कर्नाटक चुनाव की वजह से देश में 2 हफ्ते से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में किसी तरह का बदलाव नहीं हुआ है लेकिन अब अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम बढ़ने की वजह से ऑयल मार्केटिंग कंपनियों पर दाम बढ़ाने का दबाव बढ़ रहा है
कर्नाटक विधानसभा चुनाव में एक पखवाड़े से भी कम समय को देखते हुए सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों ने पेट्रोल और डीजल के दाम में प्रतिदिन होने वाले संशोधन को रोक दिया है।
आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने कहा कि सरकार फिलहाल पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क कटौती पर विचार नहीं कर रही है क्योंकि मूल्य फिलहाल उस स्तर पर नहीं पहुंचे हैं, जहां इस तरह की कार्रवाई करने की जरूरत होगी।
बेगूसराय के बरौनी रिफाइनरी में लगी भीषण आग.
इंदौर के एक तेल मिल में लगी भीषण आग
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम 75 डॉलर प्रति बैरल के पार पहुंच गए हैं जो नवंबर 2014 के बाद सबसे अधिक कीमत है। कच्चे तेल की कीमतों में आई इस तेजी की वजह से ऑयल मार्केटिंग कंपनियों की लागत बढ़ेगी
पेट्रोल और डीजल की लगातार बढ़ती कीमतों से राहत मिलन की उम्मीद कम है, वित्त मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा है कि फिलहाल सरकार पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी में कटौती पर विचार नहीं कर रही है।
क्रूड ऑयल की लगातार बढ़ती कीमतों के बीच सऊदी अरब के ऊर्जा मंत्री खालेद अल फालेह ने कहा कि वैश्विक बाजार में कच्चे तेल की ऊंची कीमतें वहन करने की क्षमता है।
भारतीय शेयर बाजार में एकतरफा तेजी का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है, आज बुधवार को शेयर बाजार में लगातार 10वें दिन बढ़त देखने को मिल रही है। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज के सेंसेक्स और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के निफ्टी में हरे निशान के साथ शुरुआत हुई है
पेट्रोल-डीजल: सिर्फ दिल्ली ही नहीं बल्कि दिल्ली से सटे NCR के दूसरे शहरों में भी डीजल की कीमतों ने नई रिकॉर्ड ऊंचाई को छुआ है
केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने आज कहा कि सरकार ने कर्नाटक चुनाव के मद्देनजर सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनियों को पेट्रोल-डीजल की कीमतों में वृद्धि रोकने का कोई निर्देश नहीं दिया है।
महंगे क्रूड और कमजोर रुपए की वजह से तेल कंपनियों की लागत बढ़ गई है और इस लागत को ग्राहकों से वसूलने के लिए तेल कंपनियां पेट्रोल और डीजल की कीमतों में और बढ़ोतरी कर सकती हैं
शेयर बाजार आज पूरी तरह से करेंसी की गिरफ्त में है, रुपया 5 महीने के निचले स्तर पर है जिस वजह से सबसे ज्यादा तेजी आईटी कंपनियों में है और इसी वजह से सबसे ज्यादा गिरावट तेल कंपनियों के शेयरों में है
सरकार ने वित्त और पेट्रोलियम मंत्रियों को मौजूदा नीलामी में सफल बोलीदाता को तेल एवं गैस ब्लॉक आवंटित करने की अनुमति बुधवार को दे दी। लाइसेंस देने में तेजी तथा कारोबार सुगमता के मकसद से यह कदम उठाया गया है।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में आई तेजी की वजह से ऑयल मार्केटिंग कंपनियों के शेयरों पर आज दबाव दिखा
डीजल का भाव पहले ही देश में रिकॉर्ड ऊंचाई पर है और पेट्रोल की कीमतें करीब 4 साल के ऊपरी स्तर पर हैं, ऐसे में अगर भाव और बढ़ा तो उपभोक्ताओं पर खराब असर पड़ेगा
हालांकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में हुई बढ़ोतरी की वजह से आज ऑयल मार्केटिंग कंपनियों पर दबाव देखा जा रहा है, कच्चे तेल का भाव 40 महीने के ऊपरी स्तर तक पहुंच गया है
इंडियन ऑयल के मुताबिक देश के कई शहरों में डीजल का दाम 70 रुपए के पार हो चुका है तो कई शहरों में 70 रुपए के करीब है, पेट्रोल की कीमतों ने भी 4 साल की नई ऊंचाई को छुआ है
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का सेंसेक्स 115.27 प्वाइंट की तेजी के साथ 33370.63 पर बंद हुआ जबकि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 33.20 प्वाइंट बढ़कर 10245 पर बंद हुआ
आज बैंक शेयरों के अलावा ऑयल मार्केटिंग कंपनियों के शेयरों में भी मजबूती है जिसके पीछे की वजह अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में आई जोरदार गिरावट है
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