मुद्दे पर फिर से चर्चा शुरू हो गई है। इस बाबत विपक्षी पार्टियों ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। इस बाबत महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज च्वहाण ने निशाना साधते हुए कहा कि सरकार पैनिक मोड में है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई बार सार्वजनिक तौर पर 'वन नेशन, वन इलेक्शन' की चर्चा कर चुके हैं। संसद के अंदर और संसद के बाहर भी उन्होंने श्रेष्ठ भारत की ओर आगे कदम बढ़ाने के लिए इस फॉर्मूले को अपनाने की बात कही है।
केंद्र सरकार ने वन नेशन वन इलेक्शन के लिए एक कमेटी का गठन कर दिया है। यह कमिटी पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में बनाई गई।
शून्य काल में बीजेपी के डॉ. डी पी वत्स ने 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' का मुद्दा उठाया और कहा कि 'राष्ट्र हित को मद्देनजर रखते हुए मैं सभी राजनीतिक दलों, वह चाहें सरकार में हों या विपक्ष में, से आग्रह करूंगा कि इस विषय पर एक आम सहमति बनाई जाए।
पार्टी के एक नेता ने बताया, ‘‘इस महीने के अंत तक हम 25 से अधिक वेबिनार का आयोजन करने की योजना बना रहे हैं।’’ वर्ष 2014 में सत्ता के आने के बाद मोदी एक ‘‘राष्ट्र, एक चुनाव’’ के विचार पर बल देते हुए इसकी पुरजोर वकालत करते रहे हैं।
मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने शनिवार को यहां कहा कि ‘एक साथ लोकसभा-विधानसभा के चुनाव’ या ‘एक देश, एक चुनाव’ बहुत जल्द नहीं होने वाला है।
धानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ कराने की जरूरत पर एक बार फिर जोर देते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ की अवधारणा देश को महान बनाने के लिए आवश्यक है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण पर हुई चर्चा के बाद जवाब देने के साथ-साथ EVM के मुद्दे को लेकर विपक्ष पर निशाना साधा और 'एक देश, एक चुनाव' की वकालत भी की।
सिंह ने बैठक के बाद कहा कि ज्यादातर पार्टियों ने ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ का समर्थन किया। सिंह ने बैठक का संचालन भी किया। वहीं, भाकपा और माकपा ने थोड़ी बहुत मत-भिन्नता जाहिर की। उनका कहना था कि यह कैसे होगा, हालांकि उन्होंने एक राष्ट्र, एक चुनाव का सीधे तौर पर विरोध नहीं किया।
'एक देश, एक चुनाव' के मामले पर कांग्रेस में मतभेद नजर आ रहा है। पार्टी इस मुद्दे पर एक राय बनाने में नाकाम रही है। कांग्रेस की मुंबई इकाई के अध्यक्ष मिलिंद देवड़ा ने 'एक देश, एक चुनाव' का समर्थन किया है। जबकि, कांग्रेस ने इस संबंध में पीएम मोदी द्वारा बुधवार को बुलाई गई सभी राजनीतिक दलों के अध्यक्षों की बैठक में हिस्सा नहीं लिया।
सीपीएम नेता सीताराम येचुरी ने 'एक देश एक चुनाव' को अव्यवहारिक बताते हुए कहा कि यह सिर्फ एक नारा भर है। उन्होंने कहा कि यह व्यवहारिक नहीं है।
उड़ीसा के मुख्यमंत्री और बीजू जनता दल के अध्यक्ष नवीन पटनायक ने पीएम मोदी के एक देश एक चुनाव का समर्थन किया है।
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